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सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन और आसपास घूमने की जगहें –Information About Surkanda Devi Temple in Hindi

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Surkanda Devi Temple in Hindi : सुरकंडा देवी मंदिर उत्तराखंड के टिहरी जिले में धनोल्टी हिल स्टेशन के पास एक पहाड़ी के उपर स्थित है। उनियाल गाँव में धनोल्टी से थोड़ी दूरी पर स्थित, यह मंदिर सुरकंडा देवी को समर्पित है जो देवी सती को समर्पित 51 शक्तिपीठो में से एक है। कोहरे,धुंध, प्रचुर मात्रा में हरियाली और रंगीन फूलों के बीच स्थित सुरकंडा देवी मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल होने के साथ साथ गढ़वाल क्षेत्र का एक शानदार 360 डिग्री दृश्य प्रदान करता है जबकि उत्तर में, हिमालय के बर्फ से ढके पहाड़ों देखा जा सकता है दूसरी तरफ ऋषिकेश और देहरादून घाटी को देखा जा सकता है।

बता दे पर्यटकों को मंदिर तक पहुचने के लिए लगभग 3 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है जो सुरकंडा देवी मंदिर की यात्रा को और अधिक रोमांचक बना देती है। टिहरी जिले का एक हिस्सा होने के नाते मंदिर एक शीर्ष पर्यटन स्थल है जहाँ प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक माता का आश्रीबाद लेने के लिए आते है। यदि आप सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन के लिए जाने वाले है या इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में  जानना चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमे आप सुरकंडा देवी की कहानी, इतिहास और यात्रा से जुडी जानकारी को जान सकेगें –

Table of Contents

सुरकंडा देवी की कहानी – Story of surkanda devi in Hindi

पौराणिक कथायों के अनुसार सुरकंडा देवी की कहानी उस समय की है जब राजा दक्ष ने एक महान यज्ञ का आयोजन किया, जिसमे उन्होंने सभी देवताओं, देवताओं और ऋषियों को आमंत्रित किया, लेकिन जानबूझकर अपने दामाद शिव को अपमानित करने के लिए उनको आमंत्रित नही किया। अपने पिता के फैसले से आहत होकर, सती ने अपने पिता से मिलने का फैसला किया और उन्हें आमंत्रित न करने का कारण पूछा। लेकिन उसके विपरीत दक्ष ने शिव का अपमान किया। अपने पति के खिलाफ कुछ भी सहन करने में असमर्थ, देवी सती खुद यज्ञ की आग में कूद गयी और अपने प्राण दे दिए। जब शिव जी को अपनी पत्नी के निधन की सूचना दी, तो वह क्रोधित हो गए और उन्होंने वीरभद्र को पैदा किया। वीरभद्र ने दक्ष के महल में कहर ढाया और उनकी हत्या कर दी।

इस बीच अपनी प्रिय आत्मा की मृत्यु का शोक मनाते हुए, शिव ने सती के शरीर को कोमलता से पकड़ लिया और विनाश (तांडव) का नृत्य शुरू कर दिया। ब्रह्मांड को बचाने और शिव की पवित्रता को वापस लाने के लिए, भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र का उपयोग करके सती के निर्जीव शरीर को 51 टुकड़ों में काट दिया। जिससे माता सती का सर इस स्थान पर गिरा था इसीलिए इस मंदिर सुरकंडा देवी के नाम से जाना जाता है।

 सुरकंडा देवी मंदिर का इतिहास – History of Surkanda Devi Temple in Hindi

Image Credit : Ashish Kothari

सुरकंडा देवी मंदिर का इतिहास मूल रूप से उस समय का है जब माता सती के मृत शरीर को भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र ने 51 टुकड़ों में काट में था जो पृथ्वी के अलग अलग हिस्सों में जाकर गिरे थे जिसके बाद उन हिस्सों पर माता को समर्पित शक्तिपीठो का निर्माण किया गया था। ठीक उसी प्रकार इस पहाड़ी पर भी माता सती का सर आकर गिरा था जिसके बाद यहाँ सुरकंडा देवी मंदिर का निर्माण किया गया था। लेकिन सुरकंडा देवी मंदिर के निर्माण की वास्तविक तिथि आज भी अज्ञात है परन्तु वर्तमान में मंदिर का पुनः निर्माण किया गया जा चूका है।

सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन का समय – Surkanda Devi Temple Timings in Hindi

Image Credit : Sunny Kumar

यदि आप अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन के लिए जाने वाले है लेकिन अपनी यात्रा पर जाने से पहले सुरकंडा देवी मंदिर की टाइमिंग के बारे में जानना चाहते है तो हम आपकी जानकारी सुरकंडा देवी मंदिर सुबह 9.00 से 5.00 बजे तक खुलता है। इस दौरान आप कभी सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते है। लेकिन ध्यान से मंदिर की विस्तृत और आरामदायक यात्रा के लिए 2 -3 घंटे का समय अवश्य निकालें।

और पढ़े : तिरुपति बालाजी का रहस्य और उनकी कहानी

सुरकंडा देवी मंदिर की एंट्री फीस – Entry fees of Surkanda Devi temple in Hindi

सुरकंडा देवी मंदिर की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को बता दे सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन के लिए कोई भी शुल्क नही है।

यहाँ आप बिना किसी शुल्क का भुगतान किया सुरकंडा देवी के दर्शन कर सकते है और घूम सकते है।

सुरकंडा देवी मंदिर के आसपास घूमने की जगहें – Places to visit around Surkanda Devi Temple in Hindi

धनोल्टी उत्तराखंड का बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है जो सुरकंडा देवी मंदिर के साथ साथ नीचे दिए गये पर्यटक स्थलों के लिए भी फेमस है इसीलिए आप जब भी सुरकंडा देवी मंदिर की यात्रा पर आयें तो इन जगहों पर घूमने जरूर जायें-

  • इको पार्क
  • एप्पल ऑर्चर्ड रिसोर्ट
  • धनोल्टी एडवेंचर पार्क
  • शिविर थंगधर
  • देवगढ़ फोर्ट
  • टिहरी बांध
  • दशावतार मंदिर
  • कनाटल एडवेंचर कैंप

सुरकंडा देवी मंदिर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय –Best time to visit Surkanda Devi Temple in Hindi

Image Credit : Sharad Kumar Gupta

सुरकंडा देवी मंदिर घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय मानसून को छोड़कर पूरा साल सबसे अच्छा होता है मानसून में भारी बर्षा के कारण यहाँ भूस्खलन होता रहता है इसीलिए जुलाई-अगस्त के भारी मानसून के महीनों में यहां जाने से बचना चाहिए।

और पढ़े : धनोल्टी यात्रा की जानकारी और घूमने की 5 खास जगह

सुरकंडा देवी मंदिर की यात्रा में रुकने के लिए होटल्स – Hotels to stay for a visit to Surkanda Devi Temple in Hindi

यदि आप सुरकंडा देवी मंदिर घूमने जाने को प्लान कर रहे है और अपनी यात्रा में रुकने के लिए होटल्स सर्च कर रहे है तो हम आपको बता दे धनोल्टी उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जहाँ रुकने के लिए सभी बजट की होटल्स उपलब्ध है जिन्हें आप अपनी सुरकंडा देवी मंदिर की यात्रा में रुकने के लिए चुन सकते है।

  • रॉक रिसोर्ट्स (Rock resort)
  • रॉयल रेसीडेंसी (Royal Residency)
  • धनोल्टी कैम्प होम्स एंड नेचर रिजॉर्ट (Dhanaulti Camp Homes And Nature Resort)
    ग्लैमवुड रिज़ॉर्ट (Glamwood Resort)

सुरकंडा देवी मंदिर केसे पहुचें – How To Reach Surkanda Devi Temple in Hindi

सुरकंडा देवी मंदिर धनोल्टी से 08 और चंबा से 22 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी पर स्थित है। धनोल्टी या चंबा पहुचने के बाद आप स्थानीय वाहनों की मदद से सुरकंडा देवी मंदिर जा सकते है। तो आइये नीचे विस्तार से जानते है  की हम फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग से सुरकंडा देवी मंदिर केसे जायें –

फ्लाइट से सुरकंडा देवी मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Surkanda Devi Temple By Flight In Hindi

अगर आप सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए फ्लाइट से यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें धनोल्टी का निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जो सुरकंडा देवी मंदिर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद आप एक टेक्सी बुक करके सुरकंडा देवी मंदिर जा सकते है।

सड़क मार्ग से सुरकंडा देवी मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Surkanda Devi Temple By Road In Hindi

सड़क मार्ग से सुरकंडा देवी मंदिर पहुँचने के लिए आपको मसूरी के माध्यम से जाना सही रहेगा। बता दें कि धनोल्टी से मसूरी की दूरी लगभग 33 किमी है। अपनी इस यात्रा को आप टैक्सी, कैब या लक्जरी बसों की मदद से अंजाम दे सकते हैं।

 ट्रेन से सुरकंडा देवी मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Surkanda Devi Temple By Train In Hindi

अगर आप सुरकंडा देवी मंदिर के लिए ट्रेन से यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो बता दें सुरकंडा देवी मंदिर से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देहरादून रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है। देहरादून रेलवे स्टेशन के लिए आपको भारत के प्रमुख शहरों से ट्रेन मिल जाएगी। बता दें कि अधिकतर ट्रेनों के लिए आम कनेक्टिंग सिटी दिल्ली है।

और पढ़े : भगवन शिव का प्राचीन तुंगनाथ मंदिर चोपता उत्तराखंड के दर्शन की पूरी जानकारी

इस लेख में आपने सुरकंडा देवी मंदिर का इतिहास और सुरकंडा देवी मंदिर की यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।

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सुरकंडा देवी मंदिर का मेप – Map of Surkanda Devi Temple

और पढ़े :

Featured Image Credit ; Harsh Nainwal

Kailash Patel

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