Birla Mandir Jaipur In Hindi : बिरला मंदिर जयपुर का एक ऐसा मंदिर है जो भारत में स्थित कई बिरला मंदिरों का एक हिस्सा है। बिरला मंदिर को “लक्ष्मी नारायण मंदिर” के रूप में भी जाना जाता है जो मंदिर मोती डूंगरी पहाड़ी पर स्थित है। जयपुर के बिरला मंदिर का निर्माण 1988 में बिरला द्वारा किया गया था, जब जयपुर के महाराजा ने एक रुपये की टोकन राशि के लिए जमीन दे दी थी। सफेद संगमरमर से निर्मित, बिड़ला मंदिर की संरचना में आप प्राचीन हिंदू वास्तुकला शैली और आधुनिक डिजाइन का मेल देख सकते हैं। इस मंदिर की दीवारों को देवी-देवताओं की गहन नक्काशी, पुराणों और उपनिषदों के ज्ञान भरे शब्दों से सजाया गया है। इस मंदिर में सुकरात, क्राइस्ट, बुद्ध, कन्फ्यूशियस जैसे कई जैसे ऐतिहासिक प्राप्तकर्ताओं और आध्यात्मिक संतों के चित्र भी देखने को मिलते हैं। अगर आप जयपुर के बिरला मंदिर को देखने के लिए जाना चाहते हैं तो आप जन्माष्टमी के समय जाएँ, क्योंकि इस समय मंदिर में कई धार्मिक गतिविधियाँ होती हैं।
बिरला मंदिर को लक्ष्मी नायायण मंदिर भी कहा जाता है क्योंकि यह मंदिर भगवान विष्णु (नारायण) उनकी पत्नी धन की देवी लक्ष्मी को समर्पित है। पत्थर के एक टुकड़े से उकेरे गए लक्ष्मी नारायण देवता का विशेष ध्यान जाता है। इन सभी मूर्तियों के अलावा इस मंदिर में गणेश की मूर्ति भी है जो पारदर्शी दिखाई देती है।
अगर आप जयपुर के बिरला मंदिर के बारे में और भी जानना चाहते तो इस लेख को जरुर पढ़ें, क्योंकि यहां हम आपको बिरला मंदिर घूमने की जानकारी, इसका इतिहास, वास्तुकला, बिरला मंदिर के दर्शनीय स्थलों और यहां आप कैसे पहुँच सकते हैं के बारे में पूरी जानकरी देने जा रहे हैं।
आज जयपुर में जिस जगह पर बिरला मंदिर स्थित है उस जगह को जयपुर के महाराज द्वारा एक रूपये की टोकन राशी के रूप में बिरला को दे दी थी। इसके बाद इस भूमि को मंदिर के लिए उपयुक्त मानते हुए बिरला परिवार ने वर्ष 1988 में यहां मंदिर का निर्माण किया तभी से यह मंदिर तीर्थ यात्रियों के लिए एक दर्शनीय स्थल बन गया है।
जयपुर का बिरला मंदिर अपनी बारीक नक्काशी और बारीकी से किये गए वर्क के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहाँ आने वाले पर्यटक इस मंदिर की खूबसूरती को देखकर मोहित हो जाते हैं। इस मंदिर के तीन विशाल गुंबदों द्वारा धर्म के तीन अलग-अलग तरीकों को दर्शाया गया है। मुख्य मंदिर के बाहर आपको हिंदू पौराणिक कथाओं के दृश्यों को चित्रित करने वाली कई कांच की खिड़कियाँ देखने को मिलेंगी। मंदिर के अंदर पौराणिक घटनाओं को बताने वाला बड़ा संगमरमर का पैनल आपका स्वागत करता है। जैसे ही आप बिरला मंदिर में अंदर जाते हैं तो आपको सबसे पहले भगवान गणेश की एक छवि दिखाई देती है जिसको बेहद शुभ माना जाता है। यहाँ से आप मंदिर के मुख्य गर्भगृह में पहुंचते हैं जहाँ पर लक्ष्मी और नारायण की मूर्तियाँ विराजित हैं। लक्ष्मी-नारायण की यह मूर्तियाँ संगमरमर के एक टुकड़े से निकाली गई हैं जिन्हें भव्य आभूषणों और कपड़ों से सजाया गया है।
बता दें कि बिरला मंदिर के चारों तरफ विशाल उद्यान हैं इसके आलवा यहाँ बिरला परिवार के सदस्यों इस्तेमाल की जाने वाली घरेलू वस्तुओं को रखने वाला एक छोटा संग्रहालय भी यहां स्थापित किया गया है। यह संग्रहालय सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे और शाम के 4 बजे से रात के 8 बजे तक खुला रहता है। यहां जाने के लिए पर्यटकों से कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता।
जन्माष्टमी के त्यौहार को बिड़ला मंदिर में बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस खास मौके को चमचमाती रोशनी और तेल के दीपक के साथ सजाया जाता है। इस दिन भारी संख्या में पर्यटक भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।
नियमित आने वाले पर्यटकों के लिए मंदिर की टाइमिंग प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे के बीच और दोपहर 3:00 बजे से 9:00 बजे के बीच हैं।
बता दें कि इस मंदिर के परिसर को घूमने में आपको लगभग आधे घंटे का समय लगेगा अगर मंदिर में भीड़ है तो आपको थोड़ी देर हो सकती है। जयपुर के इस धार्मिक दर्शनीय स्थल की यात्रा के बाद आप मंदिर के आसपास के अन्य आकर्षणों की यात्रा भी कर सकते हैं।
अगर आप बिरला मंदिर को देखने के लिए जा रहे हैं और इसके पास आवास की कोई अच्छी जगह देख रहे हैं तो बता दें कि जयपुर शहर में आपको ठहरने के कई विकल्प मिल जायेंगे। यहाँ के कुछ शीर्ष होटलों में अलसीसर हवेली, होटल महादेव विला, होटल ब्लू हेवन और फोर्ट चनाद्रगुप्त के नाम शामिल हैं।
बिरला मंदिर जयपुर के पास स्थित एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। इस आकर्षक मंदिर को देखने के अलावा आप यहाँ के कई तरह के स्थानीय भोजन का स्वाद ले सकते हैं। यहाँ पर कई तरह के स्थानीय भोजन उपलब्ध है जिसका स्वाद लेकर आप बिरला मंदिर की यात्रा को यादगार बना सकते हैं। महाराजाओं और महारानियों द्वारा प्रभावित एक पारंपरिक राजस्थानी थाली में आप कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। यहाँ के स्थानीय व्यंजनों में दाल बाटी चूरमा, इमरती और घेवर जैसी मिठाइयों और प्रसिद्ध चाट के नाम शामिल हैं। यहां की मिठाइयाँ बहुत लोकप्रिय हैं जिसमें घेवर, इमरती, हलवा, चोइर्मा, गजक, मूंग थाल और बहुत कुछ शामिल हैं। हालांकि शानदार भोजन के बढ़िया इंतजाम के लिए कई विकल्प हैं आप यहां के जोहरी बाजर के स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का मजा भी ले सकते हैं।
बिरला मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से लेकर अक्टूबर के महीनों का होता है क्योंकि राजस्थान एक रेगिस्तानी राज्य है और यहां गर्मियों के मौसम में बहुत तेज गर्मी पड़ती है। अप्रैल से लेकर जून तक यहां गर्मी का मौसम होता है। इसीलिए बिरला मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय वसंत ऋतु या फिर सर्दियों के महीनों के दौरान यानी अक्टूबर से मार्च तक होता है। यह समय जयपुर शहर में छुट्टियों का आनंद लेने और यहाँ के विभिन्न स्थलों को घूमने के लिए काफी अच्छा है। इन महीनों में दिन बेहद अनुकूल होते हैं लेकिन रातें 4 ° C से कम ठंडी होती हैं। अगर आप इन महीनों में जयपुर की यात्रा कर रहे हैं तो अपने साथ ऊनी कपड़े ले जाना ना भूलें। मानसून का मौसम यहाँ जुलाई से सितंबर तक होता है लेकिन जयपुर कम या माध्यम होती है।
बिड़ला मंदिर, जिसको लक्ष्मी नारायण मंदिर भी कहा जाता है, जो नारायण सिंह सर्कल से 1.2 किमी दूर स्थित है। बिड़ला मंदिर मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी लगभग 5.3 किमी है जहाँ आप कैब और ऑटो रिक्शा की मदद से आसानी से पहुंच सकते हैं।
अगर बिरला मंदिर देखने के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर जा रहे हैं तो आपको बता दें कि हवाई जहाज द्वारा जयपुर की यात्रा करना आपके लिए बेहद आरामदायक साबित हो सकता है। सांगानेर हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों से नियमित रूप से चलने वाली कई एयरलाइनों से जुड़ा हुआ है। सांगानेर हवाई अड्डे से जवाहर लाल नेहरु मार्ग के माध्यम से बिरला मंदिर की दूरी करीब 8.4 किलोमीटर है जिसके लिए किसी भी टैक्सी या कैब की मदद ले सकते हैं।
बिरला मंदिर के लिए आप सड़क मार्ग या बस से भी यात्रा कर सकते हैं क्योंकि राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम (RSRTC) राजस्थान राज्य के भीतर जयपुर और प्रमुख शहरों के बीच कई लक्जरी और डीलक्स बसें चलाता है। आप जयपुर के लिए भारत के कई प्रमुख शहरों जैसे नई दिल्ली अहमदाबाद, उदयपुर, वडोदरा, कोटा और मुंबई जैसे शहरों से बस ले सकते हैं।
अगर आप बिरला मंदिर की यात्रा ट्रेन से करना चाहते हैं तो बता दें कि जयपुर रेलवे स्टेशन भारत के कई प्रमुख शहरों से एक्सप्रेस ट्रेनों की मदद से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जयपुर रेलवे स्टेशन से आप कैब या टैक्सी की मदद से बिरला मंदिर तक पहुँच सकते हैं। जयपुर रेलवे स्टेशन से बिरला मंदिर की दूरी लगभग 5.3 किलोमीटर है।
और पढ़े: राम निवास बाग जयपुर का इतिहास और घूमने की जानकारी
इस आर्टिकल में आपने बिरला मंदिर जयपुर का इतिहास और यहाँ घूमने से जुडी पूरी जानकारी को डिटेल में जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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