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इस्कॉन मंदिर वृंदावन की जानकारी – Iskcon Temple In Vrindavan Information In Hindi

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Iskcon Temple Vrindavan In Hindi : इस्कॉन मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा शहर के वृंदावन में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम को समर्पित है। यही कारण है कि इस मंदिर को कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह वृंदावन के सभी मंदिरों में सबसे भव्य है जिसकी सुंदरता देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक यहां आते हैं। मंदिर के अंदर की नक्काशी, पेंटिंग और चित्रकारी बहुत मनमोहक है और भगवान के जीवन का वर्णन करती है। मंदिर के अंदर लोग पूजा पाठ करने के बाद अलग तरह की शांति का अनुभव करते हैं।

  1. इस्कॉन मंदिर का इतिहास – History Of Iskcon Temple Vrindavan In Hindi
  2. इस्कॉन मंदिर से जुड़ी कथा – Story Of Iskcon Temple Vrindavan In Hindi
  3. इस्कॉन मंदिर के बारे में रोचक तथ्य – Interesting Facts About Iskcon Temple Vrindavan In Hindi
  4. इस्कॉन मंदिर में पूजा का समय – Iskcon Temple Pooja Timing In Hindi
  5. इस्कॉन मंदिर कैसे पहुंचें – How To Reach Iskcon Temple In Hindi
  6. इस्कॉन मंदिर के आसपास कहां रूकें – Where To Stay Near Iskcon Temple In Hindi
  7. इस्कॉन मंदिर वृंदावन का पता – Iskcon Temple Vrindavan Location
  8. इस्कॉन वृंदावन फोटो – Iskcon Vrindavan Photos

1. इस्कॉन मंदिर का इतिहास – History Of Iskcon Temple Vrindavan In Hindi

इस्कॉन मंदिर का पूरा नाम इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस(ISKCON) है। इसकी स्थापना भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने 1966 में न्यूयॉर्क में की थी। इस समाज की मूल मान्यताएं भागवद गीता पर आधारित हैं। इस्कॉन मंदिर का सम्बन्ध गौडीय वैष्णव संप्रदाय से है। जहां वैष्णव का अर्थ होता है भगवान विष्णु की पूजा और गौड़ का सम्बन्ध पश्चिम बंगाल के गौड़ प्रदेश से है। माना जाता है कि इसी जगह से वैष्णव संप्रदाय की शुरूआत हुई थी। मूल रूप से भगवान श्री कृष्ण के प्रति अपने विचारों और कार्यों को समर्पित, जिसमें भक्ति योग का अभ्यास, प्रसार करने के लिए इस्कॉन संस्था बनाई गई थी।

इस्कॉन के उपदेश और प्रथाओं को श्री चैतन्य महाप्रभु (1486-1532) द्वारा शुरू किया गया और संहिताबद्ध किया गया था, जो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के अवतार थे। माना जाता है कि स्वामी प्रभुपाद भारत में कई जगहों पर इस्कॉन मंदिर बनवाना चाहते थे। 1975 में उन्होंने वृंदावन में यह मंदिर बनवाया था। कुछ ही वर्षों में यह मंदिर देश के कोने कोने में प्रसिद्ध हो गया। मंदिर के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद की 1977 में मृत्यु हो गई, मंदिर परिसर में उनका स्मारक बनाया गया है।

2. इस्कॉन मंदिर से जुड़ी कथा – Story Of Iskcon Temple Vrindavan In Hindi

इस्कॉन मंदिर यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। माना जाता है कि पांच हजार वर्ष पहले जिस स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण और बलराम अपनी गायों को चराने आते थे, खेला करते थे और गोपियों के साथ लीलाएं करते थे, ठीक उसी स्थान पर इस्कॉन मंदिर का निर्माण किया गया है। यह स्थान श्रीकृष्ण और बलराम के बचपन की विभिन्न कहानियों से जुड़ा हुआ है।

3. इस्कॉन मंदिर के बारे में रोचक तथ्य – Interesting Facts About Iskcon Temple Vrindavan In Hindi

  • इस्कॉन मंदिर का निर्माण सफेद सगंमरमर के पत्थरों से किया गया है। मंदिर की दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी और पेंटिंग भी की गई है, जिसमें कृष्ण की शिक्षा और अनके जीवन से जुड़ी घटनाओं का सुन्दर वर्णन किया गया है।
  • इस्कॉन मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
  • इस्कॉन मंदिर में तीन वेदियां है। इस्कॉन मंदिर के मध्य वेदी में श्री कृष्ण और बलराम की पवित्र और अलंकृत-मूर्तियां रखी गई है।
  • मंदिर का वातारण बहुत ही आध्यात्मिक और भक्तिमय है जिसमें भक्तों को आंनद प्राप्त होता है। इस्कॉन मंदिर में शाम को होने वाली श्रीकृष्ण आरती बहुत लोकप्रिय है।
  • मंदिर के केंद्रीय स्लैब में बाईं ओर नित्यानंद के साथ चैतन्य महाप्रभु और भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद और उनके आध्यात्मिक कोच भक्तिसिद्धान्त सरस्वती ठाकुर की मूर्तियां लगी हुई हैं।
  • इस्कॉन मंदिर की विशेषता यह है कि यहां विभिन्न राष्ट्रीयता और अलग अलग पृष्ठभूमि के लोग आते हैं, कृष्ण की प्रार्थना कर उनकी प्रशंसा में गीत गाते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
  • इस मंदिर के अंदर का वातावरण बहुत ही तनावमुक्त है जहां श्रद्धालु अपना गुणवत्तापूर्ण समय बिताना पसंद करते हैं।
  • मंदिर परिसर के भीतर भगवद गीता की कक्षाएं सुबह के साथ-साथ शाम में भी आयोजित की जाती हैं।
  • मंदिर में स्थित देवताओं की पोशाक दिन में दो बार बदली जाती है और 24 प्रशिक्षित पुजारियों द्वारा मंदिर के देवताओं की पूजा की जाती है।
  • मंदिर परिसर के अंदर देखने लायक कुछ अन्य स्थानों में गोशाला, स्वामी प्रभुपाद की समाधि, प्रभुपाद हाउस, महा प्रसादम स्टाल, वृंदा कुंड, गुप्ता कुंड और भक्तिवेदना बुक ट्रस्ट संग्रहालय शामिल हैं।

4. इस्कॉन मंदिर में पूजा का समय – Iskcon Temple Pooja Timing In Hindi

सर्दी और गर्मी दोनों मौसम में इस्कॉन मंदिर तड़के सुबह चार बजकर दस मिनट पर खुलता है। मंदिर खुलने के ठीक बाद समाधि आरती होती है। इसके बाद साढ़े चार बजे सुबह मंगला आरती होती है। साथ ही अन्य कई तरह की आरती की जाती है। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में दर्शन और पूजन का सिलसिला चलता रहता है। दोपहर बारह बजकर पैंतालीस मिनट (12:45PM) पर भगवान को भोग लगाकर मंदिर का द्वार बंद कर दिया जाता है। इसके बाद मंदिर साढ़े चार बजे शाम को खुलता है और गर्मी के मौसम में रात आठ बजकर पैंतालीस मिनट पर मंदिर को बंद कर दिया जाता है जबकि सर्दी के मौसम में आठ बजकर पंद्रह मिनट (08:15PM) पर मंदिर के कपाट (गेट) बंद होते है।

और पढ़े : वृंदावन और मथुरा की होली क्यों है इतनी खास

5. इस्कॉन मंदिर कैसे पहुंचें – How To Reach Iskcon Temple In Hindi

वृंदावन उत्तर प्रदेश राज्य के अंतर्गत आता है, जो वायु, रेल और बस मार्गों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह आगरा के नजदीक है। दिल्ली से यमुना एक्सप्रेस-वे मार्ग से आप आगरा होते हुए मथुरा जा सकते हैं। आगरा से वृंदावन 75.7 किलोमीटर दूर है।

हवाई जहाज द्वारा इस्कॉन मंदिर कैसे पहुंचें

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से मथुरा पहुंचना सबसे सुविधाजनक विकल्प है। इसके अलावा आप मुंबई और कोलकाता से भी फ्लाइट से यहां पहुंच सकते हैं। दिल्ली से मथुरा 141 किमी दूर है। मथुरा पहुंचने के बाद आप वहां से टैक्सी या बस से वृंदावन जा सकते हैं। मथुरा से वृंदावन महज 10 किलोमीटर दूर है।

ट्रेन द्वारा इस्कॉन मंदिर कैसे पहुंचें

मथुरा रेलवे स्टेशन रेलमार्ग द्वारा दिल्ली, मुंबई, कोलकाता सहित कई अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। आप एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनों से मथुरा स्टेशन पहुंचकर वहां से टैक्सी, ऑटो या रिक्शा द्वारा वृंदावन स्थित इस्कॉन मंदिर पहुंच सकते हैं।

बस द्वारा इस्कॉन मंदिर कैसे पहुंचें

दिल्ली, नोएडा सहित आसपास के अन्य शहरों से वृंदावन और मथुरा के लिए नियमित नियमित सड़क परिवहन और अन्य लक्जरी बसें चलती हैं जिसके माध्यम से आप इस्कॉन मंदिर जा सकते हैं।

6. इस्कॉन मंदिर के आसपास कहां रूकें – Where To Stay Near Iskcon Temple In Hindi

अगर आप इस्कॉन मंदिर वृंदावन जाने की प्लानिंग बना रहे हैं तो आपको रुकने की सुविधा के बारे में पहले से जानकारी ले लेनी चाहिए। आपको बता दें कि इस्कॉन मंदिर के आसपास दो किमी के क्षेत्र में करीब 62 होटल और गेस्ट हाउस हैं जहां यात्रियों के रूकने की बेहतर सुविधा उपलब्ध है। आप अपने बजट और सुविधा के अनुसार इन होटलों में रुक सकते हैं। आप चाहें तो यहां रुकने के लिए पहले से ऑनलाइन बुकिंग भी करा सकते हैं।

और पढ़े: कामाख्या देवी मंदिर के बारे में रोचक तथ्य और इतिहास 

7. इस्कॉन मंदिर वृंदावन का पता – Iskcon Temple Vrindavan Location

8. इस्कॉन वृंदावन फोटो – Iskcon Vrindavan Photos

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