Mysore In Hindi, मैसूर भारत के कर्नाटक राज्य का एक पर्यटन स्थल है जो कई दर्शनीय स्थलों का केंद्र है। आपको बता दें कि यह शहर अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के कारण भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में जाना जाता है। मैसूर को द सिटी ऑफ पैलेसेस के रूप में जाना जाता है और यह कर्नाटक राज्य के तीसरे सबसे ज्यादा आबादी वाले शहरों में से एक है। मैसूर के दर्शनीय स्थल और इसकी सांस्कृतिक विरासत पूरे साल पर्यटकों को आकर्षित करती है।
अगर आप भी मैसूर शहर की यात्रा करने जा रहे हैं या घूमने की योजना बना रहें हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम आपको मैसूर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं –
वैसे तो मैसूर में घूमने के लिए कई पर्यटन स्थल मौजूद है लेकिन हम आपको मैसूर के टॉप १० पर्यटन स्थल के बारे बताने जा रहे है। आप जब भी मैसूर जाने का प्लान बनाये तो इन आकर्षण स्थलों पर जरुर जाये –
मैसूर पैलेस मैसूर शहर का प्रमुख आकर्षण है जो इंडो – सरकेनिक शैली की वास्तुकला एक अच्छा उदाहरण है। आपको बता दें मैसूर पैलेस कर्नाटक राज्य में मैसूर में स्थित एक बेहद खूबसूरत इमारत है जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मैसूर पैलेस ताजमहल के बाद स्थानीय और विदेशी पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा देखी जाने वाली ऐतिहासिक इमारत है। इसके साथ ही मैसूर पैलेस अपने लाइट एंड साउंड शो और जीवंत दशहरा समारोह के लिए प्रसिद्ध है। मैसूर पैलेस को वर्ष 1912 में वोडेयार राजवंश के 24 वें शासक के लिए बनाया गया था और इसे देश के सबसे बड़े महलों में गिना जाता है। अगर आप मैसूर शहर के दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो मैसूर पैलेस को अपनी सूची में आपको जरुर शामिल करना चाहिए।
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सोमनाथपुरा मैसूर के प्रमुख दर्शनीय और धार्मिक स्थलों में से एक है। आपको बता दें कि यह पवित्र नदी कावेरी के तट पर एक छोटा सा शांत शहर है। यह शहर अपने चन्नेकसवा मंदिर या केशव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। आपको बता दें यह मंदिर होयसाल वास्तुकला का सबसे अच्छा नमूना है। यह एक वैष्णव हिंदू मंदिर है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर इतना ज्यादा आकर्षक है कि इसे देखने और दर्शन करने दूर -दूर से पर्यटक आते हैं। चेन्नेकसावा मंदिर होयसला साम्राज्य के राजाओं द्वारा उनके राज्य के विभिन्न हिस्सों में बनाए गए 1500 मंदिरों में से एक है। इसके साथ ही यह प्रसिद्ध होयसला वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। आज यह मंदिर पूजा स्थल के रूप में उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि इसे हमलावर मुस्लिम सेनाओं द्वारा तोड़ दिया गया था लेकिन आज भी इस मंदिर को देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
बृंदावन गार्डन मैसूर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो कर्नाटक के मंड्या जिले में स्थित है। यह गार्डन दिखने में बेहद खूबसूरत और इसका प्राकृतिक वातावरण हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है। जब आप इस गार्डन में प्रवेश करेंगे तो प्रवेश द्वार के पास गुलाब के बागों और फूलों को देख कर हैरान रह जायेंगे। बता दें कि इस गार्डन के निर्माण का कार्य 1927 में शुरू हुआ और यह वर्ष 1932 में पूरा हुआ। यह 150 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और यह देश के सबसे अच्छे उद्यानों में से एक है। बृंदावन गार्डन में पर्यटक एक वनस्पति पार्क और कई फव्वारे भी देख सकते हैं। म्यूजिकल फाउंटेन इस उद्यान के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक है, लेकिन इस रंगीन फव्वारे का आनंद लेने के लिए पर्यटकों को सूर्यास्त के समय गार्डन का दौरा करना होगा।
श्री चामराजेंद्र जूलॉजिकल उद्यान मैसूर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। आपको बता दें कि इस उद्यान को मैसूर चिड़ियाघर के रूप में भी जाना जाता है, जो भारत में सबसे अच्छे जूलॉजिकल गार्डन में से एक है। श्री चामराजेंद्र जूलॉजिकल उद्यान की स्थापना वर्ष 1892 में महाराजा चामराजा वोडेयार द्वारा की गई थी। यह गार्डन मैसूर में महल के पास स्थित है जो 157 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध चिड़ियाघरों में से एक है। अगर आप मैसूर के दर्शनीय के पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो आप इस गार्डन में शांति के कुछ पल बिता सकते हैं और यहां बोटिंग का मजा भी ले सकते हैं। मैसूर चिड़ियाघर जानवरों के लिए एक प्राकृतिक आवास के रूप में काम करता है। पर्यटक यहां पर बिल्लियों, जलीय से लेकर स्थलीय पक्षी, सरीसृप की प्रजातियों को देख सकते हैं।
चामुंडेश्वरी मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है जो चामुंडी हिल्स पर 1000 फीट की ऊंचाई पर मैसूर के पूर्वी किनारे पर स्थित है। चामुंडेश्वरी मंदिर देवी दुर्गा के नाम चामुंडा देवी को समर्पित है। इस मंदिर में देवी की मूर्ति के अलावा नंदी और महिषासुर की मूर्ति भी स्थापित है। चामुंडेश्वरी मंदिर को शक्ति पीठ माना जाता है और यह 18 महा शक्ति पीठों में से एक है। तीर्थ यात्री इस मंदिर तक या तो सीढ़ियों से पहुंच सकते हैं या ड्राइव करके भी जा सकते हैं। बता दें कि चामुंडेश्वरी मंदिर में रोजाना तीथ यात्रियों की ज्यादा भीड़ नहीं होती इसलिए भक्त आसानी से मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
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दिल्ली के राष्ट्रीय रेलवे संग्रहालय बाद मैसूर का रेल संग्रहालय भारत में अपनी तरह का दूसरा संग्रहालय है। इसे भारतीय रेलवे द्वारा 1979 में बनाया गया था और तब से अब तक रेलवे संग्रह का सुरक्षित स्थान रहा है। इस संग्रहालय में आप तस्वीरें और विभिन्न वस्तुओं के संग्रह से भारतीय रेलवे की यात्रा और विकास को देख सकते हैं। रेल संग्रहालय में लोकोमोटिव का शानदार संग्रह है। पहले अधिकांश प्रदर्शनियों को मैसूर पैलेस में रखा गया था जिसे बाद में इस रेल संग्रहालय में स्थानांतरित कर दिया गया। यहाँ प्रदर्शन के लिए लाइट, टिकट, टिकटिंग मशीन, घड़ियाँ, सिग्नल संकेत, और हाथ से संचालित भाप वाटर पंप रखे गए हैं। यहां का प्रमुख आकर्षण एक एक बैटरी से चलने वाली मिनी टॉय ट्रेन है जो पर्यटकों को संग्रहालय के मैदान के चारों ओर घुमाती है।
करणजी झील का नाम भी मैसूर शहर के दर्शनीय स्थलों की लिस्ट में शामिल हैं। अगर आप अपने परिवार के साथ मैसूर शहर की यात्रा करने जा रहें हैं तो करणजी झील के पास आराम के कुछ पल बिता सकते हैं। करणजी झील को कभी फव्वारा झील भी कहा जाता है। बहुत सारे लोग अपने परिवार के लोगों और दोस्तों के साथ अक्सर यहां पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। पर्यटक अपने साथ यहाँ भोजन भी पैक करके ला सकते हैं। बता दे कि अगर आप कॉफ़ी प्रेमी हैं तो यहां पर झील के पास एक कॉफी की दुकान भी स्थित है। करणजी झील पक्षी प्रेमियों के लिए एक आदर्श जगह है क्योंकि जहां पर पक्षियों की 147 प्रजातियाँ देखी जा सकती है। झील में एक तितली पार्क भी है जो सुंदर तितलियों की 45 से अधिक प्रजातियों का घर है, जो बेहद रंगबिरंगी हैं। अगर आप मैसूर की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको करणजी झील घूमने के लिए अवश्य जाना चाहिए।
जगनमोहन पैलेस मैसूर शहर में देखने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। आपको बता दें कि जगनमोहन पैलेस एक शानदार इमारत है, जिसके नाम के साथ एक शानदार इतिहास जुड़ा हुआ है। 1869 में निर्मित जगनमोहन पैलेस का उपयोग मैसूर के वोडेयर्स द्वारा किया गया था, जब उनका मुख्य निवास अम्बा विलास पैलेस का अग्नि दुर्घटना के बाद जीर्णोद्धार क्या गया था। इस पैलेस को शासनकाल के दौरान शहर के वोडेयार किंग्स के सबसे खूबसूरत योगदानों में गिना जाता है। अब जगनमोहन पैलेस को एक शानदार आर्ट गैलरी में बदल दिया गया था और आज यहाँ कई कलाकृति देखी जा सकती है।
सेंट फिलोमेना चर्च मैसूर में देखने की सबसे अच्छी जगहों में शामिल है क्योंकि यह चर्च एशिया के दूसरे सबसे लंबे चर्च के रूप में जाना जाता है। बता दें कि सेंट फिलोमेना चर्च का निर्माण कैथोलिक संत और रोमन कैथोलिक चर्च के शहीद संत फिलोमेना को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था। यह चर्च मैसूर का प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है जहाँ का दौरा आपको अपनी मैसूर यात्रा के दौरान अवश्य करना चाहिए। सेंट फिलोमेना चर्च मैसूर की सबसे खूबसूरत संरचनाओं में से एक है और यह शाम के समय आकाश में देखने पर और भी ज्यादा सुंदर दिखता है।
त्रिनेश्वरस्वामी मंदिर मैसूर शहर में मैसूर किले के बाहर स्थित है। यह मंदिर त्रिनेश्वर को समर्पित है जिसका मतलब होता है तीन नेत्र वाले शिव। बता दें कि इस मंदिर का गोपुर 18 वीं शताब्दी में नष्ट हो गया था, लेकिन मंदिर द्रविड़ वास्तुकला की सुंदरता आज भी पर्यटकों को आकर्षित करती है।
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अगर आप मैसूर के दर्शनीय स्थलों की सैर करने जा रहें हैं तो बता दें कि यहां घूमने के अलावा आप कई तरह के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद भी ले सकते हैं। मैसूर के लोकल फूड में इडली, बड़ा, पूड़ी सागू, बोंडा, खारा बाथ / उप्पिथु / उपमा, उथापम, पूड़ी, शविगे बाथ, मसाला डोसा, पेपर डोसा, खुला डोसा, रवा डोसा, ओनियन डोसा, हरा (पालक) डोसा, नीर डोसा, ब्राह्मण भोजन, बाजजी / पकोड़ा के अलावा भी खाने की चीजें मिल जायेंगी।
मैसूर में उष्णकटिबंधीय जलवायु है, लेकिन मॉनसून और सर्दियों के समय इस शहर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय है। जुलाई से फरवरी तक मानसून – सर्दियों के महीनों में यहां का मौसम बेहद सुखद होता है। इन महीनों में आप शहर की खूबसूरती देखते हुए दर्शनीय स्थलों की यात्रा कर सकते हैं। गर्मियों का मौसम यहां के दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने के लिए उचित नहीं है।
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अगर आप मैसूर शहर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि आप यहां हवाई, सड़क और रेल मार्ग द्वारा यात्रा कर सकते हैं। मैसूर के लिए नियमित रूप से बसें भी उपलब्ध हैं जिनकी मदद से आप मैसूर की यात्रा आसानी से कर सकते हैं।
अगर आप मैसूर की यात्रा हवाई जहाज द्वारा करना चाहते हैं तो बता दें कि बैंगलोर हवाई अड्डा यहां का प्रमुख हवाई अड्डा है। अगर आप देश के बाहर से यात्रा कर रहें हैं तो इस हवाई अड्डे के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। मैसूर शहर के अंदर एक घरेलू हवाई अड्डा है जो चेन्नई, मुंबई, बैंगलोर, नई दिल्ली और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
अगर आप सड़क मार्ग द्वारा यात्रा करने जा रहें हैं तो बता दें कि मैसूर बैंगलोर के दक्षिण पश्चिम की ओर 139 किमी है। इन दोनों शहरों को जोड़ने वाली सड़के काफी अच्छी हैं। बैंगलोर से मैसूर तक सड़क मार्ग से जाना एक शानदार अनुभव है और इसमें लगभग 3 घंटे लगेंगे। कर्नाटक सड़क परिवहन निगम का मैसूर में शानदार परिवहन की सुविधा प्रदान करता है।
मैसूर शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन शहर के मध्य में स्थित में स्थित है। मैसूर रेलवे स्टेशन की तीन लाइनें हैं जो शहर को बैंगलोर, हासन और चामराजनगर से जोड़ती हैं।
मैसूर शहर की यात्रा करने के लिए आप ऑटो रिक्शा किराये पर करना सबसे अच्छा तरीका क्योंकि इसमें आप मीटर की रीडिंग के हिसाब से पैसे दे सकते हैं। बता दें कि रात में 10 बजे के बाद ऑटो चालक मीटर रीडिंग से 50% अधिक शुल्क लेते हैं, इसलिए आप रात के समय टैक्सी भी किराये पर ले सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने मैसूर के प्रमुख पर्यटक स्थल को जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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