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नाथुला दर्रा घूमने की पूरी जानकारी – Nathu La Pass in Hindi

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Nathu La Pass in Hindi : नाथुला, हिमालय की चोटियों में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है जो सिक्किम को चीन को जोड़ता है। समुद्र तल से 14450 फीट ऊपर भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित नाथूला दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में से एक है। नाथुला भारत और चीन के बीच तीन खुली व्यापारिक सीमा चौकियों में से एक है और अपनी सुरम्य सुंदरता और सुंदर वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहां का तापमान वर्ष भर भारत के अधिकांश हिस्सों से कम रहता है, इसीलिए यह गर्मियों के दौरान पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है। लेकिन यहाँ सिर्फ भारतीय पर्यटकों को जाने की अनुमति होती है और विदेशियों को यहां जाने की अनुमति नहीं है। यह सीमा एक ऐसी जगह है जहाँ पर जाने के बाद आप भारतीय सैनिको के साथ चीन के सैनिक और उनके गुजरने वाले ट्रकों को भी देख सकते हैं।

यदि आप नाथुला पास घूमने जाने का प्लान बना रहे है या फिर इसके बारे में अधिक विस्तार जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़े –

Table of Contents

नाथूला का इतिहास – History of Nathula in Hindi

ओल्ड सिल्क रूट पर स्थित, नाथूला दर्रा सिक्किम को चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से जोड़ता है। 1959 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के विद्रोह को दबाने के बाद इसे लगभग 4 दशकों के लिए सील कर दिया गया था। हालांकि, जब भारत के पूर्व प्रधान मंत्री, अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में चीन का दौरा किया, तो रणनीतिक मार्ग को खोलने के लिए वार्ता फिर से शुरू हुई जिसके बाद नाथूला दर्रा 2006 में फिर से खोल दिया गया था और तब से, यह एक आधिकारिक सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) प्वाइंट के रूप में कार्य करता है।

चूंकि यह भारत और चीन के बीच तीन खुली व्यापारिक सीमा चौकियों में से एक है, इसलिए नाथू ला दर्रा ने चीन-भारतीय व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई  है। इसने महत्वपूर्ण बौद्ध और हिंदू तीर्थ स्थलों के बीच की दूरी को भी कम कर दिया है, इस प्रकार अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और चीन के साथ सीमा संबंधों में सुधार हुआ है।

नाथुला पास में क्या है खास ? – What is special about Nathula Pass? in Hindi

Image Credit : Vrushni Muthukumar

भारत-चीनी सीमा पर स्थित नाथुला दर्रा सिक्किम के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है। जहाँ हर साल भारी संख्या में पर्यटक ट्रैकिंग के लिए आते हैं और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं। गंगटोक से नाथूला तक रास्ते में कई झरने हैं जो इस क्षेत्र को घेरे हुए खूबसूरत बर्फ की चोटियों को देखने का अवसर प्रदान करते हैं। इनके अलावा यह क्षेत्र हिमालय के वन्यजीवों जैसे तिब्बती गजले, हिम तेंदुए, याक, तिब्बती भेड़िये, आदि का समर्थन करता है जिन्हें यहाँ घूमते हुए देखे जा सकता है। एक शानदार वन्यजीव रेंज के अलावा यहाँ वनस्पतियों की समृद्ध विविधता भी मौजूद है जो इस दर्रे के आकर्षण में चार चाँद लगाने का कार्य करती है।

और पढ़े : बारालाचा ला दर्रा घूमने की जानकारी और इसके पर्यटन स्थल

नाथुला पास का भूगोल और जलवायु – Geography and Climate in Hindi

Image Credit : Shubham Singhal

नाथूला दर्रा में गर्मियों का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक होता है जबकि सर्दियों में यही तापमान 1 डिग्री सेल्सियस और उससे नीचे भी चला जाता है और भारी बर्फबारी भी होती है। यह दर्रा में मामूली उथली, अत्यधिक सूखा, पाठ्यक्रम और दोमट मिट्टी एक खड़ी ढलान पर स्थित है, जिसमें घने दोमट सतह, मध्यम कटाव और मध्यम स्थिरता है। इसमें कई डूब क्षेत्र हैं जबकि इसके कुछ हिस्सों में बारिश के मौसम में भूस्खलन का खतरा भी बना रहता है। इसीलिए आप जब भी नाथू ला दर्रा की यात्रा पर जाएँ तो नाथूला के मौसम और स्थिति की जाँच कर लें।

नाथुला पास परमिट – Nathula Pass Permit in Hindi

यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ नाथूला पास घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो जान लें नाथुला पास घूमने जाने के लिए एक विशेष परमिट की आवश्यकता होती है। यह परमिट केवल भारतीय पर्यटकों या नागरिको को सिर्फ दिया जाता है विदेशी पर्यटकों को यहाँ आने की अनुमति नही है। नाथुला पास की ट्रिप पर आने वाले पर्यटक यह परमिट पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग को आवेदन करके या किसी पंजीकृत ट्रैवल एजेंसी की मदद से किया जा सकता है।

  • नाथुला पास परमिट के लिए लगने वाला शुल्क : 200 रूपये

बाबा हरभजन सिंह मंदिर – Baba Harbhajan Singh Temple in Hindi

नाथुला और जेलेपला दर्रे के बीच से गुजरने वाली सड़क पर स्थित बाबा हरभजन सिंह मंदिर नाथुला का प्रसिद्ध मंदिर और पर्यटक आकर्षण है। बाबा हरभजन सिंह 4000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक ऐसा मंदिर है जो बाबा हरभजन सिंह की समाधि पर बना हुआ है। बताया जाता है कि 35 साल पहले पूर्वी सिक्किम में तुक्ला से लेकर देंग ढुकला तक के विभाजन के दौरान खच्चरों के एक झूंड नेतृत्व करते हुए सिपाही हरभजन सिंह लापता हो गए थे, इसके बाद उनकी खोज शुरू की गई।

लेकिन तीन दिनों तक खोज करने के बाद सैनिको को उनकी बॉडी मिली। इसके बाद टुकड़ी के कई सैनिकों ने बताया कि बाबा उनके सपनों में आ रहे हैं और अपनी याद में एक मंदिर बनाने के लिए बोल रहे थे। जिसके बाद उनकी याद में ‘बाबा हरभजन सिंह स्मारक मंदिर’ बनवाया गया। यहाँ आने वाले पर्यटक उनकी समाधि पर वर्दी पर चढाते है और उनकी परिक्रमा करते हैं।

नाथुला पास की टाइमिंग – Timings of Nathula Pass in Hindi

Image Credit : Kanhu Panda

बता दे नाथूला पास भारतीय पर्यटकों के घूमने के लिए बुधवार, गुरुवार, शनिवार और रविवार के दिन सुबह 10.00 बजे से 5.00 बजे तक ही खुलता है।

नाथुला पास की एंट्री फीस – Entry Fee of Nathula Pass in Hindi

जो भी पर्यटक नाथूला पास घूमने जाने का प्लान बना रहे है हम उन्हें बता दे नाथूला पास  में घूमने के लिए कोई एंट्री फीस नही है, लेकिन यहाँ आने से पहले आपको अनिवार्य रूप से परमिट प्राप्त करना होगा।

और पढ़े : रोड ट्रिप्स के लिए इंडिया की सबसे रोमांचक और खूबसूरत सड़के

नाथुला पास में घूमने की सबसे अच्छी जगहें – Places to visit around Nathula Pass in Hindi

गंगटोक सिक्किम का एक प्रमुख शहर और पर्यटक स्थल है जो नाथूला दर्रा के साथ साथ अन्य कई प्रसिद्ध मंदिर और पर्यटक स्थलों से भरा हुआ है जिन्हें आप नाथूला दर्रा की यात्रा दौरान घूम सकते है। यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ नाथू ला दर्रा जाने वाले है अपना कुछ समय निकालकर नीचे दिये गये इन प्रसिद्ध पर्यटक की यात्रा के लिए भी जरूर जायें –

  • हनुमान टोक
  • एमजी रोड
  • ताशी व्यू पॉइंट
  • रेशी हॉट स्प्रिंग
  • हिमालयन जूलॉजिकल पार्क
  • बाबा हरभजन सिंह मंदिर
  • गणेश टोक
  • त्सुक ला खंग मठ
  • दो द्रुल चोर्टेन

नाथूला दर्रा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Nathula Pass in Hindi

Image Credit : Cinjith B

ग्रीष्मकाल का समय अप्रैल से अक्टूबर के महीने नाथूला दर्रा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय होता है। इस समय नाथूला पास का मौसम सुखदायक होता है और Tsomgo झील और पहाड़ों का स्पष्ट दृश्य प्रस्तुत करता है। यह सर्दियों के दौरान पूरी तरह से बर्फ के नीचे ढका रहता है और तापमान -25 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। बर्फ से अवरुद्ध सड़कों और बेहद ठंडे तापमान के कारण सर्दियों का मौसम नाथुला दर्रे पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय नहीं माना जाता है। हालांकि बर्फ से ढके पहाड़ों और जमी हुई झीलों का अद्भुत नजारा आपको बेहद आकर्षित करेगा।

और पढ़े गंगटोक में घूमने की 15 खास जगह

नाथूला दर्रा की यात्रा में रुकने के लिए होटल्स – Best Hotels In Gangtok in Hindi

जो भी पर्यटक नाथुला दर्रा की यात्रा में रुकने के लिए होटल्स सर्च कर रहे है हम उन्हें बात दे गंगटोक सिक्किम के प्रमुख शहरों में से एक है जिसमे आपको सस्ते होटलों से लेकर आलीशान रिसॉर्ट्स तक आसानी से मिल जायेंगे, जिन्हें आप ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम दोनों से बुक कर सकते हैं।

नाथूला दर्रा गंगटोक केसे पहुचें – How to reach Nathu La Pass Gangtok in Hindi

नाथू ला दर्रा गंगटोक से लगभग 54 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है जहाँ पहुचने के सबसे अच्छा तरीका सड़क मार्ग से यात्रा करने है। नाथू ला दर्रा गंगटोक से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है इसीलिए गंगटोक आने के बाद आप एक टेक्सी या स्थानीय वाहनों की मदद से नाथू ला दर्रा जा सकते है।

 फ्लाइट से नाथुला  दर्रा कैसे पहुंचे – How To Reach Nathula Pass By Airplane in Hindi

अगर आप फ्लाइट से नाथू ला दर्रा गंगटोक जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इस शहर का अपना हवाई अड्डा नहीं है और इसलिए देश के बड़े शहरों से गंगटोक के लिए सीधी उड़ान संभव नहीं है। गंगटोक के सबसे पास का हवाई बागडोगरा में है जो नाथू ला पास से लगभग 175 किमी दूरी पर स्थित है। इस हवाई अड्डे के लिए आपको देश के प्रमुख शहरों से फ्लाइट मिल जाएँगी। एयरपोर्ट पर पहुचने के बाद आप बस या एक टेक्सी बुक करके नाथू ला दर्रा गंगटोक जा सकते है।

ट्रेन से नाथूला दर्रा कैसे पहुंचे- How To Reach Nathula Pass By Train in Hindi

नाथू ला पास के लिए कोई सीधी रेल कनेक्टविटी भी नही है नाथू ला पास का निकटतम रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी में है, जो यहाँ से लगभग 166 किमी की दूरी पर स्थित है। स्टेशन एक उत्कृष्ट रेल नेटवर्क प्रदान करता है जो शहर को भारत के कई प्रमुख शहरों से जोड़ता है। न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पहुचने के बाद पर्यटक बस या टेक्सी की मदद से आसानी से अपने गंतव्य तक जा सकते है।

सड़क मार्ग द्वारा नाथूला दर्रा कैसे पहुंचे – How To Reach Nathula Pass By Road in Hindi

अगर आप अपनी पर्सनल कार से नाथू ला दर्रा गंगटोक की यात्रा के लिए जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग 31 ए मार्ग के माध्यम से  गंगटोक जाना सबसे सुविधाजनक रहेगा। सड़क मार्ग जाने का सबसे अच्छा फायदा यह होता है कि आप जरूरत पड़ने पर कहीं भी रुक सकते  है। सड़क से जाने वाले यात्रियों की मदद के लिए मार्ग के किनारे कई एटीएम, ईंधन पंप और भोजन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

और पढ़े : अप्रैल में घूमने के लिए भारत की सबसे अच्छी जगहें

इस लेख में आपने नाथूला दर्रा के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट करके जरूर बतायें।

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नाथू ला दर्रा का मेप – Map of Nathula Pass

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Kailash Patel

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