Wayanad In Hindi, वायनाड भारत के केरल राज्य में स्थित है, जिसे एक खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता हैं। वायनाड में आकर्षित झरने, ऐतिहासिक गुफाए, दर्शनीय मंदिर और मस्जिद आदि हैं। बता दें कि वायनाड अपने मसाला बागानों और वन्य जीव अभ्यारण के लिए जाना जाता हैं। साथ ही वायनाड में यात्रा करने के लिए कई स्थान हैं जोकि पर्यटकों को अपनी ओर सहज ही आकर्षित करते है। वायनाड में पर्यटक ट्रेकिंग का आनंद भी ले सकते है। साथ ही प्रकृति प्रेमियों के लिए भी यह किसी स्वर्ग से कम नही हैं। वायनाड की यात्रा में पर्यटक हाथी, तेंदुए और भालू आदि को देख सकते हैं।
यदि आप दक्षिण भारत किसी शहर में साप्ताहिक छुट्टी मनाने की योजना बना रहे हैं तो वायनाड एक आदर्श विकल्प साबित हो सकता हैं। वायनाड जिले में घूमने के लिए तीन खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यान हैं जिनका दौरा आप कर सकते हैं। यदि आप वायनाड और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलो के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अवश्य पढ़े –
वायनाड का इतिहास प्राचीन है जोकि पैलियोलिथिक सभ्यता से सम्बंधित हैं जो लगभग 800 साल पुराना है। इसके अलावा वायनाड शहर में स्थित एडक्कल गुफाएं नवपाषाण सभ्यताओं से लगभग 6000 साल पुरानी मानी जाती हैं। साथ ही वायनाड के जंगल 3000 वर्षो से भी अधिक प्राचीन हैं। वायनाड में कई राजवंशों शासन किया जिनमे से कुटुम्बियों, कदंबों, होयसलाओं, विजयनगर साम्राज्य आदि सबसे अधिक महत्वपूर्ण थे। वायनाड के सबसे शक्तिशाली शासक पजहस्सी राजा (King Pazhassi) थे। टीपू सुल्तान के शासन काल में वायनाड शहर सही तरह से विकसित हुआ हालकि जल्द ही यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के आधीन आ गया था।
वायनाड एक खूबसूरत शहर है और इसके आसपास कई पर्यटन स्थल जोकि पर्यटकों को अपनी ओर लुभाते है। यदि आप वायनाड की यात्रा पर आए हुए हैं तो इन खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस पर घूमना न भूले।
वायनाड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में बाणासुर डैम पर्यटकों के बीच अधिक लोकप्रिय हैं। बता दें कि बाणासुर बांध देश का सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा डैम है। बाणासुर बाँध में स्पीड बोटिंग जैसी रोमांचक गतिविधियाँ पर्यटकों अधिक लुभाती हैं। बाणासुर डैम कबिनी नदी की एक सहायक नदी करमनथोडु नदी ज्पर बना हुआ हैं।
वायनाड वन्यजीव अभयारण्य केरल का दूसरा सबस बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है जोकि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। बता दें कि वायनाड वन्यजीव अभयारण्य वनस्पतियों और जीवों की कई दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए जाना जाता हैं। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नही हैं। वायनाड वन्यजीव अभयारण्य को वर्ष 1973 में स्थापित किया गया था जोकि नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व के एक अभिन्न अंग के रूप में जाना जाता है।
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वायनाड के ऐतिहासिक स्थलों में शामिल एडक्कल गुफायें घूमने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। ये गुफाएं अपनी उत्कृष्ट चट्टान और दीवारो की आकर्षित नक्काशी के लिए जानी जाती हैं। बता दें कि गुफा की दीवारों की लम्बाई और चौड़ाई की क्रमश 96 और 22 फीट हैं। एडक्कल गुफाएं ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व की हैं जोकि नव पाषाण युग, स्वर्गीय पाषाण युग से संबधित है।
वायनाड में देखने वाली जगह मेप्पडी के बम्बलिंग शहर के निकट और कलपेट्टा से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चेम्बरा पीक वायनाड पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी है। बता दें कि यह चोटी समुद्र तल से लगभग 2000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं। चेम्बरा पीक पूरे वायनाड समेत कोझिकोड, मलप्पुरम और नीलगिरि जिलों का भी प्रमुख आकर्षण हैं। चेम्बरा पीक अपने आसपास हरी-भरी हरियाली और दिल छू जाने वाली आकर्षित झीलों के लिए भी जाना जाता हैं।
वायनाड के सबसे सुन्दर आकर्षण में ट्री हाउस एक आकर्षित स्थान हैं। आप यहाँ पेड़ो के ऊपर बने खूबसूरत लकड़ी के घरो में रहने का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ रहने के लिए आपको कई पैकेज मिल जायेंगे। बता दें कि पर्यटक रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग, नेचर वॉक आदि जैसी यहाँ की प्रमुख गतिविधियों का हिस्सा बन सकते हैं।
सूचिपारा फॉल्स वायनाड के प्रमुख आकर्षण में से एक हैं और प्रहरी रॉक झरने के नाम से भी जाना जाता है। सोचीपारा जलप्रपात केरला राज्य के वेलेनारमाला वायनाड में स्थित एक तीन-स्तरीय वॉटरफॉल हैं। झरने के आसपास आपको पर्णपाती, सदाबहार और मोंटाने के आकर्षित जंगल देखने के लिए मिल जाएंगे। यह झरना 200 मीटर ऊँची चट्टान से गिरता है और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। पर्यटक यहाँ तैराकी और स्नान करने जैसी गतिविधियों का हिस्सा बनते हैं।
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वायानाड का प्रसिद्ध वीथिरी एक रिसोर्ट शहर हैं जोकि लॉग हट्स और ट्री हाउस के लिए जाना जाता हैं। बता दें कि 18 गाँव के रूप में स्थित वीथिरी 700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। यहाँ के प्रमुख आकर्षण में शामिल पुकोट झील, चेम्बारा पीक, सोजिपारा और मीनमुट्टी फॉल्स आदि शामिल है।
वायनाड में घूमने वाली प्रमुख जगहों में से एक कुरुव द्वीप केरल राज्य के वायनाड जिले में काबिनी नदी पर स्थित एक छोटा सा द्वीप है। बता दें कि कुरुवद्वीप लगभग 950 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और काबिनी नदी की अन्य धाराओं से घिरा हुआ है। कुरुव द्वीप की प्राकृतिक सुन्दरता, आकर्षित वातावरण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। कुरुव द्वीप तक जाने के लिए नौकाओं या राफ्ट का उपयोग किया जाता हैं।
वायनाड का आकर्षण सुल्थान बाथैरी शहर पर्यटकों को अपनी ओर सहज ही खींचता है। यह एक शांत और खूबसूरत शहर हैं जोकि समुद्र तल से लगभग 1000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं। सुल्तान बाथरी शहर के प्रमुख आकर्षण में घाटिया, चट्टान, मैदान, जैन मंदिर, ऐतिहासिक गुफाएँ, अंबालावल हेरिटेज म्यूजियम, जंगल की पगडंडियाँ, सुन्दर नदियाँ, प्राकृतिक हरियाली, एडक्कल गुफाएं, चेथलायम फॉल्स, मुथुंगा वन्यजीव अभयारण्य, और सेंट मैरी चर्च आदि शामिल हैं।
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पूकोट झील वायनाड के आकर्षित सदाबहार जंगलों और ढलानों से घिरी हुई मीठे पानी एक प्राकृतिक झील है। जोकि व्यर्थरी पर्यटन से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पूकोट झील का नाम वायनाड की सबसे सुन्दर झीलों में आता हैं। यह झील प्राकृतिक दृश्यों के साथ साथ नौका विहार, मीठे पानी के मछलीघर, हस्तशिल्प वस्तुओं की खरीदारी और परिभ्रमण के लिए भी जानी जाती हैं। पूकोट लेक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
कंथानपारा झरना वायनाड के मशहूर स्थानों में शामिल हैं और यह दो हरे-भरे चाय के बागानों के बीच में स्थित हैं। कंथानपारा झरना पिकनिक मनाने और प्रकृति की सैर के लिए एक आदर्श स्थान हैं। कंथानपारा वॉटरफॉल घूमने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं और यहाँ के दिलकश नजरो का आनंद लेते हैं।
चेन ट्री वायनाड का एक ऐसा इलाका हैं जहां अकसर घटनाए होते रहती है और इसके पीछे कुछ प्राचीन कहानियां निकलकर सामने आती हैं। एक कहानी के अनुसार चैन ट्री सड़क का निर्माण एक विदेशी इंजीनियर के द्वारा किया गया था। कहते हैं कि इंजीनियर ने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी तब से उसकी आत्मा यहाँ एक पेड़ में हैं। एक अन्य कहानी के अनुसार जिस समय अंग्रेज पहली बार वायनाड के दौरे पर आए थे। तब एक आदिवासी महावत ने उन्हें पहाड़ की चोटी तक पहुँचाया क्योंकि पुर्तगाली उनके पीछे लगे हुए थे। अंग्रेज नहीं चाहते थे कि महावत किसी भी तरह से पुर्गालियों के हाथ लगे इसलिए उन्होंने उसे मार दिया, बाद में एक पंडित ने महावत कि आत्मा को एक पेड़ से बांध दिया जोकि घटनाओं का कारण माना जाता हैं।
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वायनाड में घूमने के लिए आकर्षित स्थान पक्षीपथलम पक्षी अभयारण्य (Pakshipathalam Bird Sanctuary) प्रकृति प्रेमी और पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नही है। यहाँ आप पक्षियों और पौधो की कई तरह की दुर्लभ प्रजातियों को देख सकते है। पक्षीपथलम बर्ड सेंचुरी कैंपरों के बीच भी लोकप्रिय है। अभयारण्य को अच्छी तरह से संरक्षित करके रखा गया हैं आप यहाँ के प्राकृतिक इलाको के साथ साथ कुछ रॉक कट गुफाओं में भी घूमने के लिए जा सकते हैं।
वायनाड का दर्शनीय थिरुनेली मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हैं और मंदिर की महिमा कुछ ऐसी हैं कि भक्त अपने आप ही अपने ईष्ट देव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह एक प्राचीन मंदिर है जोकि घाटी में स्थित होने के साथ एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता हैं। मंदिर का नाम आंवला के पेड़ से लिया गया है और इसके पीछे एक कहानी भी जुडी हुई हैं। जोकि भगवान ब्रह्मा जी द्वारा आंवले के पेड़ के नीचे श्री हरि विष्णु की मूर्ती की पहचान से सम्बंधित हैं।
वायनाड शहर की आकर्षित जगहों में से एक लककिडी व्यूप्वाइंट पर्यटकों को अपनी ओर लुभाता हैं। यहाँ के लुभावने दृश्यों और अपनी उच्च ऊंचाई के साथ धुंध के साथ लककिडी व्यूप्वाइंट का दृश्य बकाई देखने लायक होता हैं। बता दें कि लककिडी व्यूप्वाइंट पर अधिकांश समय धुंध रहती है और हेयरपिन (मोड़) का आकर्षित दृश्य ड्राइविंग के साथ एन्जॉय किया जा सकता हैं।
बाणासुर पहाड़ी वायनाड क्षेत्र के सबसे ऊंचे पहाड़ों में से एक है और यह पहाड़ी भारत के पश्चिमी घाट का एक अहम हिस्सा है। बता दें कि बाणासुर पहाड़ी की ऊंचाई लगभग 2000 मीटर से भी अधिक है। इस पहाड़ी में आपको विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां और जीवों को देखने का अनुभव प्राप्त होगा। साथ ही पहाड़ी की प्रकृतिक सुन्दरता, सैर, ट्रैकिंग, आकर्षित वातावरण पर्यटकों को बार बार यहाँ आने के लिए मजबूर करता हैं।
वायनाड का रमणीय पर्यटन स्थल नीलीमाला अपने हरे-भरे प्राकृतिक वनस्पतियों और आकर्षित मीनामुति वॉटरफॉल का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। नीलीमाला व्यूपॉइंट के प्रमुख आकर्षण में रोमांचक मिस्टी ट्रेल्स के द्वारा ट्रेकिंग और उच्च बिंदु तक पहुंचने का अनुभव शानदार होता हैं। जैसे जैसे आप ऊपर बढ़ते हैं सुगन्धित और ताजी हवा आपके रोम-रोम को आनंद से भर देती हैं। पक्षियों के चहकने की आवाज पर्यटकों के मन को मोह लेती हैं।
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वायनाड के हैरिटेज संग्रहालय को अंबालावल हेरिटेज म्यूजियम के नाम से भी जाना जाता है। यह एक पुरातात्विक संग्रहालय है और पर्यटक यहाँ बड़ी संख्या में घूमने के लिए आते हैं। वायनाड हैरिटेज म्यूजियम में दूसरी शताब्दी से संबंधित जनजातियों से संबंधित कलाकृतियों को संगृहीत करके रखा गया हैं। संग्रहालय में एकत्रित की गई चीजो में नवपाषाण युग की दैनिक वस्तुयें, सजावटी वस्तुओं, स्मारक पत्थर, टेराकोटा मूर्तियों आदि शामिल हैं। वायनाड हैरिटेज पुरातात्विक संग्रहालय को देवस्मृति, गोत्रस्मृति, वीरस्मृति और जीवनवृद्धि नामक चार भागो में विभाजित किया गया है।
वायनाड घूमने वाली प्रमुख जगहों में शामिल चेथलायम वॉटरफॉल केरल राज्य का एक मौसमी झरना है। झरने से गिरने वाला पानी अपनी ऊँचाई के कारण पर्यटकों की भीड़ को एकत्रित करता हैं। इस झरने के आसपास आप रंग बिरंगे पक्षियों को भी देख सकते हैं। साथ ही साथ सांभर, गौर, हाथी, चित्तीदार हिरण और आलसी भालू आदि यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं।
वायनाड का मशहूर पाल्चूराम झरना केरल राज्य के बावन वायनाड और कुन्नूर में स्थित है। जोकि अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता हैं और 300 मीटर की ऊंचाई से गिरने वाला झरने का पानी चार भागो में विभक्त हो जाता हैं।
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वायनाड में देखने लायक पूपोली फ्लावर शो पर्यटकों को बेहद रास आता हैं। केरल राज्य के अम्बालावयाल में पूपोली नेशनल एग्रिफेस्ट एंड वायनाड फ्लावर शो का आयोजन प्रत्येक वर्ष जनवरी में किया जाता है और इसी शो के साथ नए साल की शुरुआत होती है। बता दें कि यह शो केरल राज्य फूलो का सबसे बड़ा शो है। बागवानी फूलों की खेती करने की नवीनतम तकनीको और रुझानों को साझा किया जाता हैं।
वायनाड जिले का प्रसिद्ध मीनमुट्टी फॉल्स कालपेट्टा से लगभग 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। बता दें कि मीनमुट्टी झरना कलपेट्टा क्षेत्र का सबसे बड़े झरना हैं और केरल राज्य का दूसरा सबसे बड़ा वॉटरफॉल है। यह मीनमुट्टी फॉल्स वायनाड के सबसे रोमांचक और सुंदर प्राकृतिक आकर्षणों में से एक है। झरने के निकट खूबसूरत प्राकृतिक वातावरण, जंगल ट्रेक के साथ मनमोहक दृश्य आदि पर्यटकों मंत्रमुग्ध करते हैं। झरने का पानी तीन अलग-अलग स्तरों में कैस्केडिंग करते हुए लगभग 300 फिट की ऊंचाई से गिरता हैं।
वायनाड जिले में घूमने लायक स्थानों में शामिल कारापुझा डैम कारापुझा नदी के दोनों छोरो पर मौजूद है। करापुझा डैम भारत के सबसे बड़े बांधो में से एक हैं और पर्यटकों के लिए खुला रहता हैं। कारापुझा डैम के प्रमुख आकर्षण में आकर्षित पहाड़ियाँ, प्राकृतिक सुन्दरता, पत्तेदार द्वीप और जलीय पक्षियों का मनमोहक दृश्य पर्यटकों का दिल छू लेता हैं। कारापुझा डैम का पानी 158 फीट गहरा है। बता दें कि बांध का निर्माण कार्य सन 1977 में शुरू हुआ था और वर्ष 2004 में सिंचाई के लिए संपन्न हुआ।
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मुथांगा वन्यजीव अभयारण्य वायनाड शहर का दूसरा सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है। मुथांगा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बड़ी संख्या में जंगली जानवरों निवास स्थान हैं। बता दें कि यह खूबसूरत अभयारण्य कर्नाटक राज्य के नागरहोल और बांदीपुर क्षेत्र की सीमा के साथ नीलगिरि बायोरिज़र्व (Nilgiri Bioreserve) का हिस्सा भी माना जाता है। मुथांगा वन्यजीव अभयारण्य के प्रमुख आकर्षण में भारतीय बाइसन, हिरण, पैंथर्स, बाघ, हाथी, बंदर, जंगली कुत्ते, जंगली बिल्लियाँ, कीवेट बिल्लियाँ और भालू आदि शामिल हैं।
वायनाड के धार्मिक स्थलों में से एक थिरुनेली मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हैं और यह एक प्राचीन मंदिर जोकि भक्तो की बड़ी भीड़ एकत्रित करता है। मंदिर चारो ओर से आकर्षित पहाड़ियों और हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है जोकि ब्रह्मगिरि हिल रेंज की ओर 900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। बता दें कि थिरुनेली मंदिर को दक्षिण भारत के सहजमाला और काशी के नाम से भी जाना जाता है। कथाओं से पता चलता हैं कि भगवान विष्णु की एक प्रतिमा को आंवले के पेड़ के नीचे विश्राम करते हुए पाया गया था।
वायनाड का तीर्थ स्थल वल्लियोरकोवु भगवती मंदिर देवी भगवती (दुर्गा) को समर्पित हैं। मंदिर में देवी के तीन रूपों नवा दुर्गा, भद्रकाली और जल दुर्गा की मूर्तिया स्थापित हैं। यह मंदिर मन्थनवादि के निकट कलपेट्टा से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। वल्लियोरकोवु भगवती मंदिर का निर्माण 14 वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर का सबसे प्रमुख आकर्षण फरवरी, मार्च और अप्रैल के दौरान आयोजित होने वाला 15 दिवसीय उत्सव है।
पल्लीकुन्नू चर्च वायनाड का एक लोकप्रिय चर्च हैं जोकि उत्तर केरल स्थित हैं। पल्लिकुन्नु चर्च का एक अन्य नाम ‘हमारी महिला का लूर्डेस’ भी हैं। इस लैटिन कैथोलिक चर्च की कल्पना वर्ष 1908 में Fr।Jefreno के द्वारा की गई थी। पल्लीकुन्नू चर्च ईसाई धर्म के अनुयाइयों के लिए विशेष महत्व रखता हैं। पल्लीकुन्नू चर्च में एक 15 दिवसीय उत्सव फरवरी माह के दौरान मनाया जाता हैं जोकि बहुत ही लोकप्रिय हैं।
वायनाड के प्रमुख अकर्ष्ण में शामिल कलपेट्टा एक आकर्षित शहर है। शहर अपने प्राकृतिक हरे-भरे वातावरण के लिए पर्यटकों के बीच सबसे पसंदीदा जगहों में से एक हैं। केरल राज्य के वायनाड जिले में स्थित यह समुद्र तल से 780 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। प्रकृति प्रेमियों और हनीमून के उद्देश्य से आने वालो के लिए एक आदर्श स्थान साबित होता हैं। बता दें कि वायनाड को एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र के रूप में भी जाना जाता हैं।
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पुलियारमाला जैन मंदिर वायनाड का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं और अनंतनाथ स्वामी को समर्पित है जोकि एक तीर्थंकर थे। पुलियारमाला जैन मंदिर को अनंतनाथ स्वामी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। 13 वीं शताब्दी में निर्मित किया गया यह मंदिर केरल राज्य के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है। पुलियारमाला जैन मंदिर की संरचना में द्रविड़ शैली में की गई चित्रकारी को देखा जा सकता है। साथ ही मंदिर के दरवाजों और स्तूप पर सुंदर नक्काशी देखने को मिलती हैं। मंदिर का सबसे ख़ास आकर्षण भगवान महावीर की पीतल की प्रतिमा हैं।
कुट्टमुंडु गिलास टेम्पल वायनाड में स्थित है और जैन धर्म के प्रसिद्ध तीर्थकर पार्श्वनाथ स्वामी के सम्मान में निर्मित किया गया था। कालपेट्टा से यह लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वल्लरीमाला में स्थित हैं। ग्लास मंदिर के नाम से मंदिर की वास्तविकता का पता चलता हैं। दरअसल मंदिर हजारों ग्लासो से भरा हुआ हैं।
सीता देवी मंदिर वायनाड के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं। इस मंदिर की सबसे खास बता यह है यह की केरल राज्य का एक मात्र मंदिर हैं जिसमे देवी सीता, लव और कुश की पूजा एक साथ की जाती हैं। मंदिर के प्रमुख देवता माता सीता हैं। इस मंदिर का रामायण काल से गहरा नाता हैं।
ई-3 थीम पार्क देश के सर्वश्रेष्ठ मल्टी रिक्रिएशनल थीम पार्को में से एक हैं। यह पार्क केरल राज्य के वायनाड में वेल्लमुंडा में स्थित हैं। पर्यटक पार्क में कई तरह की रोमांचित कर देने वाली गतिविधियों का हिस्सा बन सकते हैं। पार्क के प्रमुख आकर्षण में मैग्नेटिक फ़ॉल, मॉस गार्डन, 12 डी थिएटर, राइफल शूटिंग, रैपलिंग, रॉकिंग, तीरंदाजी, एडवेंचर ज़ोन, डिनो पार्क, एक्शन ज़ोन और एंटरटेनमेंट ज़ोन, डक शो और एक्रोबैटिक शो आदि हैं।
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वायनाड की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई के बीच बीच का माना जाता हैं क्योंकि इस समय के दौरान तापमान यात्रा के अनुकूल रहता हैं।
वायनाड और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप वायनाड के आसपास किसी अच्छे निवास स्थान की तलाश कर रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि वायनाड में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक होटल मिल जाएंगे आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल का चुनाव कर सकते हैं।
वायनाड अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों और आकर्षित वातावरण के लिए तो पर्यटकों की पसंद है। लेकिन साथ ही अपने स्वादिष्ट भोजन के लिए भी जाना जाता हैं। वायनाड के लजीज भोजन का स्वाद आपको उंगलिया चाटने पर मजबूर कर देगा। वायनाड के स्थानीय व्यंजनों में आपको दम बिरयानी, मालाबार पराठा, पथरी या चावल की रोटी, घी और केसर चावल, घी रोस्ट डोसा, अप्पम, इडली, टोडी आदि चखने को मिलेंगे हैं। इसके अलावा वायनाड में आपको अन्य दक्षिण-भारतीय व्यंजनो को खाने से नही चूकना चाहिए।
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वायनाड पर्यटन स्थल की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
वायनाड पर्यटन स्थल की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि वायनाड जाने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा कालीकट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (Calicut International Airport) है। जोकि वायनाड से शहर से लगभग 98 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप बस,टैक्सी आदि का उपयोग कर आसानी से वायनाड पहुँच जायेंगे।
वायनाड की यात्रा के लिए अगर आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं। बता दें कि वायनाड का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन नीलांबूर रेलवे स्टेशन (Nilambur Railway Station In Kerala) है। जोकि वायनाड शहर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। रेलवे स्टेशन से आप बस या टैक्सी के के माध्यम से वायनाड पर्यटन स्थल आसानी से पहुँच जायेंगे।
वायनाड जाने के लिए अगर आपने बस का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि वायनाड अपने आसपास के शहरो से सड़क मार्ग के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ। बैंगलोर, कोयम्बटूर और कोझीकोड शहरो से आसानी से बसे उपलब्ध हैं।
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इस लेख में आपने वायनाड के टॉप टूरिस्ट प्लेसेस को जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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