Satpura National Park In Hindi : सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक प्राचीन पार्क है जो खास रूप से वनस्पतियों और जीवों के लिए संरक्षण बनाया गया है। सतपुड़ा नेशनल पार्क को साल 1981 में स्थापित किया गया था और इसकी ऊंचाई 300 से 1,352 मीटर तक है। सतपुड़ा नेशनल पार्क भारत के सबसे खूबसूरत बाघ अभयारण्यों में से एक है जिसे वर्ष 2010 में सबसे अधिक पर्यटकों के अनुकूल होने की वजह से टीओएफटी वन्यजीव पर्यटन पुरस्कार मिला था। भारत के मध्यप्रदेश राज्य के होशंगाबाद जिले में स्थित यह पार्क 202 वर्ग मील में फैला हुआ है और इसके इसका नाम सतपुड़ा पहाड़ी श्रेणियों या महादेव पहाड़ियों से मिला है।
सतपुड़ा नेशनल पार्क उन लोगो के लिए बहुत अच्छा है जो पारंपरिक अभयारण्यों और वन्यजीव पार्कों को घूमकर थक चुकें है और शहर के वातावरण से दूर रहकर एक अलग अनुभव का एहसास लेना चाहते हैं। सतपुड़ा नेशनल पार्क भारत के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी बहुत खास है, क्योंकि यह पार्क बोरी और पचमढ़ी अभयारण्यों के साथ बाघ आरक्षित के लिए लगभग 550 वर्ग मील का क्षेत्र प्रदान करता है। सतपुड़ा नेशनल पार्क में वन परिक्षेत्र कई विभिन्न पौधों और जानवरों के अलावा कई लुप्तप्राय संकटग्रस्त प्रजातियों के लिए आवास प्रदान करते हैं।
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान आज जिस जगह पर है उसे शुरू में बंगाल लांसर्स के कैप्टन जेम्स फोर्सिथ ने वर्ष 1862 में खोजा था। इसके बाद में जब संबंधित अधिकारियों को इस क्षेत्र के हरे-भरे जंगलों के पारिस्थितिक और वाणिज्यिक मूल्य का एहसास हुआ तो उन्होंने इसे आरक्षित वन घोषित करने का निर्णय लिया। इसके बाद मध्यप्रदेश राज्य सरकार ने इसे राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य के रूप में घोषित कर दिया ताकि यहां के जीवों और फूलों के संरक्षण पर ध्यान दिया जा सके। इसके बाद भारत सरकार द्वारा सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान को अपने निकटवर्ती बोरी और पंचमढ़ी अभयारण्यों के साथ मिलाकर टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया कर दिया गया।
मध्यप्रदेश के सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान जैव-विविधता में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। यह पार्क भारत के पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न अंग है क्योंकि यह पार्क वनों की कई लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजातियों का घर है। इस पार्क में 300 से अधिक प्रजातियों के पौधों और फूलों की विविधता पाई जाती है। सतपुड़ा नेशनल पार्क में पाए जाने वाले वनों की सूचि में सागौन, साल, तेंदू, बांस, महुआ (भारतीय मक्खन-पेड़), बेल , घास, झाड़ियों और अन्य औषधीय पौधे भी पाए जाते हैं।
अगर आप एक वर्न्यजीव प्रेमी हैं और सतपुड़ा नेशनल पार्क नेशनल पार्क में पाए जाने वाले जीव-जन्तुओं के बारे में जानना चाहते हैं तो बता दें कि इस पार्क में मार्श मगरमच्छ, बाघ, स्लोथ भालू, भारतीय बाइसन, जंगली कुत्ते, तेंदुए, जंगली सूअर, ब्लैक बक, स्मूथ ऑटर, चार सींग वाले मृग, सांभर, पैंगोलिन, आदि शामिल हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान विशालकाय भारतीय गिलहरी भी पाई जाती है जो इन दिनों बेहद दुर्लभ है। इस सभी के अलावा मध्य भारत दूसरे उद्यानों की तुलना में तेंदुए, गौर, जंगली कुत्ते और स्लॉथ बियर देखने की संभावना इस पार्क में ज्यादा होती है। सतपुड़ा नेशनल पार्क में आप कई तरह के पक्षियों को भी देख सकते हैं।
अगर आप सतपुड़ा नेशनल पार्क घूमने के लिए जा रहे हैं और यहां जंगल सफारी का मजा लेना चाहते हैं तो बता दें कि इस पार्क में जंगल सफारी मोटरबोट के माध्यम से देनवा नदी को पार करके शुरू की जाती है जिसकी सुविधा वन विभाग द्वारा प्रदान की जाती है। इसके बाद पर्यटकों को जीपों के आने का इंतजार करना पड़ता है। इस समय पर आप नीले बैल के बच्चों और चित्तीदार हिरणों को देख सकते हैं। बता दें कि इस नेशनल पार्क में वन विभाग द्वारा आवास की सुविधा भी मौजूद है। सतपुड़ा नेशनल पार्क पार्क में सफारी के दौरान पर्यटकों को (कुछ खास जगहों को छोड़कर) वाहन से उतरने के अनुमति नहीं है।
अगर आप सतपुड़ा नेशनल पार्क के लिए ऑनलाइन सफारी बुक करना चाहते हैं तो बता दें कि इस पार्क में सफारी बुक करने के लिए ऑनलाइन सुविधा नहीं है। टिकट बुक करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप जिस भी रिसोर्ट में ठहरे हैं वहां से टिकट बुक कर सकते हैं। इसके अलावा आप पार्क प्रबंधन के बुकिंग काउंटर के माध्यम सफारी बुक कर सकते हैं, जो प्रवेश द्वार के पास स्थित है। बता दें कि ऐसा ही एक काउंटर मढ़ई प्रवेश द्वार पर देनवा नदी के तट पर स्थित है।
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सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान 1 अक्टूबर से 15 जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। पार्क खुलने का समय इस प्रकार हैं
सर्दियों में पार्क खुलने का समय
गर्मियों में पार्क खुलने का समय
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के लिए 01 अक्टूबर से 15 जून तक खुला रहता है। इस समय आप इस खूबसूरत बाघ अभयारण्य की यात्रा कर सकते हैं और जंगल सफारी, नौका विहार, सफारी और हाथी की सवारी का का मजा भी ले सकते हैं।
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अगर आप सड़क मार्ग से सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यह पार्क पचमढ़ी पहाड़ी स्टेशन के करीब है और यह मध्यप्रदेश के प्रमुख शहर भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नागपुर से सड़क द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यह नेशनल पार्क होशंगाबाद जिले में है जो अन्य स्थानों से सड़क द्वारा जुड़ा है।
अगर आप ट्रेन या रेल के माध्यम से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व तक पहुंचना चाहते हैं तो बता दें कि इसका निकटतम रेलवे स्टेशन सोहागपुर है जो इस राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बता दें कि एक छोटा स्टेशन होने की वजह से कई लंबे रूट वाली ट्रेनें इस स्टेशन पर नहीं रूकती। सतपुड़ा पार्क का दूर निकटतम रेलवे स्टेशन पिपरिया रेलवे स्टेशन है, जिस पर कई सुपरफ़ास्ट और एक्सप्रेस ट्रेन रूकती हैं। यह स्टेशन राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 45 किलोमीटर दूर है।
अगर आप हवाई जहाज द्वारा सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के लिए जाना चाहते हैं तो बता दें कि इसका निकटतम हवाई अड्डा भोपाल (190 Kms) शहर में है जो इंदौर, मुंबई, और दिल्ली जैसे बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इसके अलावा सबसे अच्छा विकल्प जबलपुर हवाई अड्डा है जो लगभग 265 Kms दूर स्थित है।
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