Rashtrapati Bhavan In Hindi, राष्ट्रपति भवन देश के सर्वोपरी व्यक्ति का निवास स्थान होता हैं। राष्ट्रपति भवन (प्रेसिडेंट हाउस) को पहले वाइसराय हाउस के नाम से जाना जाता था। राष्ट्रपति भवन दिल्ली के पश्चिम छोर पर स्थित है और इस विशाल ईमारत में 340 कमरे बने हुए हैं। राष्ट्रपति भवन जोकि देश के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास स्थान हैं इसमें स्वागत कक्ष, राजकीय कार्यालय, टेनिस कोर्ट, क्रिकेट मैदान, बच्चो के लिए उपयुक्त स्थान, पोलो खेलने के लिए मैदान, कर्मचारियों के लिए निवास स्थान और भवन के पीछे मुगल गार्डन स्थित हैं। राष्ट्रपति भवन 330 एकड़ की विशाल संपत्ति में 5 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ हैं और इसकी संरचना एच आकर की हैं।
राष्ट्रपति भवन को ब्रिटिश शासन के दौरान भारत के वाइसराय और गवर्नर जनरल के निवास स्थान के रूप में निर्मित किया गया था। यह संरचना सन 1950 के दौरान की शास्त्रीय डिजाइन के संस्करणों को प्रस्तुत करती हैं। राष्ट्रपति भवन को रायसिना हिल्स पर बनाया गया था और इसका प्रवेश द्वार का नाम प्रकाश वीर शास्त्री एवेन्यू गेट 35 है। राष्ट्रपति भवन दिल्ली के केंद्र में स्थित है जिसे पहले ‘लुटियंस दिल्ली’ के नाम से जाना जाता था।
इस ईमारत ने भारत के वायसराय के निवास स्थान के रूप उस समय तक सेवा दी जब तक भारत को एक स्वत्रन्त्र देश घोषित नही किया गया। भारत की राजधानी को कोलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित किया गया और भारत के गवर्नर जनरल के लिए एक निवास स्थान का निर्माण किया गया। राष्ट्रपति भवन के निर्माण और डिजाइन की जिम्म्मेदारी एडविन लैंडसीर लुटियंस के हाथो में सौपी गई और उन्होंने हर्बर्ट बेकर के साथ अपने डिजाइन का ब्लू प्रिंट साझा किया था। राष्ट्रपति भवन के निर्माण में लगभग 17 वर्ष का समय गुजर गया था। तो आइये जानते राष्ट्रपति भवन का इतिहास और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी –
राष्ट्रपति भवन के इतिहास पर नजर डालने पर हम देखते हैं कि दिसंबर सन 1911 में ब्रिटिश वाइसराय के लिए एक निवास स्थान बनाने का निर्णय लिया गया और राजधानी को कोलकत्ता से स्थानांतरित करके दिल्ली में स्थापित कर दिया गया था। वाइसराय हाउस या वर्तमान में राष्ट्रपति भवन के निर्माण के लिए लगभग 400 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था। कहा जाता हैं कि उस समय के दौरान रायसीना और मालचा गांवो को स्थानांतरित किया गया जो वहा बसे हुए थे।
राष्ट्रपति भवन एक विशाल चार मंजिला ईमारत है जिसमे 340 कमरे, 200000 वर्ग फुट का फर्श हैं, एक बिलियन इंटें और 3000000 क्यू फीट के पत्थरों का उपयोग करके इस शानदार ईमारत का निर्माण किया गया था। ईमारत को एडवर्डियन बारोक के समय के दौरान किया गया था। इस हवेली की डिजाइन और निर्माण प्रक्रिया लंबी, जटिल और राजनीतिक रूप से उलझी हुई भी थी। लुटियन के द्वारा शुरुआती दौर में बनाई गई सभी डिजाइन शास्त्रीय और पूरी तरह से यूरोपीय शैली का मिश्रण थी।
राष्ट्रपति भवन में कई भारतीय तत्वों को शामिल किया गया हैं। ईमारत के शीर्ष पर कई गोलाकार पत्थरों के बेसिन शामिल किए गए थे। ईमारत मे एक पारंपरिक भारतीय चुजा या छज्जा भी बनाया गया था जोकि शास्त्रीय वास्तुकला में एक भित्ति चित्र के रूप स्थापित किया गया था। जोकि 8 फिट ऊंचा था और खिडकियों से आने वाली कड़ी धूप और बारिश के मौसम में आने वाले पानी को रोकता हैं। ईमारत की बाहरी दीवारों पर हाथी की मूर्तियां बनी हुई हैं। प्रवेश द्वार पर तोप देखने को मिल जाएगी, कोबरा के हाथी और फव्वारे की मूर्तियों के अलावा ब्रिटिश मूर्तिकार चार्ल्स सार्जेंट जैगर द्वारा निर्मित बेस रिलीफ भी हैं। ईमारत के शीर्ष पर अधभुत मुकुट बना हुआ हैं। राजस्थानी डिजाइन में बलुआ पत्थर से छेदी हुई स्क्रीन भी हैं जिसे जलिया कहां जाता हैं।
महल के सामने पूर्व दिशा में 12 विशाल स्तंभ बने हुए हैं। राजधानी में चार लटकन वाली भारतीय घंटियों के साथ-साथ एकेंथस पत्तियों का संलयन भी देखने को मिलता है। यहां की घंटियां भारतीय हिंदू और बौद्ध मंदिरों की घंटीयों की शैली के समान हैं यह कर्नाटक राज्य के मुदाबरी जैन मंदिर से प्रेरित हैं। स्तंभ के ऊपर प्रत्येक शीर्ष पर प्रत्येक कोने पर घंटी बनी हुई हैं। इस ईमारत के पूरा होने में 17 साल का समय लग गया और 18 साल का वक्त भारत को आजाद होने में लग गया इसके बाद भी 1950 तक यह स्थान वायसराय के निवास स्थान के रूप में जाना गया। 1950 से इसे राष्ट्रपति भवन के नाम से जाना जाता हैं।
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राष्ट्रपति भवन को आंतरिक तौर पर तीन हिस्सों में बांटा गया हैं। तो आइये हम एक-एक करके इन तीनो हिस्सों के बारे में जानते रहते है।
सर्किट 1 : महल का यह हिस्सा राष्ट्रपति भवन और उसके सेंट्रल लॉन को कवर करता है। पर्यटक इसका दौरा कर फ़ॉरेकोर्ट और मुख्य भवन के प्रमुख कमरों का को देख सकते हैं। महल में बने बैंक्वेट हॉल, दरबार हॉल, नॉर्थ ड्रॉइंग रूम, अशोक हॉल, लाइब्रेरी, नवाचर, लॉन्ग ड्रॉइंग रूम, एट अल शामिल हैं। राष्ट्रपति भवन के हिस्से को पर्यटकों के लिए गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार को खोला जाता हैं।
सर्किट 2 : महल के इस हिस्से में राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर है जिसे आरबीएमसी के नाम से भी जाना जाता है। RBMC में तीन अलग-अलग इमारतें बनी हुई हैं जिनमें प्रमुख रूप से अस्तबल, गैरेज और क्लॉक टॉवर आदि शामिल हैं। 25 जुलाई 2014 को अस्तबल राष्ट्र को समर्पित किया गया था जबकि गैरेज का उद्घाटन 25 जुलाई 2016 को किया गया था। भवन में बना संग्रहालय कुछ खूबसूरत और आकर्षित कलाकृतियों को प्रदर्शित करता है। जो संस्कृति, कला, विरासत और प्राचीन इतिहास का एक प्रतीक हैं। राष्ट्रपति भवन का यह हिस्सा सोमवार के अलावा प्रत्येक दिन खुला रहता हैं।
सर्किट 3 : राष्ट्रपति भवन का यह हिस्सा मुगल गार्डन और अन्य उद्यानों को संरक्षित करता हैं। भवन के पीछे स्थित विश्व प्रसिद्ध मुगल गार्डन और इसमें लगने वाले पुष्प उपचार के बारे में कौन नहीं जानता है। इसके अलावा यहां म्यूजिकल गार्डन, हर्बल गार्डन और आध्यात्मिक गार्डन पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। राष्ट्रपति भवन का यह हिस्सा अगस्त से मार्च महीने तक गुरवार से रविवार तक खुला रहता हैं।
राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों को सुबह 9:00 बजे से शाम के 4:00 का समय रहता हैं इस समय के दौरान इसका प्रवेश द्वारा खुले रहते हैं। राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों ऑनलाइन बुकिंग करनी होगी बिना ऑनलाइन बुकिंग के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नही दी जाती हैं।
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राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने के लिए 30 रूपये प्रति व्यक्ति शुल्क देना होता हैं। यदि पर्यटक 30 व्यक्तियों के समूह में जाते हैं तो 1200 शुल्क चुकाना होगा 20% छूट के साथ। इसके अलावा 30 से अधिक व्यक्तियों के समूह में जाने पर 1200 के अलावा 50 रूपये प्रति व्यक्ति शुल्क अदा करनी होती हैं। 8 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नही हैं।
राष्ट्रपति भवन में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मोबाइल फ़ोन ले जाने की अनुमति नही दी जाती हैं। क्योंकि फ़ोन में लगे हुए केमरे की वजह से ऐसा कदम उठाया गया हैं। मोबाइल को स्विच ऑफ करके रखा जाता हैं। हालाकि आप भवन के बाहर की फोटो ले सकते हैं।
राष्ट्रपति भवन गार्डन में सर्किट नंबर 3 को देखने के लिए आप अगस्त से मार्च माह के दौरान यहा का दौरा कर सकते हैं। सर्किट नम्वर 3 केवल शुक्रवार, शनिवार और रविवार को खुला रहता है। पर्यटक सुबह 9 बजे से शाम के 4 बजे तक राष्ट्रपति भवन में घूम सकते हैं। इसके अलावा भी आप वर्ष भर किसी भी मौसम में यहा घूमने आ सकते हैं।
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राष्ट्रपति भवन घूमने के अलावा भी दिल्ली में इसके नजदीक घूमने के लिए कई पर्यटन स्थल हैं। जहां आप घूमने जा सकते हैं और अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं। तो आइए हम आपको राष्ट्रपति भवन के आसपास के कुछ आकर्षित स्थानों के बारे में बताते हैं।
राष्ट्रपति भवन की शानदार यात्रा करने के बाद यदि आप यहां कुछ दिन और रुकना चाहते हैं। तो आइये हम आपको भवन के नजदीक दिल्ली के कुछ होटल के नाम बताते हैं।
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राष्ट्रपति भवन भारत की राजधनी दिल्ली में स्थित हैं इसलिए यहां तक जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
राष्ट्रपति भवन जाने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि भारत की राजधानी दिल्ली घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के माध्यम से देश के अंदर और बाहर सभी प्रमुख शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। नई दिल्ली का “इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा” नेशनल और इंटर-नेशनल उड़ाने भरता हैं। हवाई अड्डे से आप बस, मेट्रों और यहां चलने वाले स्थनीय साधनों से राष्ट्रपति भवन पहुंच जाएंगे।
राष्ट्रपति भवन जाने के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि रेलवे नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ हैं। दिल्ली के तीन प्रमुख रेल्वे स्टेशनो में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन हैं। आप इनमे से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
राष्ट्रपति भवन जाने के लिए यदि आपने बस का चुनाव किया है। तो हम आपको बता दें कि दिल्ली शहर सडक मार्ग के जरिए भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ हैं। दिल्ली में तीन प्रमुख बस स्टैंड कश्मीरी गेट, सराय काले खान बस टर्मिनस और आनंद विहार बस टर्मिनस में इंटर स्टेट बस टर्मिनस (ISBT) शामिल हैं।
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इस आर्टिकल में आपने राष्ट्रपति भवन से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी को जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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