Leh Ladakh In Hindi : लेह लद्दाख भारत के केंद्र शासित प्रदेश में स्थित एक आकर्षित पर्यटक स्थल है। यह लद्दाख के हिमालय राज्य की भी राजधानी रह चुका हैं। लेह में आकर्षण और शानदार परिदृश्य से संपन कई पर्यटन स्थल हैं और इस शहर की संस्कृति पर्यटकों का मन मोह लेती है। लेह लद्दाख की खूबसूरती को देखकर ऐसा प्रतीत होता हैं कि यदि धरती पर कही स्वर्ग है, तो वह यही स्थान हैं। दुनिया की दो सबसे शक्तिशाली और विशाल पर्वत श्रृंखला हिमालय पर्वत और काराकोरम से यह स्थान घिरा हुआ हैं। प्राकृतिक सुन्दरता और भूगोल विज्ञान से लेकर लेह रोमांचित कर देने वाली जगहों से भरा हुआ क्षेत्र हैं। लेह लद्दाख में गोम्पस से लेकर सनसनीखेज मोमोज तक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। जम्मू और कश्मीर राज्य को तीन हिस्से में लेह लद्दाख, जम्मू और कश्मीर में विभाजित किया गया हैं।
यदि आप लेह लद्दाख पर्यटन स्थल के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेना चाहते हैं, तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े –
यदि आपने केंद्र शासित प्रदेश के आकर्षित पर्यटक स्थल लेह लद्दाख की यात्रा का प्लान बनाया हैं, तो हम आपको बता दें आप फ्लाइट और बस से आप अपनी डेस्टिनेशन लेह लद्दाख आराम से पहुंच जायेंगे –
लेह लद्दाख की ट्रिप पर जाने वाले पर्यटको को हम बता दें कि यदि आपने लेह लद्दाख जाने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं, तो दिल्ली, जम्मू और श्रीनगर हवाई अड्डे लेह लद्दाख से बहुत अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। दिल्ली से लेह लद्दाख शहर के लिए दिन में कई सीधी उड़ाने हैं।
यदि आप ट्रेन के माध्यम से लेह लद्दाख शहर जाने की योजना बनाई हैं, तो हम आपको बता दें कि दुर्भाग्य से ट्रेन से लेह लद्दाख जाने के लिए कोई कनेक्टिविटी नही है। ट्रेन के माध्यम से जम्मू या श्रीनगर पहुंच सकते हैं और फिर बस के माध्यम से लेह लद्दाख पहुंच सकते हैं।
लेह लद्दाख पर्यटन स्थल दो एडवेंचर राज्यमार्ग से मनाली राज्यमार्ग और श्रीनगर राज्यमार्ग से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। इसलिए सडक मार्ग से भी लेह लद्दाख की यात्रा सुगम हो जाती हैं।
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लेह लद्दाख की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को हम बता दें की पूरी तरह से इस यात्रा के लिए सड़क मार्ग से चलते हुए कम से कम 11-12 दिन का समय लग जाता हैं।
लेह लद्दाख की यात्रा पर जाने के लिए यदि पर्यटकों के मन में यह विचार आ रहा हैं, कि क्या वह लेह लद्दाख की यात्रा 9 दिन में पूरी कर सकते हैं ? तो इसका जवाव हां हैं। हालाकि लेह लद्दाख की यात्रा के लिए आम-तौर पर 11-12 दिन जरूरी है, लेकिन आप 9 दिन में भी अपनी इस ट्रिप को पूरा कर सकते है।
लेह लद्दाख की यात्रा 4-5 दिन में करने के लिए आप एक मात्र विकल्प हवाई मार्ग हैं। पहले दो दिन की यात्रा में आपको एएमएस (AMS) का मुकाबला करने के लिए Acclimatization की आवश्यकता होगी। चार दिनों की यात्रा के दौरान आप एक दिन के लिए नुब्रा घाटी की यात्रा करें और इसके बाद एक दिन पैंगोंग त्सो शानदार यात्रा का लुत्फ उठाएं। लेकिन आप 5 दिन की यात्रा के लिए लेह लद्दाख गए हुए हैं, तो अंतिम तीन दिनों में नुब्रा घाटी और पैंगोंग त्सो की यात्रा करे जोकि श्योक गांव या वारी ला मार्गो के माध्यम से संभव हैं।
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लेह लद्दाख की 2-3 दिन की यात्रा के प्रश्न के जवाव में आपको हाँ में मिल जाएगा। लेकिन इस यात्रा पर आप ज्यादा लुत्फ नही उठा पाएंगे और लद्दाख के कुछ दर्शनीय स्थलों की यात्रा से वंचित रह सकते हैं। उडान लेह लद्दाख की यात्रा का एक मात्र विकल्प होगा। लेकिन इसके लिए कम से कम 36 घंटे के लिए Acclimatization की जरूरत हैं। इसलिए यात्रा के पहले दो दिन की उडान भरने के बाद आपको लेह में सीमित रखा जायेगा। यदि तीन दिन का ट्रिप प्लान किया हैं, तो आप नुब्रा घाटी की एक दिन की यादगार यात्रा पर जा सकते हैं या पैंगोंग त्सो की एक दिन की यात्रा की योजना भी बना सकते हैं।
लेह और श्रीनगर राज्यमार्ग पर 434 किलोमीटर लम्बे सफर के दौरान सैलानियों को देखने के लिए बहुत कुछ मिल जाता हैं। श्रीनगर से लेह की यात्रा के दौरान समग्र सौंदर्य और ऊंचाई धीरे-धीरे बढती हुई प्रतीत होती हैं और रोचक एह्साह दिलाती हैं। श्रीनगर राज्यमार्ग सोनमर्ग, ज़ोजिला दर्रा, द्रास, मुल्बेख मैत्रेय बुद्ध प्रतिमा, लामायुरु मठ, कारगिल वार मेमोरियल, कारगिल, नेके ला दर्रा, सिंधु – निंबू, पथर साहिब गुरुद्वारा, मैग्नेटिक हिल्स, ज़ांस्कर नदी संगम और फोटू ला दर्रा का देखने का अपना ही एक अलग अनुभव हैं।
मनाली लेह राजमार्ग पर देखने लायक स्थानों में लचलंग ला दर्रा, नामकी ला दर्रा, रोहतांग दर्रा, बारलाचा ला दर्रा और टैगलैंग ला दर्रा सहित यहां के विभिन्न दर्शनीय स्थलों और पहाड़ी दर्रो को देखा जा सकता हैं। सूरजताल यहां कि एक सुंदर झील हैं और एक दीपकाल नाम का एक तालाब है।
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लेह लद्दाख और इसके आसपास घूमने वाली जगहों में चांगस्पा रोड, मुख्य बाज़ार रोड और किला रोड पर घूमने के अलावा कुछ शानदार रेस्तरां भी मौजूद हैं। लेह के स्थानीय दर्शनीय स्थलों में शामिल त्सेमो कैसल, नामग्याल गोम्पा, द खार, लेह पैलेस, शंकर गोम्पा, दातुन साहिब, शांति स्तूप, हॉल ऑफ फेम, सिद्धू गत और जोरावर किले की यात्रा भी आप कर सकते हैं। यहां के अन्य मठ हैं जैसे शी पैलेस, थिकसी मठ, फ़ियांग, माथो मठ, स्पितुक, हेमिस मठ, स्टोक पैलेस और स्टैकना मठ हैं। इसके अलावा मैग्नेटिक हिल्स, ज़ांस्कर का संगम, अलची, लिकिर, बसगो पैलेस और निम्मू गांव में सिंधु नदी हैं।
लेह लद्दाख जाने के लिए आपको हमेशा श्रीनगर लेह राजमार्ग का चुनाव ही करना चाहिए क्योंकि यह आपकी यात्रा के लिए ज्यादा अनुकूल्र रहेगा। इसके अलावा आपको सरचू में एक रात रुकने की सुविधा भी मिल जाएगी। इस ठहराव के साथ ही साथ इस यात्रा को दो विभाजित कर दिया जाता हैं। इस यात्रा के दौरान आप मनाली की सुन्दरता का लुत्फ उठा सकते हैं। करके मनाली लेह की सुंदरता का आनंद लेने की अनुमति देता है। AMS मुद्दों की वजह से मनाली की ओर से आते समय सरचू में सोना मुश्किल होता है। मनाली लेह मार्ग से लौटते समय आप त्सो मोरीरी झील की यात्रा भी कर सकते हैं।
लेह लद्दाख की यात्रा के लिए जून से जुलाई माह के मध्य की योजना सबसे अच्छी होती हैं क्योंकि इस समय के दौरान सड़के मनाली और श्री नगर दोनों ओर से खुली होती हैं। इस समय सड़कों पर वर्फ की भारी मात्रा देखने को मिलती हैं। हालाकि की कभी-कभी सड़क मार्ग कुछ चुनोतियों से भरा हुआ साहसिक सफर भी हो जाता हैं। अक्टूबर के माह में वर्फ पिघलने की वजह से सड़क मार्ग बंद होने का खतरा बना रहता हैं।
उत्तर भारत में सामान्य रूप से जुलाई से अगस्त माह दौरान लेह लद्दाख का मौसम बारिस का रहता हैं। मनाली के कुछ हिस्सों में लेह राजमार्ग पर जैसे – बरलाचा ला से पहले और श्रीनगर लेह राजमार्ग पर कारगिल से मानसून की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं। इसका साफ अर्थ हैं कि नदिया बारिश के जल की वजह से हिंसक रूप धारण किए हुए हो सकती हैं। सड़कों पर स्लश – जैसे ज़ोजिला दर्रा, रोहतांग दर्रा भीषण रूख अपनाए हुए होंगी और जम्मू कश्मीर के अन्य हिस्सों में भूस्खलन होना एक आम बात हैं। लेकिन जब आप लद्दाख के करीब पहुंच जाते है तो आपको इस तरह बाधाओं से छुटकारा मिल जायेगा क्योंकि यह स्थान सुरक्षित हैं। इसलिए इस मौसम में जाना थोडा रिस्की लेकिन आकर्षित रहता हैं। वैसे भी कहते है कि खूबसूरती अक्सर खतरनाक होती हैं।
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लेह लद्दाख की यात्रा पर जाने के लिए यदि आप सर्दियों के मौसम का प्लान बना रहे हैं तो आपको बता दें कि श्री नगर और मनाली से लद्दाख जाने वाला सडक मार्ग सर्दियों में बंद हो जाता हैं। इसलिए सर्दिय के मौसम में लेह की यात्रा करने का एक मात्र साधन उडान हैं और इसके बाद लद्दाख के भीतर पैंगोंग त्सो नुब्रा वैली और त्सो मोरीरी पर्यटन स्थल लेह लद्दाख में घूमने वाली जगह हैं।
लेह लद्दाख की यात्रा पर पर्यटकों को देखने के लिए इतना कुछ मिल जायेगा जिसको शब्दों में बयान नही किया जा सकता हैं। यहां के खूबसूरत प्रसिद्ध स्थानों के अलावा श्रीनगर लेह राजमार्ग या मनाली लेह राजमार्ग से सफर के दौरान इस क्षेत्र की ब्यूटी को देखकर मन मन्त्र मुग्ध हो जाता हैं। लेह पहुंच कर आप लद्दाख के भीतर की जगहों जैसे – पैंगॉन्ग त्सो, लेह शहर, नुब्रा वैली और त्सो मोरीरी पर्यटन स्थलों का लुत्फ उठा सकते है।
नुब्रा घाटी लेह लद्दाख और खारदुंग ला दर्रा के उत्तर में स्थित है। नुब्रा घाटी लेह से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। नुब्रा घाटी देखने लायक स्थानों में हैन्डर, टर्टुक, सुमूर और पनामिक प्रमुख हैं।
उमलिंगला की यात्रा करने के लिए मई 2018 सभी नागरिको को अनुमति देदी गई हैं। उमलिंग ला की ऊंचाई 19300 फीट हैं। चीनी सीमा के निकट होने की वजह से वर्ष 2018 तक सेना ने इस स्थान का दौरा करने से पर्यटकों को रोक दिया था।
लेह लद्दाख से पैंगॉन्ग त्सो लगभग 170 किलोमीटर की दूरी पर हैं। आप यहां चांग ला दर्रे से गुजरते हुए लुंगुंग या स्पंगमिक, सुंदर पंगोंग त्सो नजदीकी गांव में प्रवेश कर जाते है। पैंगोंग त्सो देखने वाली जगह झील हैं, मैन – मरक – चुशुल पैंगोंग त्सो झील और हरोंग वेटलैंड्स की यात्रा भी करना एक अलग अनुभव होगा।
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लेह लद्दाख से त्सो मोरीरी झील की दूरी लगभग 240 किलोमीटर है। लेह से त्सो मोरीरी जाने में दो दिन का समय लग जाता हैं। त्सो मोरीरी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों शामिल यहां की आकर्षित पैंगोंग त्सो झील, त्सो कीगर, चुमाथांग, चुमाथांग हॉट स्प्रिंग्स ढाबा / रेस्तरां, त्सो कार झील, हेमिस और थिकसे की यात्रा की जा सकती हैं।
हनले लद्दाख की ऑफबीट जगहों में से एक है। लेह से हनले की दूरी लगभग 275 किलोमीटर हैं। हनले की यात्रा के दौरान आप यहां के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थलों का दौरा भी कर सकते हैं।
लेह लद्दाख का DOW मैप मौजूद हैं जोकि आपको नुब्रा घाटी, पैंगॉन्ग त्सो, तंज मोरीरी, शाम घाटी, हनले और अन्य को कवर करते हुए पूरे लद्दाख में स्थानों की दूरी, महत्वपूर्ण मठों, पहाड़ीयों दर्रों, झीलों आदि का विस्तृत विवरण देखा जा सकता हैं।
मनाली की ओर से रोहतांग दर्रा की यात्रा करने वाले पर्यटकों को रोहतांग दर्रा पार करने की अनुमति नही हैं। मंगलवार के दिन रोहतांग दर्रा पार करने की अनुमति नही दी जाती हैं। हालाकि कीलोंग साइड से रोहतांग दर्रा को मंगलवार के साथ साथ अन्य किसी भी दिन पर किया जा सकता हैं। मनाली से कीलोंग की तरफ जाने पर आपको रोहतांग दर्रा पर करते समय किसी भी प्रकार के पास की जरूरत नही होती हैं।
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नुब्रा घाटी से पांगोंग त्सो तक सीधे पहुंचने के लिए रास्ता बना हुआ हैं। जिन लोगो के पास समय की कमी होती हैं या सीधे नुब्रा घाटी से पांगोंग त्सो तक जाना चाहते हैं तो वह जा सकते हैं। छोटे श्योक विलेज मार्ग से या लंबे वारी ला मार्ग से आप जा सकते हैं इसके लिए आपको किसी परमिट की आवश्यकता नही होती हैं। हालाकि इस रास्ते अधिक चुनौतीपूर्ण स्थिति होती हैं। श्योक गांव से पांगोंग त्सो तक इस मार्ग की स्थित कुछ ख़राब है और कभी-कभी श्योक नदी के कारण भी मार्ग में बाधित हो जाता हैं।
यदि आप हनले की यात्रा करने की ख्वाइश रखते हैं तो हम आपको बता दें कि हनले की यात्रा की जा सकती हैं। लेकिन हनले की यात्रा करने की अनुमति केवल भारतीय नागरिको को ही विदेशी नागरिको को इसकी अनुमति नहीं दी गई हैं। जून 2018 से लेह में डीसी कार्यालय द्वारा हनले की यात्रा के लिए परमिट जारी करना शुरू कर दिया गया है।
मनाली से पैंगोंग त्सो की यात्रा करना अनुशासित नही हैं। त्सो मोरीरी अभी भी मनाली लेह राजमार्ग पर एक छोटा मोड़ है। लेकिन आप यहां की यात्रा कर सकते हैं। पैंगोंग त्सो लद्दाख में एक आंतरिक रेखा क्षेत्र है और इसकी यात्रा करने के लिए आपको एक इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है। इसके बाद जब आप पैंगोंग त्सो की यात्रा के लिए निकलेंगे तो आपको टैक्सी की आवस्यकता होगी क्योंकि पर्सनल कार ले जाने की अनुमति नही हैं।
पैंगोंग त्सो से सीधे त्सो मोरीरी की सीधी यात्रा की जा सकती हैं। यदि आप भारतीय नागरिक है लेकिन विदेशी नागरिको को अभी तक मैन – मरक गांव चेक-पोस्ट से पंगोंग त्सो की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी गई है। हालाकि मानस – मरक – चुसुल – तगागा – लोमा – न्योमा – माहे – सुमडो गांव के रास्ते होते हुए आप त्सो मोरीरी तक पहुंच जाएंगे। वर्ष 2018 से लेह में डीसी कार्यालय द्वारा दिया जाने वाला एक विशेष परमिट है। जो इस बात की परमिसन देता हैं की आप इस मार्ग पर चल सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने लेह लद्दाख की ट्रिप से रिलेटेड इन्फोर्मेशन को डिटेल जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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