Panchavati Darshan In Hindi ; पंचवटी भारत के महाराष्ट्र राज्य में नाशिक शहर के उत्तर-पश्चिम में स्थित बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थल है। पंचवटी गोदावरी नदी के तट पर स्थित एक बहुत ही शांत पर्यटन स्थल है जोकि हिन्दू महाकाव्य रामायण से बहुत गहरा सम्बन्ध रखता है। पंचवटी में पांच बरगद के पेड़ों का समूह है जहां भगवान राम ने माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ अपने वनवास का कुछ समय व्यतीत किया था। नाशिक भारत के धार्मिक शहरो में शीर्ष स्थान पर आता है और यहाँ गोदावरी नदी के तट पर कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता हैं। पंचवटी पर्यटन स्थल अपने गौरव और धार्मिक संस्कृति के लिए बहुत अधिक लोकप्रिय है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंचवटी वही स्थल हैं जहाँ सीता हरण हुआ था। पंचवटी के प्रमुख आकर्षण में शामिल कालाराम मंदिर और सीता गुफा (Kalaram Temple And The Sita Gufa) शामिल हैं।
पंचवटी पर्यटन स्थल के आसपास अनेक पवित्र स्थान है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते है। अगर आप पंचवटी से जुड़ी अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े –
पंचवटी की कहानी हमें रामायण काल में ले जाती हैं जहां से हमें पता चलता हैं कि नाशिक का नाम “नाशिका” अर्थात नाक से लिया गया है। नाशिक वह स्थान है जहाँ लक्ष्मण जी ने शूर्पनखा की नाक और कान काटे थे। रामायण से जुडी पंचवटी की कहानी कुछ इस प्रकार है कहा जाता है कि भगवान राम को जब माता कैकई के कहने से 14 वर्ष का वनवास मिला। तब भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पंचवटी में निवास किया। पंचवटी पर्यटन स्थल माता सीता के हरण के लिए जाना जाता हैं और इसी वजह से पंचवटी को हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है। पंचवटी में पांच बरगद के पेड़ होने की वजह से इस स्थान का नाम पंचवटी पड़ा है।
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पंचवटी से 30 किलोमीटर दूर ब्रह्मगिरी पर्वत है जिसे पवित्र गोदावरी नदी का उद्गम स्थल माना जाता है।
पंचवटी पर्यटन स्थल भारत के खूबसूरत राज्य महाराष्ट्र के नाशिक शहर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। पंचवटी यात्रा के दौरान आप नाशिक और पंचवटी के आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर घूमने जा सकते हैं।
सीता गुफा पंचवटी में पांच बरगद के पेड़ों के पास स्थित बहुत ही पवित्र और आकर्षित गुफा है। यह गुफा बहुत ही सकरी है जिसमे सीढ़ी की मदद से गुफा में प्रवेश किया जा सकता है। भगवान राम, माता सीता और लक्षमण जी के साथ इस गुफा में शिवलिंग भी स्थापित है। वनवास के दौरान शंकर भगवान के शिवलिंग की पूजा सीता जी करती थी और ऐसा कहा जाता है की यह गुफा वही स्थान है जहाँ से रावण ने माता सीता का अपहरण किया था।
सुंदर नारायण मंदिर नाशिक में होल्कर ब्रिज के पास स्थित काले रंग का मंदिर है। इस मंदिर को काले पत्थरों से बनाया गया है जोकि सन 1756 में गंगाधर यशवंत चन्द्रचूड जी द्वारा बनबाया गया था। सुन्दरनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। कहा जाता है कि जालंधर की पत्नी के क्रोध के कारण भगवान विष्णु का शरीर काला हो गया था फिर उन्होंने पवित्र गोदावरी नदी में स्नान किया तो उनका सुन्दर रूप बापस आ गया। इस मंदिर में तीन मूर्तियाँ है जो पर्यटकों को बहुत ही ज्यादा आकर्षित करती है।
कालाराम मंदिर पंचवटी का धार्मिक केंद्र होने के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्त्व भी रखता है। कालाराम मंदिर काले पत्थरों से निर्मित है और साथ ही इस मंदिर के निर्माण में 32 टन सोने का भी उपयोग किया गया है। कालाराम मंदिर में भगवान राम की काली मूर्ती स्थापित है। भगवान राम जी की मूर्ति के साथ माता सीता, लक्षमण जी और हनुमान जी मूर्ति भी स्थापित है। इस मंदिर में सन 1930 में डॉ अम्बेडकर जी द्वारा दलितों के लिए इस मंदिर में प्रवेश के लिए सत्याग्रह भी किया था।
राम कुंड पंचवटी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। राम कुण्ड तालाब हिन्दुओं के लिए बहुत ही धार्मिक स्थल है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम से अपने पिता श्री दशरथ जी के अवशेषों का विसर्जन करके इसके जल में स्नान किया था। तब से यहाँ मोक्ष की प्राप्ति के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। इस दर्शनीय तालाब के पास ही गांधी जी की संगमरमर से बनी हुई बहुत ही अद्भुत स्मारक है। जोकि 30 जनवरी सन 1948 में गांधीजी के निधन के बाद नेहरु जी की उपस्थिति में बनबाया गया था।
पांडव गुफाएं नाशिक रोड पर स्थित पंचवटी के आस-पास के दर्शनीय स्थलों में से एक है। ये गुफाएं जमीन से 300 फीट की उंचाई पर स्थित है। पर्यटक इस शानदार पहाड़ी पर ट्रेकिंग के लिए घूमने जाते है। चौथी शताव्दी में बनी यह गुफाएं 24 बौद्ध गुफाओं का समूह है।
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कुम्भ मेला नाशिक का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध मेला है जोकि पवित्र गोदावरी के तट पर लगता है। जहां श्रद्धालु मेले के दर्शन करने के साथ-साथ गोदावरी नदी में स्नान करने आते है। गोदावरी के तट को प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में भी गिना जाता है।
त्र्यंबकेश्वर कुशावर्त तीर्थ स्थल त्र्यंबकेश्वर शहर में स्थित बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। त्र्यंबकेश्वर शिवजी की 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जहां गोदावरी नदी ब्रह्मगिरी की पहाड़ियों में समाती है। त्र्यंबकेश्वर कुशावर्त में 21 फीट गहरा कुण्ड है जोकि सन 1750 में प्रकृति द्वारा बनाया गया था। यह स्थान बहुत ही श्रेष्ठ तीर्थ स्थलों में शामिल है।
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श्री सप्तश्रृंगी गड वाणी मंदिर नाशिक से 60 किलोमीटर दूर कलवन तहसील में स्थित है। यह मंदिर समुद्र तल से 4659 फीट की उंचाई पर स्थित होने के कारण बहुत ही आकर्षक दिखाई देता है। देवी दुर्गा को समर्पित यह मंदिर देवी के शक्ति पीठों में से एक अर्ध शक्तिपीठ है जोकि सात चोटियों की पहाड़ी से घिरा हुआ है। सप्त श्रृंग का मतलब सात सींग होता है। इस स्थान पर बहुत बड़े मेलों का आयोजन भी किया जाता है।
सोमेश्वर मंदिर गोदावरी नदी के तट पर स्थित भगवान शिव के प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के आस-पास बहुत ही सुन्दर बाग़-बगीचे है जिनकी हरियाली से गोदावरी तट का पूरा वातावरण बहुत ही आकर्षक दिखाई देता है।
मांगी तुंगी मंदिर नाशिक से 125 किलोमीटर दूर सतना तालुका में स्थित है। मांगी तुंगी मंदिर में भगवान राम, हनुमान, सुग्रीव, नल, नील के कारण प्रसिद्ध है। यह पवित्र धार्मिक स्थान पर्यटकों को रामायण से जुड़े अनौखे रहस्यों से अवगत कराता है जहां पर पूरी वानर सेना ने भगवान राम की स्वामी भक्ति की थी।
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पंचवटी के प्रसिद्ध पकवानों के बारे में आप जानना चाहते है तो हम आपको बता दे कि पंचवटी महाराष्ट्र के नाशिक में स्थित बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थान है। जहां पर्यटकों को शाकाहारी भोजन का स्वाद चखने का मौका मिलेगा। पंचवटी का सबसे प्रसिद्ध व्यंजन मोदक है जिसे नारियल और गुड़ के मिश्रण से बनाया जाता है। इसके अलावा आपको यहाँ के प्रसिद्ध रेस्तरां में वड़ा पाव, साबुदाना वड़ा, बिरयानी, मोमोज और थुक्पा भी चखने को मिलेंगे है।
अगर आप पंचवटी घूमने और इसके आसपास के आकर्षक पर्यटन स्थलों के दर्शन करने के बाद पंचवटी में रुकने के लिए आवास स्थान की तलाश कर रहे है। तो हम आपको बता दे कि पंचवटी और नाशिक में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक की होटल आसानी से उपलब्ध हो जायेंगी। आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी होटल का चुनाव कर सकते है।
पंचवटी की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के बीच का माना जाता हैं क्योंकि इस समय के दौरान आप पंचवटी और इसके आसपास के समस्त घूमने वाली जगहों का दौरा कर सकते हैं। हालाकि बारिश के दौरान भी पंचवटी का नजारा देखने लायक होता हैं क्योंकि बरसात के मौसम यहाँ की प्राकृतिक वादिया हरियाली से भरपूर होती हैं।
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अगर आप पंचवटी घूमने जा रहे हैं तो हम आपको बता दे कि पंचवटी नाशिक में स्थित है। नाशिक भारत के प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग, रेलवे मार्ग और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसलिए आप इनमे से किसी भी साधन का उपयोग करके पंचवटी आ सकते हैं।
अगर आपने पंचवटी जाने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दे कि पंचवटी से 20 किलोमीटर दूर नाशिक का ओजार (Ozar Airport Nashik) हवाई अड्डा है। जोकि भारत के विभिन्न शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। आप ओजार हवाई अड्डे से टैक्सी या यहाँ के स्थानीय साधन की मदद से पंचवटी पहुँच सकते है।
पंचवटी जाने के लिए यदि आपने रेल के मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दे कि नाशिक रेलवे स्टेशन पंचवटी का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है जोकि लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। आप इस रेलवे स्टेशन से किसी स्थानीय साधन के द्वारा पंचवटी आसानी से पहुँच सकते है।
पंचवटी की यात्रा करने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दे की भारत के विभिन्न शहरों जैसे दिल्ली, बैंगलोर, नागपुर, मुंबई, आदि से नाशिक जाने के लिए बस आसानी से उपलब्ध है। लेकिन नाशिक से पंचवटी के बीच की दूरी (लगभग 2 किलोमीटर) तय करने के लिए आपको अन्य साधन की आवश्यकता पड़ेगी।
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