Sirmour In Hindi, सिरमौर हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत जिला है जो पर्यटकों बीच काफी लोकप्रिय है। अगर आप शहर की हलचल से थक चुकें हैं तो इस शहर में पहाड़ियों और जंगलों के बीच आराम करने के लिए जा सकते है। सिरमौर हिमाचल का एक ऐसा शहर है जहाँ आज अभी भी 90% से अधिक लोग गांवों में रहते हैं। यह जिला बहुत ही शांत और खूबसूरत है। यहाँ के स्थानीय लोग आज भी प्रकृति के बहुत जुड़े हुए हैं इसलिए यह स्थान, औद्योगिकीकरण (Industrialization) से अछूता है।
जो भी लोग किसी शांत और प्राकृतिक जगह की यात्रा करना चाहते हैं वो सिरमौर की यात्रा कर सकते हैं और यहाँ के सुरम्य परिदृश्य का आनंद ले सकते हैं, चट्टानी पहाड़ियों पर ट्रेकिंग, झीलों में बोटिंग कर सकते हैं और यहाँ के खूबसूरत मंदिरों के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। अगर आप सिरमौर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें इसमें हम आपको सिरमौर के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बता रहे हैं –
बता दें कि इस खूबसूरत जिले की स्थापना जैसलमेर के राजा रसालू ने 1090 में की थी और इसे राजा के पूर्वजों में से एक श्रद्धांजलि के रूप में सिरमौर नाम दिया गया था। आपको बता दें यह पहले भारत में एक स्वतंत्र राज्य था और बाद में ब्रिटिश शासन के दौरान यह 11 गन सेल्यूट रियासत बन गया।
और पढ़े: मलाणा का इतिहास और आस-पास के प्रमुख पर्यटन स्थल
सिरमौर हिमाचल प्रद्रेश का एक प्रमुख पर्यटन शहर है। अगर आप सिरमौर की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो हम आपको सिरमौर के कुछ टॉप पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ आपको अपनी यात्रा के दौरान जरुर जाना चाहिए।
चूड़धार 3,646 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक सुंदर जगह है जो न केवल सिरमौर बल्कि हिमाचल प्रदेश में सबसे सुंदर और पवित्र स्थान है। पौराणिक कथा में ऐसा बताया गया है कि ये वही स्थान है कि जहां से भगवान हनुमान गंभीर रूप से घायल लक्ष्मण के लिए जड़ी-बूटी खोजने के लिए आए थे और बाद में पूरी पहाड़ी को रामायण में ले गए। बता दें कि इस जगह कि सुंदरता जंगलों और वन्यजीवों के कारण बढ़ जाती है जो इसमें निवास करते हैं। यह स्थान कई यात्रियों के लिए प्रसिद्ध ट्रेकिंग स्थल भी है।
रेणुका झील सिरमौर में 672 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पानी की एक पानी से भरी एक जादुई झील है, जो हरे पेड़ों और पहाड़ियों से घिरी हुई है। अगर आप एक प्रकृति प्रेमी हैं तो यहाँ से शानदार दृश्यों को देख सकते हैं। इसके साथ ही आप सूर्योदय या सूर्यास्त के दृश्यों को भी देख सकते हैं। अगर रेणुका झील की यात्रा करते हैं तो निश्चित ही आप इसकी सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।
रेणुका जी प्राचीन और साफ रेणुका झील के पास स्थित लोगों के बीच एक लोकप्रिय तीर्थ स्थान है। बता दें कि इस जगह पर एक गेमिंग अभयारण्य और एक वन्यजीव रिजर्व भी है। इस वन्यजीव अभ्यारण्य विभिन्न प्रकार के वनस्पति और जीव पाए जाते हैं। रेणुका जी के पास कार्तिका एकादशी एक त्यौहार का आयोजन किया जाता है जिसमें आपको जरुर शामिल होना चाहिए।
हबन घाटी सिरमौर के पास स्थित एक घाटी है जो अपने बहुत सारे मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इस घाटी के नक्काशीदार मंदिर काफी आकर्षक हैं जो राजपूत शासकों की देखरेख में बनाए गए थे। हबन घाटी अपना एक समृद्ध इतिहास और संस्कृति है। अगर आप इस घाटी की यात्रा करते हैं तो यहाँ शिरगुल देवता मंदिर, पालु देवता मंदिर और टोकरो टिब्बा काली मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं।
और पढ़े: बीर बिलिंग में पैराग्लाइडिंग की जानकारी
हरिपुर धार ट्रैकिंग के लिए एक लोकप्रिय पहाड़ी है जो 2687 मीटर की ऊंचाई पर है। यहाँ पहाड़ी पर एक प्राचीन और अद्भुत मंदिर मां भंगायनी को समर्पित मंदिर स्थित है जिसको माँ भंगायनी मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में भारी संख्या में प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने भक्त आते हैं। इस पहाड़ी पर एक किला स्थित है जो इस जगह के इतिहास में एक झलक देता है। हरिपुर धार सिरमौर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो यह स्थान ट्रेकर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग के सामान है।
भूरेश्वर महादेव एक प्रमुख और पवित्र स्थान है। स्थान के बारे में कहा जाता है कि यहाँ से भगवान शिव और देवी पार्वती ने महाभारत के महाकाव्य में कुरुक्षेत्र के प्रसिद्ध युद्ध को देखा था। इस प्रसिद्ध पौराणिक कथा के चलते इस स्थान पर बहुत सारे तीर्थयात्री और पर्यटक आते हैं। आपको बता दें कि यह जगह हरे-भरे पेड़ों और पहाड़ियों से भरी है। यहाँ आने के बाद पर्यटकों को एक अदभुद शांति प्राप्त होती है।
गुरुद्वारा पांवटा साहिब सिरमौर में एक पवित्र गुरुद्वारा है जहाँ काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। आपको बता दें कि यह गुरुद्वारा गुरु गोविंद सिंहजी को समर्पित है जिन्हें सिरमौर के एक शासक राजा मेदिनी प्रकाश ने आमंत्रित किया था। यह गुरुद्वारा सकारात्मकता को महसूस करने और आपकी आत्मा को शुद्ध करने के एक बहुत अच्छा स्थान है।
रेणुकाजी मिनी चिड़ियाघर सिरमौर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी शुरुआत 1957 में जानवरों को बचाने और सुरक्षित आवास प्रदान करने के लिए की गई थी। इस चिड़ियाघर सांभर, चिंकारा, होगदर और काला हिरन जैसे जानवर देखे जा सकते हैं। इस चिड़ियाघर में शेर के एक जोड़े को प्रजनन और प्रजाति को बढाने के लिए यहाँ लाया गया था। यह चिड़ियाघर प्रकृति की सुंदरता को देखने और इसको महसूस करने के लिए एक बहुत अच्छी जगह है।
और पढ़े: कलातोप खजियार अभयारण्य घूमने की जानकारी और पर्यटन स्थल
नाहन सिरमौर के पास स्थित एक ऐसी जगह है जो अपने अपने हरे भरे जंगलों और ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध है। नाहन 3647 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और अपनी सुरम्य प्राकृतिक सुंदरता से पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा नाहन नाहन, विला राउंड, मिलिट्री राउंड और हॉस्पिटल राउंड जैसे लोकप्रिय आकर्षणों के लिए भी प्रसिद्ध है।
जगन्नाथ मंदिर लगभग चार सदियों पुराना है जिसको यहाँ के स्थानीय लोगों के बीच बहुत पवित्र माना जाता है। इस मंदिर को और राजा बुद्ध प्रकाश द्वारा बनवाया गया था। हर साल मानसून के मौसम के अंत के रूप में यहाँ पर ‘सावन द्वादशी’ नाम का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को भव्यता के साथ मनाया जाता है जिसमें एक जुलूस शामिल होता है। इस जुलूस में बावन देवी-देवताओं की मूर्तियों को मंदिर से ले जाया जाता है और एक तालाब में तैराया जाता है। बता दें कि इस तालाब को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया है। पर्यटक इस तालाब में बतक को भी देख सकते हैं।
शिवालिक फॉसिल पार्क सिरमौर ने एक दिलचस्प और आकर्षक जगह है जिसमें सबसे दुर्लभ और विलुप्त जानवरों में से कुछ के जीवाश्म पाए जाते हैं। यहां प्रदर्शित होने वाले कुछ जीवाश्मों में स्टेगोडॉन्गेनेसा (एक विलुप्त हो चुका हाथी), सिवथेरियम हेक्साप्राटडॉन, क्रोकोडाइल्स और कोलोसोफाइटिस एटलस (एक विशाल भूमि कछुआ) के नाम शामिल हैं। इस पार्क में एक संग्रहालय भी है जहाँ पर्यटक इन सभी जानवरों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
त्रिलोकपुर मंदिर नाहन के पास स्थित देवी महामाया बाला सुंदरी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 1573 में राजा दीप प्रकाश की देखरेख में करवाया गया था। त्रिलोकपुर मंदिर इस क्षेत्र का एक प्रसिद्ध मंदिर है जिसकी वजह से यहाँ साल भर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इस मंदिर में प्रार्थना करने और देवी आशीर्वाद लेने के बाद लोगों को एक अदभुद शांति प्राप्त होती है। त्रिलोकपुर मंदिर में साल में दो बार मेला लगता है जो बहुत से लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
धौला कुआँ एक खूबसूरत जगह है जहाँ पेड़ और बाग आड़ू और आम जैसे फलों से भरे हुए हैं। अगर आप यहाँ के ताजा फलों को घर ले जाना चाहते हैं तो डिब्बाबंद फल भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप आम से बने अचार को भी यहाँ से खरीद सकते हैं। अगर आप धौला कुआँ की यात्रा करने के लिए जाएं तो अवश्य यहां के स्वस्थ फलों का स्वाद चखें।
और पढ़े: नाहन घूमने की जानकारी और प्रमुख पर्यटन स्थल
सिरमौर पर्यटन स्थल में भोजन के लिए बहुत सारे विकल्प हैं, यह शहर उन लोगों के लिए बेहद खास है हिमाचली भोजन का स्वाद लेना चाहते हैं। यहाँ के मुख्य भोजन में दाल, चावल, रोटी, सब्जियाँ और दही होते हैं, इस क्षेत्र में स्वाद के लिए कई तरह के पारंपरिक व्यंजन भी उपलब्ध हैं। एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल होने की वजह से यहाँ पर कई अच्छे कैफे और रेस्तरां हैं जो उचित मूल्य पर अच्छा भोजन प्रदान करते हैं। यह क्षेत्र भुने हुए मकई और मौसमी फलों और सब्जियों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का स्ट्रीट फूड आपके मुहं में पानी ला सकता है। सोलन चना, समोसा, जलेबियाँ खाने की ऐसी चीजें हैं जिनका स्वाद आपको जरुर लेना चाहिए।
अगर आप सिरमौर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि यहाँ की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय जून और अक्टूबर के महीनों के बीच है। इस समय अवधि के दौरान सिरमौर का मौसम सुहावना रहता है और तापमान ग्रीष्मकाल को मात देने के लिए अच्छा होता है।
और पढ़े: कालेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन की जानकारी और पर्यटन स्थल
सिरमौर की यात्रा पर जाने वाले पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग किसी से भी यात्रा करके आसानी से सिरमौर घूमने आ सकते है।
अगर आप हवाई जहाज से सिरमौर की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ में है जो 120 किमी की दूरी पर है। यह हवाई अड्डा भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। चंडीगढ़ हवाई अड्डे से किराये पर कारें और टैक्सी ले सकते हैं जो आपको सिरमौर तक ले जाएंगी।
ट्रेन से सिरमौर की यात्रा करने वालों के लिए बता दें कि यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन बरोग रेलवे स्टेशन है जो सिरमौर से 52 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ से किराये की कार आसानी से उपलब्ध है जो आपको सिरमौर तक ले जाएगी।
आप सिरमौर के लिए सड़क मार्ग से भी यात्रा कर सकते हैं। दिल्ली और सिरमौर के बीच की दूरी 326 किमी है। आप आसानी से एक कार किराए पर ले सकते हैं या अपनी खुद की कार में सफ़र कर सकते हैं। सड़क मार्ग से यात्रा करते समय आप रास्ते में सुरम्य प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। शिमला और सिरमौर के बीच की दूरी 154 किमी है जिसे कार किराए पर लेकर आसानी से कवर किया जा सकता है। शिमला से राज्य परिवहन विभाग द्वारा एक बस चलाई जाती है जो आपको नाहन ले जाएगी, जहाँ से आपको सिरमौर के लिए टैक्सी लेनी होगी। आप सोलन से एक टैक्सी किराए पर लेकर सिरमौर पहुँच सकते हैं। नाहन से सिरमौर से लगभग 106 किमी दूर है।
और पढ़े: डैनकुंड हिल घूमने की जानकारी और पर्यटन स्थल
इस लेख में आपने सिरमौर घूमने की जानकारी और प्रमुख पर्यटन स्थल को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट करके जरूर बतायें
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…