Famous National Parks In Tamil Nadu in Hindi : तमिलनाडु भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है जो अपने प्रसिद्ध मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों और अपनी संस्कृति के साथ साथ यहाँ पाए जाने वाले वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है। बता दे तमिलनाडु राज्य कई लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण के रूप में कार्य करता है जिस कारण राज्य के अलग अलग हिस्सों में कई नेशनल पार्को और वन्यजीव अभयारण्य को स्थापित किये गये। इन राष्ट्रीय उद्यानो ने वन्यजीवों के लिए आश्रय स्थल होने के साथ साथ राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों के रूप में भी काफी लोकप्रियता हाशिल की है। तमिलनाडु के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान माने जाते है जो हर साल भारतीय पर्यटकों के साथ साथ विदेशी पर्यटकों की भी बड़ी संख्या की मेजबानी करते है।
यदि आप भी अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ घूमने के लिए तमिलनाडु के प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान सर्च कर रहे है तो आप हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमे हमने तमिलनाडु के फेमस नेशनल पार्क की लिस्ट तैयार की है –
गुइंडी राष्ट्रीय उद्यान राज्य के प्रमुख शहर चेन्नई में स्थित तमिलनाडु के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान (National Parks In Tamil Nadu in hindi) में से एक है। 2.70 KM वर्ग भूमि में फैला, गुइंडी नेशनल पार्क को भारत के आठवें सबसे छोटे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा, यह एकमात्र ऐसा नेशनल पार्क जो शहर के बीच में स्थित है। वर्ष 1978 में स्थापित, पार्क को वन्यजीवों की कुछ दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए अपना सुरक्षात्मक वातावरण मिला।
अच्छी तरह से स्थापित सीमाओं के साथ, गुइंडी नेशनल पार्क की यात्रा में वनस्पति की 350 से अधिक प्रजातियों के साथ-साथ 150 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां के और 14 जंगली जानवरों की प्रजातियों को देखा जा सकता है। इनके साथ साथ आप यहाँ तितलियों और मकड़ियों की 60 से अधिक प्रजातियों के साथ-साथ कई उभयचरों और सरीसृपों को भी देख सकते हैं। यह प्रकृति के करीब आने और हमारे जीवन में इसके महत्व को समझने के लिए भी एक अच्छी जगह है।
यदि आपको समुद्री जीवो को नजदीकी से देखना पसंद है तो फिर आपके लिए मन्नार मरीन नेशनल पार्क से अच्छी जगह कोई हो ही नही सकती। वास्तव में मन्नार मरीन नेशनल पार्क की खाड़ी 21 छोटे और लुभावने सुंदर द्वीपों का एक समूह है, जो कुछ आसन्न प्रवाल भित्तियों का निवास है। 6.23 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्र पर कब्जा करते हुए, मन्नार मरीन नेशनल पार्क वर्ष 1980 में देश में स्थापित किया गया पहला बायोस्फीयर रिजर्व है। जब यहाँ समुद्री जैव विविधता की बात आती है, तो यह सबसे धनी क्षेत्रों में से एक है। इस पार्क में प्रवाल भित्ति, समुद्री घास और मैन्ग्रोव तीन जलीय पारिस्थितिक तंत्र हैं, इनके साथ साथ यह नमक दलदल और विशिष्ट अल्गल समुदायों का भी घर है। पार्क में अलग-अलग मुहाने, समुद्र तट और जंगल इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं और इसकी महिमा में प्रकृति को प्रदर्शित करते हैं।
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अन्नामलाई टाइगर रिजर्व भारत के दक्षिण में स्थित तमिलनाडु के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान (Famous National Parks In Tamil Nadu in Hindi) और टाइगर रिजर्व में से एक है जिसे गांधी वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान के रूप में भी जाना जाता है। 1848 में स्थापित अन्नामलाई वन्यजीव अभयारण्य को बर्ष 2007 में एक टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। पश्चिमी घाटों में स्थित यह रिजर्व जैव विविधता के लिए एक प्रसिद्ध हॉटस्पॉट है। 521.28 वर्ग किमी के विशाल एरिया में फैला हुए अन्नामलाई टाइगर रिजर्व में वनस्पतियों की 800 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती है। जबकि यहाँ पाए जाने वाले वन्यजीवों की बात करें तो इस टाइगर रिजर्व में टाइगर जैसी कई लुप्तप्राय प्रजातियों के साथ हाथी, पैंथर, पैंगोलिन, चित्तीदार हिरण, माउस हिरण, सुस्ती भालू, नीलगिरि तहर, बार्किंग हिरण, सांभर, गौर, तबबी बिल्ली, जंगली सूअर, जैसे कई वन्यजीवो और पक्षिय प्रजातियों को देखा जा सकता है।
यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ घूमने के लिए तमिलनाडु के फेमस नेशनल पार्क सर्च कर रहे है तो आपको अनामलाई टाइगर रिजर्व की ट्रिप पर जरूर जाना चाहिए।
मुदुमलाई नेशनल पार्क तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में कोयम्बटूर से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है। तमिलनाडु के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान के रूप में मान्यता प्राप्त मुदुमलाई नेशनल पार्क पश्चिमी घाटों को पूर्वी घाटों से जोड़ता है। जबकि इसकी लोकप्रियता का मुख्य कारण यह है कि यह कई असुरक्षित और लुप्तप्राय जानवरों और पक्षियों की प्रजातियों का घर है। जहाँ बाघ, तेंदुए, गौर, लकड़बग्घा, सुस्त भालू, सांभर, माउस हिरण और जंगली जानवर देखे जाते हैं। विभिन्न सरीसृप जैसे मगरमच्छ, अजगर, कछुए आदि भी यहां पाए जाते हैं। बता दे मुदुमलाई नेशनल पार्क की सीमाएं पड़ोसी राज्य केरल और कर्नाटक से सटी हैं। मुदुमलाई की प्राकृतिक सुन्दरता और वन्यजीवों को देखते हुए इसे वर्तमान में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित करने पर विचार किया जा रहा है।
सुबह 6.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक
15 रूपये प्रति
12 दिसंबर 2001 में स्थापित मुकुर्थी नेशनल पार्क तमिलनाडु के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान (Famous National Parks In Tamil Nadu in Hindi) में से एक है जिसे तहर राष्ट्रीय उद्यान के रूप में भी जाना जाता था। दक्षिण-भारतीय राज्य – तमिलनाडु के ऊटी में नीलगिरी पठार के पश्चिमी भाग में स्थित यह नेशनल पार्क 78.46 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है जिसे जीव और वनस्पतियों के विशाल भंडार के कारण, 2012 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
बता दे मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान कई लुप्तप्राय वन्यजीवों जैसे एशियाई हाथी और रॉयल बंगाल टाइगर जैसे जानवरों के संरक्षित भंडार के लिए प्रसिद्ध है। रिजर्व में अधिकांश परिदृश्य झाड़ियों और पहाड़ी घास के मैदानों से ढका है जो देखने के लिए बेहद मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। कुल मिलाकर मुकुर्ती नेशनल पार्क एक ऐसा पार्क है को जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को वन्यजीवों के साथ साथ प्राकृतिक सोंदर्यता से मंत्रमुग्ध कर देता है।
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कांचीपुरम शहर में स्थित, वेदांथंगल पक्षी अभयारण्य 30 हेक्टेयर के कुल क्षेत्र को कवर करने वाला एक संरक्षित अभयारण्य है। तमिलनाडु के प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य में से एक यह अभयारण्य दुनिया भर से आये हुए पक्षियों की लगभग 40,000 विभिन्न प्रजातियों के लिए एक लोकप्रिय प्रवासी घर है। जैसे ही आप वेदांथंगल पक्षी अभयारण्य में प्रवेश करते है, तो बिभिन्न पक्षियों को तैराक , घर का काम, गोताखोरी, पेड़ों पर स्क्वाकिंग या साधारण पर्किंग करते हुए देखा जा सकता है। बता दे वेदांथंगल पक्षी अभयारण्य 18 वीं शताब्दी के दौरान स्थानीय जमींदारों के लिए शिकार मैदान हुआ करता था। क्षेत्र के इस अलौकिक महत्व को समझते हुए, ब्रिटिश सरकार ने इसे वर्ष 1798 में पक्षी अभयारण्य में बनाने का फैसला किया, जिससे यह देश में अपनी तरह का सबसे पुराना पक्षी अभयारण्य बन गया।
यह अभयारण्य पक्षी दर्शकों, प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक स्वर्ग के समान है जहाँ पर्यटक प्रकृति के मध्य बिभिन्न रंग बिरंगे और दुर्लभ पक्षीयों को देख सकते है साथ उन खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरे में कैद कर सकते है।
तमिलनाडु के प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य (Famous Bird Sanctuary Of Tamil Nadu in hindi) में से एक, कारिकिली पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित है। यह पक्षी अभयारण्य 61.21 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है जो कई प्रवासी पक्षियों का घर है जो सितंबर और अक्टूबर के बीच यहां आते हैं। बता दे इस अभयारण्य में पक्षियों की लगभग 115 प्रजातियों निवास करती है, जिसमें ग्रीब्स, ग्रे पेलिकन, कॉर्मोरेंट, एग्रेट्स, डार्टर, स्पूनबिल, नाइट-हेरॉन और व्हाइट इबिस शामिल हैं। प्राकृतिक सुंदरता के बीच, यह अभयारण्य एक अद्भुत पिकनिक स्थल के रूप में भी कार्य करता है जो पर्यटकों को चहकने वाले पक्षियों के बीच में आनंद लेने का मौका देता है।
यह स्थान सभी पक्षी-देखने वालों और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग जैसा है साथ ही यह जगह उन लोगो के लिए भी आदर्श है जो पक्षीयों के बारे में जानने की रूचि रखते हैं। अभयारण्य का दौरा करने के लिए सूर्यास्त एक आदर्श समय है क्योंकि पक्षियों को बड़ी संख्या में उनके घोंसले में लौटते देखा जा सकता है। पक्षियों के अलावा, इस अभयारण्य में बत्तख और भेड़िये भी देखे जा सकते हैं।
कालक्काड़ मुंडनतुराई वन्यजीव अभयारण्य दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य (Famous Wildlife Sanctuaries Of Tamil Nadu in hindi) में से एक है। यह अभयारण्य तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है, जो 895 वर्ग किमी में फैला हुआ है। कालक्काड़ मुंडनतुराई वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना 1988 में कई वन्यजीवों को आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से की गयी थी। जब भी आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ आयेंगे तो यहाँ पौधों की 150 से अधिक प्रजातियां, 273 पक्षी, 81 सरीसृप, 77 स्तनधारी, 37 उभयचर और 33 से अधिक मछलियों की प्रजातियों को देख सकते है। बता दे कालक्काड़ मुंडनतुराई वन्यजीव अभयारण्य की यात्रा में आप वन्यजीवों को देखने के साथ साथ ट्रेकिंग और सफारी जैसी एक्टिविटीज भी एन्जॉय कर सकते है।
अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व एक अद्वितीय स्थल है जो भारत के दक्षिणी भाग में पश्चिमी घाट में स्थित है। बायोस्फीयर रिजर्व में अत्यधिक चोटियाँ हैं जो समुद्र तल से 1,868 मीटर की ऊँचाई तक पहुँचती हैं और इनमें अधिकतर उष्णकटिबंधीय वन शामिल हैं जो पौधों की लगभग 2,254 प्रजातियों के घर हैं (जिनमें से 400 स्थानिक हैं)। बायोस्फीयर रिजर्व खेती वाले पौधों के लिए एक अद्वितीय आनुवंशिक भंडार के रूप में कार्य करता है, जैसे- इलायची, जामुन, जायफल, काली मिर्च और प्लांटैन। अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर में शेंदुरनी वन्यजीव अभयारण्य, पेप्पारा वन्यजीव अभयारण्य, नेय्यर वन्यजीव अभयारण्य और कालक्कड़ मुंडनतुराई टाइगर रिजर्व, जैसे कुछ प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य भी स्थित है।
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इस आर्टिकल में आपने तमिलनाडु के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान (National Parks In Tamil Nadu in Hindi)और पक्षी अभयारण्यों (Famous Bird Sanctuary Of Tamil Nadu in hindi) को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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