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भारत की प्रमुख प्राचीन और ऐतिहासिक गुफायें – Ancient And Historical Caves of India In Hindi

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Ancient And Historical Caves of India In Hindi, दुनिया में सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक होने के नाते, भारत अन्य देशो की तुलना में कई सदियों पुराने रहस्यमय, आकर्षक और शानदार चमत्कारों को अपने अन्दर समेटे हुए है। भारत के जंगलों और घाटियों के अंदर छिपी हुई प्राचीन गुफाएँ इस विशाल देश में दफन खजाने की तरह हैं जिनमे में कुछ गुफाएं अस्पष्ट और रहस्यमय हैं। भारत में अधिकांश प्राकृतिक गुफाएँ हिंदू, जैन और बौद्ध गुफा मंदिर हैं। धार्मिक महत्व के अलावा, इन गुफाओं को उनकी असाधारण मूर्तियों और नक्काशी से पूर्व-ऐतिहासिक काल के लिए भी मान्यता प्राप्त है। भारत की प्राचीन और रहस्यमयी गुफाएं पर्यटकों के साथ तीर्थ यात्रियों और इतिहास शौक़ीनो के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

तो आइये हम इसी बिषय पर चर्चा करते हुए इस लेख में भारत की प्राचीन गुफायें और ऐतिहासिक गुफायों के बारे में जानते हैं जो देश के अतीत और प्राचीन के रहस्यों को अपने अन्दर समेटे हुए है-

Table of Contents

बोर्रा केव विशाखापतटनम – Borra Caves Visakhapatnam In Hindi

भारत के पूर्वी तट पर विशाखापटनम जिले में अरकू घाटी की अनंतगिरी पहाड़ियों में स्थित बोर्रा गुफाएँ प्राकृति की सबसे अद्भुद संरचनाओं में से एक है। बोर्रा गुफायें देश की सबसे बड़ी गुफायें है जो लगभग 705 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। आपको बता दे कि बोर्रा गुफाएँ चूना पत्थर की संरचनाएं हैं जो 80 मीटर की गहराई तक फैली हुई हैं, और भारत की सबसे गहरी गुफा मानी जाती है। सूर्य का प्रकाश और अंधेरे का संयोजन बोर्रा गुफाओं की गहराई में एक अद्भुद दृश्य प्रस्तुत करता है, जो वास्तव में अकल्पनीय है।

अमरनाथ गुफा – Amarnath Cave In Hindi

भारत के प्रमुख प्राचीन और धार्मिक स्थलों में शामिल अमरनाथ गुफा जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से 135 किलोमीटर की दूरी पर 13000 फीट की उंचाई पर स्थित है। अमरनाथ गुफा भारत में सबसे ज्यादा धार्मिक महत्व रखने वाला तीर्थ स्थल है। इस पवित्र गुफा की उंचाई 19 मीटर, गहराई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है। जो भगवान शिव की प्राकृतिक रूप से बर्फ से निर्मित शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्राकृतिक और चमत्कारिक रूप से शिव लिंग बनने की वजह से इसे बर्फानी बाबा या हिमानी शिवलिंग भी कहा जाता है। इस धार्मिक स्थल की यात्रा करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक जाते हैं जिसे अमरनाथ यात्रा के नाम से जाना जाता है। यहां पर स्थित अमरनाथ गुफा को तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है।

और पढ़े : अमरनाथ गुफा का इतिहास और कहानी

अजंता की गुफाएँ औरंगाबादAjanta Caves Aurangabad In Hindi

अजंता की गुफाएँ महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद शहर से लगभग 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अजंता की प्राचीन गुफा भारत में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटक स्थलों में से एक हैं जो भारतीय गुफा कला का सबसे महान जीवित उदाहरण हैं। यह गुफा, एलोरा गुफाओं की तुलना में भी काफी पुरानी है। अजंता की गुफाएं वाघुर नदी के किनारे एक घोड़े की नाल के आकार के चट्टानी क्षेत्र को काटकर बनाई गई है। इस घोड़े के नाल के आकार के पहाड़ पर 26 गुफाओं का एक संग्रह है।
यह गुफाएं चट्टानों पर काटकर बनाये गए बौद्ध स्मारक हैं, जिन्हें यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। अगर आप इतिहास को जानने के बारे में या ऐतिहासिक चीज़ों को देखने का शौक रखते हैं, तो अजंता गुफा की यात्रा करना आपके लिए बहुत ही आनंदमय साबित हो सकता हैं। इन गुफाओं की कलाकारी और सुंदरता आपके मन को शांति और सुख का एहसास कराएगी।

और पढ़े : अजंता की गुफा विशेषताएं और घूमने की जानकारी

भीमबेठिका गुफाएँ मध्य प्रदेश – Bhimbetka Caves Madhya Pradesh In Hindi

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के भियानपुरा में स्थित भीमबेटका गुफाएँ भारत के प्रागैतिहासिक युग का एक अलग ही रूप प्रदान करती है। भीमबेठिका गुफाएँ प्राकृतिक गैलरी की तरह हैं जो कि प्रागैतिहासिक काल से लेकर मध्यकाल तक के चित्रों को संयोजित करती हैं। भीमबेटका यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है और इस स्थल को सन 2003 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया जा चुका है।

इस प्रकार की सात पहाड़ियाँ में से एक भीमबेटका की पहाड़ी पर 750  से अधिक रॉक शेल्टर (चट्टानों की गुफ़ाएँ) पाए गए है जोकि लगभग 10  किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए है। यहाँ कि यात्रा करना व गुफाओं को देखना किसी साहसिक कार्य से कम नहीं है यह कला-समृद्ध रॉक आश्रयों, भीमबेटका गढ़ और मिनी स्तूप के अवशेषों को संरक्षित करता है। जो बौद्ध प्रभाव की ओर संकेत करते हैं। यहा कई शिलालेख भी पाए गए हैं, जो एक अनिच्छुक युग के साथ-साथ सुंगा, कुषाण और गुप्त काल के थे। भीमबेटका इतिहास प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है और वास्तव में मध्य प्रदेश में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

और पढ़े : भीमबेटका की जानकारी इतिहास, पेंटिंग

बाग गुफाएँ मध्य प्रदेश Bagh Caves Madhya Pradesh In Hindi

बाग गुफाएँ मध्य प्रदेश में विंध्याचल पर्वतमाला में बाघानी नदी के तट पर स्थित है जो नौ कट चट्टान संरचनाओं का एक समूह हैं। ऐसा माना जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण बौद्ध भिक्षु दत्ताक द्वारा 4 शताब्दी – 6 वी शताब्दी ईस्वी में किया गया था। इन गुफायों में आज भी प्राचीन काल के सुंदर चित्रों को देखा जा सकता है और इसी वजह से बाग़ गुफा को रंग महल के नाम से भी जाना जाता है।  ये रॉक कट की गुफाएं प्राचीन भारतीय कला का बेहतरीन उदाहरण हैं जो बड़ी संख्या में पर्यटकों और कला प्रेमियों को अपनी ओर मोहित करती है।

बादामी गुफा कर्नाटक – Badami Cave Karnataka In Hindi

कर्नाटक राज्य में बागलकोट जिले में स्थित बादामी गुफा भारत की सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक गुफायों में से एक हैं। बता दे बादामी गुफा एक मंदिर है जोकि भगवान विष्णु को समर्पित हैं। यहां चार गुफाएं स्थित हैं जिनमे से तीन हिन्दू धर्म से सम्बंधित और एक जैन धर्म से संबधित हैं। बादामी अगत्स्य झील के किनारे पर स्थित हैं जोकि लाल पत्थरों की एक आकर्षित घाटी में स्थित हैं। पर्यटक यहां की प्राचीन गुफाओं में स्थित मंदिर, किले और नक्काशी को देखने दूर-दूर से आते हैं। द्रविड़ वास्तुकला की मिशाल के रूप में जानी जाने वाली बादामी पर्यटन प्राचीन समय में चालुक्य राजवंश की राजधानी के रूप में जाना जाता था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बादामी शहर उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली का शानदार उदहारण प्रस्तुत करता हैं। बादामी गुफाओं का निर्माण छटवीं से आठवीं शताब्दी के दौरान  पल्लव वंश के शासको द्वारा किया गया था।

और पढ़े :  बादामी गुफा घूमने की जानकारी

उदयगिरि और खंडगिरि की गुफाएं भुवनेश्वर – Udayagiri And Khandagiri Caves Bhubaneswar In Hindi

प्राचीन उदयगिरी गुफाएँ ओडिशा राज्य में भुवनेश्वर के पास स्थित हैं। उदयगिरी गुफाएँ हिंदू और जैन मूर्तियों और दीवार चित्रों को प्रदर्शित करने वाली 33 रॉक-कट कक्षों के लिए प्रसिद्ध हैं। इन गुफाओं का इतिहास गुप्त काल में लगभग 350-550 ईस्वी पूर्व का है, जो हिंदू धार्मिक विचारों की नींव का युग है। उदयगिरि गुफा में सबसे प्रसिद्ध संरचना विष्णु के सूअर अवतार की 5 फीट ऊंची प्रतिमा है जिसके किनारे श्रद्धालु खड़े हैं।यह गुफाएं भुवनेश्वर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन गुफाओं के बारे में कहा जाता हैं कि यह जैन समुदाय द्वारा बनाई गई सबसे शुरूआती गुफाओं में से एक हैं। उदयगिर में 18 और खांडागिरी में 15 गुफाएं स्थित हैं, जिनमे से रानी गुफा को सबसे खास माना जाता हैं।

एलीफेंटा गुफाएँ मुंबई – Elephanta Caves Mumbai In Hindi

एलीफेंटा गुफाएँ मुंबई शहर से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर घारपुरी द्वीप पर स्थित हैं जहाँ केवल नाव से पहुचा जा सकता है। यह आकर्षित और दर्शनीय एलीफेंटा गुफाएँ मध्ययुगीन काल से रॉक-कट कला और वास्तुकला का एक शानदार नमूना है जिन्हें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल किया गया है। एलीफेंटा गुफाएँ में सात रॉक-कट गुफाएं हैं जिन्हें बारीक नक्काशी और डिजाइन किया गया है। एलिफेंटा गुफा को मूल रूप से घारपुरिची लेनि के नाम से भी जाना जाता हैं। एलीफेंटा गुफा को दो समूह में बांटा गया हैं, जिसका पहला भाग हिन्दू धर्म से सम्बंधित 5 गुफाओं में बांटा गया जबकि दूसरा भाग बौध धर्म से सम्बंधित दो गुफाओं का एक समूह हैं।

और पढ़े : जाने क्यों है खास मुंबई की एलिफेंटा गुफा

उनादल्ली गुफाएं आंध्र प्रदेश Unadalli Caves Andhra Pradesh In Hindi

Image Credit : Jay Prakash

आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर से 8 किमी की दूरी पर स्थित उनादल्ली गुफाएं कृष्णा नदी के तट पर स्थित हैं। गुफाओं का निर्माण विष्णुकुंडिन राजाओं द्वारा और 7 वीं शताब्दी ईस्वी में किया गया था। माना जाता है कि प्राचीन गुफाओं को ठोस बलुआ पत्थर से तराशा गया है जो अनंतपद्मनाभ स्वामी और नरसिम्हा स्वामी को समर्पित है। उनादल्ली गुफाएं भारत में पाई गयी सबसे अच्छी गुफा संरचनाओं में से है। यह गुफाएं भारतीय रॉक-कट वास्तुकला का एक अखंड उदाहरण है जो पर्यटकों के साथ साथ बड़ी मात्रा में शोधकर्ताओं और कला प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करती है।

वराह गुफाएं तमिलनाडु – Varaha Caves Tamil Nadu In Hindi

तमिलनाडु के महाबलीपुरम में स्थित वराह गुफाएं भगवान विष्णु के एक अवतार “वराह” को समर्पित एक गुफा मंदिर है।  महाबलीपुरम की मशहूर वराह गुफा मंदिर में एक मंडप के साथ-साथ एक अखंड रॉक-कट मंदिर है। यह गुफा भी यहां की अन्य गुफाओं की तरह ही 7 वीं शताब्दी की है और इसका निर्माण ग्रेनाइट पहाड़ी की चट्टानी दीवारों पर किया गया है। बता दे यह रॉक-कट गुफा मंदिर अपनी शानदार वास्तुकला के लिए जाना जाता है और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। मण्डप की दीवारों पर भगवान विष्णु वराह के रूप में स्थित हैं और भूदेवी के साथ मूर्ती बनी हुई हैं। ये गुफाएं एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में कार्य करती है जो देश की बिभिन्न कोनो से पर्यटकों और श्रद्धालुयों को आकर्षित करती है।

मावसई गुफाएँ चेरापूंजी – Mawsmai Cave Cherrapunji In Hindi

चेरापूंजी के पास नोहसिंगिथियांग फॉल्स के पास स्थित मावसई गुफा बेहद अद्भुत और रहस्यमयी प्रणालियों का घर है, जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। मावसई गुफा प्राकृतिक चूना पत्थर की गुफाएँ हैं जो चेरापूंजी का एक बेहद लोकप्रिय स्थल है, जहां की यात्रा पर्यटकों को अवश्य करना चाहिए। इस गुफा की लंबाई सिर्फ 150 मीटर है जो अन्य गुफाओं की तुलना में बहुत ज्यादा लंबी नहीं है। इस गुफा का प्रमुख आकर्षण इसमें पाए जाने वाले जीव और वनस्पति हैं।

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जोगीमारा गुफाएँ छत्तीसगढ़ – Jogimara Caves Chhattisgarh In Hindi

Image Credit : Neelkant Yadav

छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में स्थित जोगीमारा गुफाएँ भारत की प्राचीन गुफाओं  में से एक है। इन गुफाओं तक हाथीपोल नामक एक प्राकृतिक सुरंग के माध्यम से पहुँचा जा सकता है  यह सुरंग अपने नाम के अनुसार इतनी चौड़ी है की हाथी भी सुरंग से गुजरने में सक्षम हैं। जोगीमारा गुफाएँ का संबंध त्रेता युग से भी है माना जाता है की राम, सीता और लक्ष्मण ने अपने निर्वासन के दौरान अपने कुछ दिन बिताये थे। जोगीमारा गुफाएँ प्राचीन चित्रों और शिलालेखों से भरी हैं जो राम सीता और लक्ष्मण जी के यहाँ रुकने के प्रमाण प्रस्तुत करते है।

डुंगेश्वरी गुफाएं बिहार Dungeshwari caves Bihar In Hindi

Image Credit : Subodhi Thero

डुंगेश्वरी गुफाएं बिहार के बोधगया से लगभग 12 किमी की दूरी पर स्थित हैं। ये गुफाएँ बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल हैं क्योंकि माना जाता है कि इन गुफायों में गौतम बुद्ध ने ध्यान किया था। डुंगेश्वरी की इन गुफायों में बुद्ध की एक स्वर्ण प्रतिमा, बुद्ध की एक और विशालकाय मूर्ति और हिंदू देवी डूंगेश्वरी की एक मूर्ति मौजूद है। डुंगेश्वरी गुफाएं को मूल निवासियों द्वारा सुजाता स्थल कहा जाता है। इन गुफा मंदिरों के अस्तित्व के पीछे एक दिलचस्प कहानी है, जिसमें कहा गया है कि आत्म-मृत्यु के दौरान, गौतम बेहद कमजोर और भूखे हो गए। उस समय, पास के गाँव की सुजाता नाम की एक महिला ने उन्हें भोजन और पानी की पेशकश की थी।

ताबो गुफाएं हिमाचल प्रदेश – Tabo Caves Himachal Pradesh In Hindi

ताबो गुफाएं प्राचीन ताबो मठ के ठीक ऊपर स्थित हैं, जिसकी स्थापना 1000 साल से भी पहले हुई थी। ताबो गांव के पास स्थित इन गुफाओं को पहाड़ियों से तराश कर बनाया गया है माना जाता है कि यह गुफाएं बौद्ध भिक्षुओं के लिए ध्यान का स्थान है। यहाँ छोटी गुफाओं के साथ कुछ बड़ी गुफाएँ भी हैं। अभी भी बौद्ध भिक्षुयों के द्वारा सर्दियों के महीनों के दौरान ध्यान के लिए इन गुफाओं का उपयोग किया जाता हैं इसीलिए कई गुफाओं पर झंडे लगे हुए हैं, जो बताते हैं कि अंदर कोई ध्यान कर रहा है।

 पातालेश्वर गुफाएं पुणे – Pataleshwar cave Pune In Hindi

पुणे में जंगली महाराज रोड पर स्थित पातालेश्वर गुफा एक मंदिर है। 8 वीं शताब्दी में निर्मित इस गुफा को एक भव्य चट्टान में उकेरा गया है। पातालेश्वर गुफा मंदिर भगवान शिव और नंदी को समर्पित है इनके अलावा इस गुफा मंदिर में विभिन्न हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं। मंदिर की दीवारों और लघु चित्रों पर विस्तृत नक्काशी के साथ एक शानदार वास्तुकला है इसीलिए पातालेश्वर गुफायों का भ्रमण धार्मिक पर्यटकों के साथ साथ स्थापत्य सौंदर्य की प्रशंसा करने वाले पर्यटकों द्वारा भी किया जाता हैं। मंदिर का निर्माण राजसी एलिफेंटा गुफाओं से प्रेरित था लेकिन किसी कारण से इसे अधूरा छोड़ दिया गया था, उसी कारण से, मंदिर का कोई वास्तविक प्रवेश द्वार नहीं है।

कार्ला की गुफाएँ लोनावाला – Karla Caves Lonavala In Hindi

महाराष्ट्र में लोनावाला के प्रसिद्ध हिल स्टेशन के पास स्थित, कार्ला की गुफाएँ भारत के सबसे प्राचीन बौद्ध मंदिरों में से एक हैं, जो 200 ईसा पूर्व से पहले की मानी जाती है। इन गुफायों को कार्ले गुफाओं या कार्ला सेल के रूप में भी जाना जाता है, यह भारत में सबसे पुरानी बौद्ध गुफाओं में से एक है और इन गुफाओं में भारत का सबसे बड़ा चैत्य (प्रार्थना कक्ष) है। कार्ला गुफाओं में देवी एकवेरा को समर्पित मंदिर के साथ-साथ एक 15 मीटर लंबा स्तंभ है। कार्ला गुफाएं रॉक-कट वास्तुकला के लिए पहचाने जाते हैं जो लकड़ी की संरचना से मिलता जुलता है। कार्ला की गुफाओं की प्रमुख विशेषताएं हैं प्रवेश द्वार, तिजोरी और सामने एक अशोक स्तंभ है जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए है।

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त्रिची गुफाएँ  मदुरई – Trichi Caves, Madurai In Hindi

Image Credit : Sathish Krishnan P S

तिरुचिरापल्ली रॉक फोर्ट परिसर के अंदर स्थित, त्रिची गुफाएँ दो गुफा मंदिरों का एक समूह हैं जो भारत में सबसे अविश्वसनीय गुफा मंदिरों में से एक हैं। इन  गुफा मंदिरों को निचली गुफा मंदिर और ऊपरी गुफा मंदिर के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि त्रिची गुफाएँ को मदुरई के पल्लव, चोल के नायक द्वारा निर्मित किया गया था।  इन अधूरी गुफाओं के मंदिरों में पूर्व में शिव का मंदिर और पश्चिम में विष्णु का मंदिर है जबकि निचली गुफाओं को स्तंभों के एक अद्वितीय रूप के साथ चिह्नित किया गया है।

सीतानवासल गुफाएँ तमिलनाडु – Sittanavasal caves Tamil Nadu In Hindi

Image Credit : Jaikumar Natarajan

तमिलनाडु के पुदुकोट्टई जिले में सीतानवासल गाँव में स्थित, सीतानवासल गुफाएँ भारत की सबसे प्राचीन गुफायों में से एक है जिसे अरिवार कोली के नाम से जानी जाती हैं। बता दे शोधकर्ताओं के अनुसार सीतानवासल गुफाएँ 7 वीं शताब्दी के आसपास की मानी जाती हैं। सीतानवासल गुफाएँ अपने विभिन्न चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं जिसमे कमल के फूल के साथ, तालाब से कमल इकट्ठा करने वाले लोग, लिली, मछली, भूरा, भैंस और हाथी के चित्र शामिल है।

कोटेश्वर गुफा – Koteshwar cave In Hindi

Image Credit : Naveen Nath

भारत की सबसे प्राचीन गुफाओं में से एक, कोटेश्वर गुफा उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग से लगभग 3 किमी की दूरी पर स्थित है। कोटेश्वर गुफाएं हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में कार्य करती है। पोराणिक कथायों के अनुसार माना जाता है जब भस्मासुर ने भगवान शिव को भस्म करने लिए पीछा किया था तब शिव जी ने इसी गुफा में ध्यान किया था। यह गुफा एक लोकप्रिय हिंदू तीर्थस्थल है जहाँ पूरे साल भक्त इस स्थान पर आते हैं जबकि अगस्त और सितंबर के महीने की श्रद्धालुयों की अत्यधिक भीड़ देखी जाती है।

पाताल भुवनेश्वर गुफाएँ उत्तराखंड – Patal Bhubaneswar Cave Uttarakhand In Hindi

Image Credit : Kavita Patwal

भारत में सबसे लोकप्रिय धार्मिक गुफाओं में से, पाताल भुवनेश्वर गुफाएँ उत्तराखंड में गंगोलीहाट के पास भुवनेश्वर गाँव में स्थित हैं। माना जाता है कि ये गुफाएं सूर्यवंश वंश के राजा ऋतुपर्ण को त्रेता युग में मिली थीं। यह भी माना जाता है कि गुफा में प्रवेश करने के लिए चार दरवाजे थे जिनका नाम रणद्वार ‘war पापद्वार’, ’धरमद्वार’ और war मोक्षद्वार ’था। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण की मृत्यु के कुछ समय बाद ही पापद्वार को बंद कर दिया गया था और महाभारत के युद्ध के बाद रणद्वार बंद कर दिया गया था। इसलिए केवल दो प्रवेश द्वार हैं जो अभी खुले हैं। इन गुफाओं को सभी हिंदू देवी-देवताओं का घर माना जाता है। इसके अलावा यहां विभिन्न चूना पत्थर की रॉक संरचनाओं को देखा जा सकता है।

और पढ़े : भारत की ये 15 जगहें जो आपको दिलाएंगी विदेश की मशहूर जगहों का एहसास

क्रेम लिअत प्राह – Krem Liat Prah, Meghalaya In Hindi

Image Credit : Ramprasad Srinivasan

उत्तर भारत के मेघालय राज्य में पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के शोंग्रिम रिज में स्थित क्रेम लिअत प्राह भारत की सबसे लम्बी लगभग लंबी प्राकृतिक गुफा है जो  150 ज्ञात गुफाओं में से एक है। मेघालय भाषा में “क्रेम” शब्द का अर्थ है “गुफा”। ये दुनिया की सबसे लंबी गुफा में से एक है,जो 34 किलोमीटर लंबी होने का अनुमान लगाया जाता है।

बाराबर गुफाएं बिहार – Barabar Caves In Hindi

बाराबर गुफाएं भारत की सबसे पुरानी गुफाओं में से एक हैं जो नागार्जुन पहाड़ियों के बीच स्थित हैं। ये गुफाएं रॉक-कट हैं और इस संग्रह में कुल चार गुफाएँ हैं जिनका नाम लोमस ऋषि गुफा, सुदामा गुफा, करण चौपर और विश्व जोपरी है। इन गुफायों का अधिकाँश हिस्सा मौर्य साम्राज्य (322–185 ईसा पूर्व) की हैं, इसके आलावा कुछ गुफायों में अशोक काल के शिलालेख भी मौजूद है। ये सभी गुफाएं अपने – अपने तरीके से आकर्षक हैं जिसमे से लोमस ऋषि गुफाएं उन झोपड़ियों से मिलती-जुलती हैं जहां बौद्ध भिक्षु रहते थे, जबकि सुदामा गुफा की सरंचना एक धनुष की तरह है। इन सभी गुफाओं के बारे में बताने के लिए कुछ दिलचस्प कहानियां हैं जो हर किसी को गुफाओं की ओर उत्साहित करती है।

बेलम गुफाएं आंध्र प्रदेश – Belum Caves In Hindi

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित, बेलम गुफाएं भारत में दूसरी सबसे बड़ी और सबसे लंबी गुफा हैं। बेलम गुफाओं में विभिन्न लंबे मार्ग, दीर्घाएँ, ताज़े पानी और पानी की सुरंगों के साथ बड़ी गुफ़ाएँ हैं। इसके अलावा बेलम गुफाएं अपनी अद्वितीय निर्माण जैसे कि स्टैलेक्टाइट और स्टैलेग्माइट संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। माना जाता है इन गुफायों के निर्माण चूना पत्थर से मिलकर लाखो बर्षो में हुआ था। आपको बता दे बेलम गुफाएं साढ़े तीन किलोमीटर से अधिक लम्बी है जिसमे से 1 किलोमीटर का मार्ग सुलभ है जो पर्यटकों के लिए खोला गया है। और कुछ स्थानों पर, बेलम गुफाओं की गहराई 46 मीटर तक जाती है, इस बिंदु को पटालगंगा के रूप में जाना जाता है और इस बिंदु पर पूरे साल एक भूमिगत जलधारा बहती है।

कुटमसार गुफाएं छत्तीसगढ़ – Kutumsar Caves Chattisgarh In Hindi

Image Credit : Nivedita Majhi

छत्तीसगढ़ के बस्तर के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित कुटमसार गुफाएं प्रागैतिहासिक गुफाएं हैं जो अपने स्टैलेक्टाइट और स्टैलेग्माइट गठन के लिए प्रसिद्ध हैं। कुटमसार गुफा के अंत में एक शिव लिंग रखा गया है, जो इस स्थान पर पर्यटकों और बहुत सारे धार्मिक अनुयायियों को आकर्षित करता है। कुटमसार गुफा 1327 मीटर लंबी है और गुफा के अन्दर प्राकृतिक रूप से बने 5 चैंबर और एक कुआं भी है जो इस गुफा के आकर्षण में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते है।

नेल्लीतीर्थ गुफा कर्नाटक – Nellithirtha Cave Karnataka In Hindi

Image Credit : Yathish Kumar Naik

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित नेल्लीतीर्थ गुफा भारत की सबसे प्रमुख गुफाओं में से एक है। नेल्लीतीर्थ गुफा 200 मीटर लंबी एक मंदिर गुफा है जो प्राकृतिक रूप से बनाई गई है। इस गुफा के अन्दर एक झील और एक शिव लिंग स्थापित है माना जाता है इस शिव लिंग की उत्पत्ति गुफा में बुंद बुंद पानी से टपकने से हुई थी। बता दे नेल्लीतीर्थ गुफा के नेल्ली एक एक कन्नड़ शब्द है जिसका अर्थ है गोसेबेरी और’ तीर्थ ’का अर्थ है ‘पवित्र जल’। इसीलिए इस गुफा का नाम नेल्लीतीर्थ गुफा पड़ा। यह गुफा भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है जो बड़ी मात्रा में तीर्थ यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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Kailash Patel

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