Madhav National Park In Hindi, माधव नेशनल पार्क भारत के मध्य प्रदेश राज्य के शिवपुरी में स्थित एक प्रसिद्ध नेशनल पार्क हैं। माधव नेशनल पार्क अपने आकर्षण के लिए जाना जाता हैं जोकि कभी मुगल बादशाहों और मराठा राजघरानों के शिकारगाह के रूप में अपनी पहचान रखता था। माधव वन्यजीव अभ्यारण 354 वर्ग किलोमीटर की भूमि में फैला हुआ हैं। प्राकृतिक सुंदरता, यहाँ पाए जाने वाले वन्यजीव, वनस्पति, जीव-जंतु और हरे-भरे वातावरण को देखने के लिए माधव नेशनल पार्क की ओर पर्यटक बहुत अधिक संख्या में आते हैं। माधव राष्ट्रीय उद्यान ने सम्राट अकबर के समय से कई शाही आंदोलनों को देखा है और यह कहा जाता है कि उन्होंने इस स्थान से सन 1564 में यहां से कई हाथियों को पकड़ा था।
माधव नेशनल पार्क में रोमांचित कर देनी वाली गतिविधियां में झीलें, झरने, घने जंगल और महल आदि शामिल हैं। यदि आप माधव राव नेशनल पार्क के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
माधव नेशनल पार्क का इतिहास बहुत पुराना हैं जोकि ग्वालियर के मराठा महाराजाओं से सम्बंधित था। हालाकि उनसे पहले यहाँ मुगल सल्तानत के अधीन रह चुका हैं। मुगलों के शासनकाल के दौरान माधव वन्यजीव अभ्यारण के घने जंगल मुगल सम्राटों के शिकार के मैदान के रूप में जाने जाते थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सम्राट अकबर द्वारा हाथियों के बड़े झुंड यहाँ से पकडे गए थे। यह स्थान शाही शूटिंग रिजर्व के रूप में जाना जाता था इसलिए अच्छी तरह से संरक्षित करके रखा गया था। माधव वन्यजीव अभ्यारण के इतिहास से पता चलता हैं कि सन 1916 में लॉर्ड हार्डिंग ने आठ बागो की हत्या एक दिन में ही गोली मर कर दी थी और लॉर्ड मिंटो ने 19 बाघों की शूटिंग की। 1970 के दौरान माधव नेशनल पार्क में जंगली बाघों को आखरी बार देखा गया था। हालाकि अक्टूबर 2007 से एक नर और एक मादा बाघ एक बार फिरसे यहाँ निवास करने लगे हैं।
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माधव राष्ट्रीय उद्यान अपनी आकर्षित वनस्पति और जीव-जंतुओं के लिए जाना जाता हैं। यहां पाए जाने वाले जीव जंतुओं में मुख्य रूप से (Madhav National Park Is Famous For Which Animal) सांभर, लकड़बग्घा, बाघ, नीलगाय, सुस्त भालू, मगरमच्छ, चिंकारा, हिरण, मृग, तेंदुआ, भेड़िया, सियार, लोमड़ी, जंगली सुअर आदि शामिल हैं। इसके अलावा माधव राष्ट्रीय उद्यान में सफेद स्तन वाले किंगफिशर, प्रवासी गीज़ ओरियोल, लाल-वॉटेड लैपविंग, बड़े चितकबरे वैगेटल, पोचार्ड, बैंगनी सनबर्ड, पिंटेल, सफेद इबिस, कॉर्मोरेंट, पेंट स्टॉक, लैगर फाल्कन आदि जैसे पक्षियों की प्रजाति भी देखने को मिलती हैं।
माधव वन्यजीव अभ्यारण में पाई जाने वाली वनस्पति, पहाड़ियां, सूखे और हरे-भरे मिश्रित जंगल, घास के मैदान, झीलें, विशेष रूप से हिमस्खलन और कई तरह के वनस्पति प्रजातियां पर्यटकों के देखने के लिए एक आदर्श स्थान है। माधव नेशनल पार्क में कुछ प्रमुख वनस्पतियों में शामिल धवड़ा, खैर, करधई, पलाश और सलाई आदि शामिल हैं।
माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी मध्य प्रदेश का क्षेत्रफल 354 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
माधव नेशनल पार्क की स्थापना वर्ष 1958 में हुई थी।
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माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी के आसपास आपको कई खूबसूरत पर्यटन स्थल मिलेंगे जिनकी यात्रा पर भी आप घूमने जा सकते हैं।
करेरा पक्षी अभ्यारण शिवपुरी में स्थित एक शानदार जगह हैं जोकि पक्षी विज्ञान और पक्षी प्रेमियों के लिए एक आनन्दित गंतव्य हैं। करेरा पक्षी अभयारण्य शिवपुरी से लगभग 55 किमी की दूरी पर स्थित है। करेरा पक्षी अभ्यारण हर साल पक्षियों की कई प्रजातियों की मेजबानी करता है। इस अभ्यारण में प्रवासी पक्षी और शिवपुरी के स्थानीय पक्षियों को देखा जा सकता हैं। करेरा पक्षी अभयारण्य में 245 प्रजातियों के पक्षियों के साथ भारतीय रॉबिन, चैती, एग्रेत, स्पूनबिल, बगुला, पिंटेल और ब्लैक-बेल्ड रिवर टर्न आदि पक्षियों का निवास स्थान हैं।
माधव नेशनल पार्क आकर्षण में शामिल बाणगंगा शिवपुरी में स्थित एक बहुत ही पुराना मंदिर है। जोकि 52 पवित्र कुंडों के लिए प्रसिद्ध है। बाणगंगा से सम्बंधित एक प्राचीन कहानी हैं कि पितामाह भीष्म की व्यास बुझाने के लिए अर्जुन ने अपने बाण से गंगा प्रकट की थी। इस लिए इस स्थान को बाणगंगा के नाम से जाना जाता हैं।
शिवपुरी जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल पनिहार एक खूबसूरत स्थान हैं जोकि ग्वालियर शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माना जाता हैं कि यदि आप यहाँ एक बार डुबकी लगते हैं तो आपके पापो का नाश हो जाता हैं।
शिव चतुर्दशी का त्यौहार शिवपुरी में फरवरी-मार्च के महीने के दौरान मनाया जाता हैं। इस त्यौहार के अवसर पर देश भर से एकत्रित हुए संतो द्वारा बहुत ही उत्साह और धूम धाम से मनाया जाता है। माधव नेशनल पार्क घूमने के साथ साथ पर्यटक इस त्यौहार का हिस्सा बनना भी बहुत पसंद करते हैं।
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छत्री सिंधियों के शासन के तहत मुगल गार्डन में स्थित हैं। छत्री शिवपुरी के प्रमुख प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है जोकि मुगल और हिंदू संस्कृति का मिश्रण प्रस्तुत करती हैं। मुगल उद्यान में सिंधियों की शाही कब्रें बनी हुई हैं। यहाँ बनी कब्रें विशाल पेड़ों, हरे-भरे बागों और बरामदे की झाड़ियों से घिरी हुई हैं। जोकि मुग़ल वास्तुकला की शैलियों को प्रदर्शित करती हैं।
माधव नेशनल पार्क के प्रमुख आकर्षण में शामिल सख्या सागर झील के खूबसूरत जगह हैं। जोकि वर्ष 1920 में शिवपुरी जिले में मनियर नदी पर निर्मित किया गया था। पर्यटकों को यहाँ बड़ी संख्या में भारतीय अजगर, सरीसृप, दलदली मगरमच्छ और मॉनिटर छिपकली देखने को मिलती हैं। माधव राष्ट्रीय उद्यान और सत्य सागर झील का यह समूह इस क्षेत्र में पर्यावरणीय वातावरण को बनाए रखता हैं। इस झील के किनारे एक नाव क्लब है जोकि शानदार सवारी का आनंद प्रदान करता हैं।
शिवपुरी का प्रसिद्ध भदैया कुंड झरना प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत नजारा हैं। भदैया कुंड उच्च खनिज सामग्री के लिए जाना जाता है और इस खूबसूरत स्थान पर पर्यटक पिकनिक का आनंद लेने के लिए दूर दूर से आते है। खास कर मानसून के इस झरने का महत्व और अधिक बढ़ जाता हैं।
माधव विलास पैलेस एक खूबसूरत स्थान है जोकि शिवपुरी में स्थित हैं और गुलाब के गुलाबी रंग के एक नरम रंग से सुसज्जित यह भव्य निवास सिंधियों की ग्रीष्मकालीन महल के रूप में में जाना जाता हैं। माधव पैलेस वर्तमान समय में भारत सरकार के इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्यरत हैं।
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माधव नेशनल पार्क की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को बता दें कि यहाँ जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के दौरान का माना जाता हैं। क्योंकि सर्दियों के मौसम में प्रवासी पक्षियों की घनी आबादी पार्क में देखने को मिलती हैं। इसके विपरीत गर्मी के मौसम के दौरान यहाँ का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता हैं।
शिवपुरी पर्यटन के दौरान आप कई प्रकार के लजीज भोजन का सेवन कर सकते है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिवपुरी में स्वादिष्ट खाने के लिए सबसे अच्छी जगहें झांसी रोड और सर्कुलर रोड पर हैं। झाँसी रोड पर चीनी भोजन चख सकते हैं जबकि सर्कुलर रोड पर शाकाहारी और मांसाहारी भोजन आपकी सेवा के लिए तत्पर हैं। शिवपुरी के प्रसिद्ध भोजन में कबाब, भुट्टे का कीस (एक प्रकार का कसा हुआ कॉर्न स्नैक), कोपरा पाक (नारियल की बर्फी), मालपुआ (एक प्रकार का मीठा पान) के अलावा पंजाबी और दक्षिण भारतीय व्यंजन आपको मिल जाएंगे।
माधव नेशनल पार्क की यात्रा के दौरान आप राज्य पर्यटन विभाग द्वारा संचालित पार्क में उपलब्ध आवास स्थल पर रुक सकते हैं। यहाँ आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट की होटल मिल जाएंगे। इसके अलावा आप शिवपुरी में अन्य होटलों में भी रुख सकते हैं।
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माधव वन्यजीव अभ्यारण की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी भी साधन का चुनाव कर सकते हैं।
माधव नेशनल पार्क की जाने के लिए आप फ्लाइट का चुनाव कर सकते है। माधव वन्यजीव अभ्यारण का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा ग्वालियर है जोकि पार्क से लगभग 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यदि आपने माधव नेशनल पार्क जाने के लिए रेल मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि झाँसी रेलवे स्टेशन पार्क का सबसे नजदीकी रेलवे जंक्शन हैं जोकि पार्क से लगभग 89 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
माधव राष्ट्रीय उद्यान जाने के लिए यदि आपने बस का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि माधव नेशनल पार्क सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के सभी नगरो से जुड़ा हुआ हैं। झाँसी, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर और शहडोल जैसे प्रमुख शहरो से यह पार्क अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं।
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इस लेख में आपने माधव राष्ट्रीय उद्यान घूमने की पूरी जानकारी को जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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