Coonoor In Hindi, कुन्नूर भारत के सबसे सुंदर और शांत हिल स्टेशनों में से एक है जो पश्चिमी घाट के नीलगिरी पहाड़ियों में दूसरा सबसे बड़ा हिल स्टेशन है। आपको बता दें कि यह हिल स्टेशन 1930 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कुन्नूर पर्यटन स्थल भारत के लोकप्रिय हिल स्टेशन ऊटी से सिर्फ 19 किमी दूर है। कुन्नूर नीलगिरी पहाड़ियों और कैथरीन फॉल्स के आकर्षक दृश्यों के साथ एक शानदार पर्यटन स्थल है। अगर आप अपने पार्टनर के साथ किसी शांत, सुंदर और प्राकृतिक जगह पर जाना चाहते हैं तो आपको कुन्नूर की यात्रा अवश्य करना चाहिए। कुन्नूर प्रकृति की शाश्वत सुंदरता में अपने आप को खो देने के लिए एक दम सही जगह है।
अगर आप कुन्नूर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं या इसके पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें। जिसमे हम आपको कुन्नूर की छोटी सी यात्रा पर लेकर जा रहें हैं।
कुन्नूर नीलगिरी की पहाड़ियों में दूसरा सबसे बड़ा हिल स्टेशन है, जो भारत के कुछ सबसे बड़े और सबसे अधिक आकर्षक चाय बागानों घर भी है। आप ऊटी में चाय बागान के टूर के बारे में तो शायद जानते ही होंगे लेकिन कुन्नूर अभी उटी की तरह आकर्षक पर्यटन हैं। इसके साथ ही यहां पर पर्यटकों की ज्यादा भीड़ भी नहीं रहती।
कुन्नूर के चाय बागान शहर की भूमि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। कुन्नूर के चाय के बागानसच में बेहद आकर्षक है जिनकी सैर करने के लिए आपको अवश्य जाना चाहिए। यहां बागानों में ऐसे ट्रेक भी हैं जो आपको ऐसी जगह पर ले जाते हैं जहां से आप विभिन्न झरनों को देख सकते हैं।
कुन्नूर उन लोगों के लिए स्वर्ग के समान है जो लोग हरे-भरे वनस्पति, प्रकृति और जीवों को देखना पसंद करते हैं। नीलगिरि पर्वत श्रृंखला की उपस्थिति में यहां पर पर्यटक कई तरह से वनस्पति और जीवों को देख सकते हैं जिनकी जानकारी नीचे दी है।
फ्लोरा
नीले आकाश के नीचे हर भरे चाय के बागों को देखना आपको एक शानदार अनुभव दे सकता है। यहां पर चाय के बागानों के अलावा सिम पार्क स्थित है जहां पर कई दुर्लभ विदेशी पेड़ और पौधों की किस्मों को देखा जा सकता है। यहां पाए जाने वाले पेड़- पौधों में नीलगिरी, बबूल, पिनस, दालचीनी, रुद्राक्ष, अरुक्रिया, क्वेरकस, फीनिक्स, मैगनोलिया, पाइन, टर्पेन्टाइन, ट्री फ़र्न और कैमेलिया (Camellia) के नाम शामिल हैं।
जीव
कुन्नूर बर्ड वॉचिंग के लिए एक शानदार जगह है। यहां कई तरह के पक्षियों जैसे कॉर्मोरेंट, पिपिट्स, थ्रश, पैराकेट्स, स्काईलार्क्स और नीलगिरि को देखा जा सकता है। इसके अलावा जंगली हाथी भी यहां आसपास के क्षेत्रों में भी देखे जाते हैं।
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अगर आप कुन्नूर की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो यहां नीचे हमने कुछ पर्यटन स्थलों के बारे में बताया है जहां आप अपनी कुन्नूर यात्रा के दौरान जा सकते हैं।
लॉज फॉल्स, कुन्नूर शहर के बाहर लगभग 7 किमी पिकनिक मनाने और प्रकृति की गोद में समय बिताने के लिए एक दम परफेक्ट जगह है। लॉज फॉल्स मेट्टुपालयम-कुन्नूर-ऊटी मार्ग पर स्थित है, जहां पर 180 उंचाई से पानी गिरता है। यह जगह प्राकृतिक जंगलों से घिरी हुई है जो प्रकृति प्रेमी व बच्चों के लिए एक दम सही जगह है।
सिम्स पार्क कुन्नूर में एक बहुत ही आकर्षक जगह है जहां पर पर्यटक प्रकृति की गोद में शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। सिम्स पार्क प्रकृति का खजाना है जहां पर कई प्रजातियों के पौधों को देखा जा सकता है। यह पार्क कुन्नूर का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है जो एक हजार से ज्यादा विभिन्न पेड़ों की प्रजातियों का घर है। सिम्स पार्क तमिलनाडु के नीलगिरी में स्थित है, जो कुन्नूर रेलवे स्टेशन के उत्तरी तरफ है। पर्यटक इस पार्क तक बड़ी ही आसानी से पहुंच सकते हैं। यह पार्क 12 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है, और अलग-अलग वर्गों में विभाजित है। यह आकर्षक पार्क दुनिया भर के वनस्पतिविदों को रोमांचित करता है। यह एक ऐसा पार्क है जहां हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक यात्रा करते हैं। अगर आप किसी प्राकृतिक जगह पर शांति भरे कुछ पल बिताना चाहते हैं तो आपको इस पार्क की यात्रा अवश्य करना चाहिए।
लैम्बस रॉक कुन्नूर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो शहर से सिर्फ 8 किमी की दूरी पर है। यह स्थान कोयम्बटूर के मैदानों और कुन्नूर पहाड़ियों के कुछ आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता है।
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डॉल्फिन नोज कुन्नूर की एक बेहद आकर्षक जगह है जो लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित है। अगर आप कुन्नूर पर्यटन स्थल की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो आपको डॉल्फिन नोज (Dolphin’s Nose) का दौरा करने के लिए अवश्य जाना चाहिए। यह स्थान न केवल नीलगिरि पहाड़ियों, बल्कि कैथरीन फॉल्स का अद्भुत मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
हाईफील्ड टी एस्टेट एक टी फैक्ट्री है जो ताजी चाय की गंध के लिए जाना जाता है। हाईफील्ड टी एस्टेट को नीलगिरी पहाड़ियों के आसपास चाय बागानों के उपयोग के लिए स्थापित किया गया था जो एक उत्तम चाय का उत्पादन करता है। यह टी फैक्ट्री लगभग 50 साल पुरानी है, जहां चाय प्रेमियों के साथ-साथ वे लोग भी यात्रा करने आते हैं जो यह जानना चाहते हैं कि चाय कैसे संसाधित की जा रही है। यह फैक्ट्री एक प्राकृतिक जगह पर है जहां चाय की गंध के अलावा पहाड़ी पर प्रचुर मात्रा में नीलगिरी के पेड़ भी देखे जा सकते हैं। अगर आप एक चाय प्रेमी हैं तो आपको हाईफील्ड टी एस्टेट की यात्रा अवश्य करना चाहिए।
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दरोग किला कुन्नूर का एक ऐतिहासिक स्थान है जो नीलगिरी की तलहटी से 15 किमी दूर स्थित है। इस किले के बारे में कहा जाता है कि कई साल पहले किले में एक राक्षस रहता था जिसे बकासुर मलाई कहा जाता है। 18 वीं शताब्दी में टीपू सुल्तान ने किले को एक चौकी के रूप में इस्तेमाल किया जो अब एक दीवार के साथ एक खंडहर है। समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह किला पूरे देश के यात्रियों को आकर्षित करता है। यह स्थान ट्रेकर्स और एडवेंचर पसंद करने वाले लोगों के लिए एक एक अच्छी जगह है। अगर आप कुन्नूर यात्रा के दौरान किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको इस किले को अपनी लिस्ट में जरुर शामिल करना चाहिए।
हिडन वैली एक आकर्षक जगह है जो प्रकृति प्रेमियों और ट्रेकर्स के लिए एक दम परफेक्ट है। कुन्नूर के बाहरी इलाके में स्थित यह हरी भरी जगह साहसिक उत्साही लोगों के लिए एक उत्कृष्ट पलायन है। यहां पर पर्वतारोहण, रॉक क्लाइम्बिंग और ट्रेकिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटी का मजा लिया जा सकता है।
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केटी वैली, तमिलनाडु में कुन्नूर से ऊटी तक फैली खूबसूरत पहाड़ियों में स्थित खूबसूरत घाटी है। अगर आप केटी वैली की यात्रा करना चाहते हैं और इसकी सुंदरता को देखना चाहते हैं तो सबसे अच्छा तरीका टॉय ट्रेन से सवारी करना है जिसमें 20-25 मिनट का समय लगता है। केटी घाटी पक्षी देखने और ट्रेकिंग के लिए बेहद प्रसिद्ध है। केटी घाटी एक प्राकृतिक जगह है जो सुंदर नीले पहाड़ों (नीलगिरी पहाड़ियों) से घिरी हुई है। यहां की यात्रा के दौरान आप शिव लिंगम मंदिर, चाय के बागानों और क्षेत्र में अद्भुत झरनों को देखना न भूलें।
सेंट जॉर्ज चर्च कुन्नूर का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। आपको बता दें कि इस चर्च का निर्माण वर्ष 1926 में किया गया था और यह चर्च ब्रिटिश काल की गॉथिक संरचना का एक सुंदर अवशेष है। चर्च की वास्तुकला की प्राचीन राज शैली की है जो दिखने में बेहद भव्य है। चर्च के अंदरूनी हिस्सों को देखने के लिए एक वेस्टिबुल से गुज़रना पड़ता है जहाँ छह स्तंभों वाली मेहराबदार छत चर्च को किनारे की ओर अलग करती है। इस चर्च की वेदी को पूरी तरह से सफेद संगमरमर से जड़ा गया है जो हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता है। अगर आप कुन्नूर की यात्रा के लिए जा रहें है तो सेंट जॉर्ज चर्च को देखने के लिए अवश्य जाना चाहिए।
वेलिंगटन का गोल्फ क्लब दक्षिण भारत के सबसे पुराने गोल्फ क्लबों में से एक है। सुंदर चाय के बागानों और मैदानी इलाकों की ढलानों के बीच स्थित यह गोल्फ कोर्स देखने में बेहद आकर्षक है। नीलगिरी की पहाड़ी ढलानों की पृष्ठभूमि के साथ इस स्थान यहां वाले पर्यटकों मंत्रमुग्ध कर देता है।
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ऑल सेंट्स चर्च कुन्नूर के सबसे पुराने चर्चों में से एक है। आपको बता दें कि इस चर्च का निर्माण 165 साल पहले का है। यह चर्च एक प्राचीन संरचना है जो देखने में बेहद आकर्षक है। इस चर्च के अंदरूनी हिस्से लकड़ी के और खिडकियां कांच की बनी है। ऑल सेंट्स चर्च, विशाल गुंबद जैसी संरचनाओं की एक इमारत के साथ एक विशिष्ट ब्रिटिश प्रभाव देता है।
अगर आप अपनी कुन्नूर यात्रा के दौरान शाम के समय दोस्तों के साथ स्वादिष्ट भोजन और कॉकटेल का आनंद लेना चाहते हैं तो इसके लिए ताज गार्डन रिट्रीट एक बहुत अच्छी जगह है। आपको बता दें कि इस जगह का माहौल बहुत ही अच्छा है लेकिन यह आपको बहुत महंगा पड़ सकता है। अगर आप एक बजट यात्रा कर रहें हैं तो इसे इग्नोर करें।
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रलिया डैम वेलिंगटन रोड पर कुन्नूर से लगभग 9 किमी की दूरी पर स्थित है। आपको बता दें कि यह डैम जंगल के बीच ट्रेकिंग के लिए एक बहुत अच्छी जगह है। आपको बता दें कि यह बांध काफी पुराना है जो कुन्नूर के निवासियों को पानी उपलब्ध कराता है। रलिया आकर्षक और सुंदर बांधों में से एक है जहां की यात्रा करने के लिए आपको अवश्य आना चाहिए। इस बांध का दौरा करने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान होता है। बांध से 1.5 किमी की दूरी पर हाईफील्ड चाय कारखाना एक आकर्षण स्थल है जहां आप बांध घूमने दौरान जा सकते हैं।
कीस्टोन फाउंडेशन एक ऐसी जगह है जहां से आप मसाले और अच्छी क्वालिटी का स्वादिष्ट शहद के साथ यहां के स्थानीय हस्तशिल्प और कपड़े खरीद सकते हैं।
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कुन्नूर शहर में खरीदारी करना आपको एक शानदार अनुभव दे सकता है। यहां की यात्रा के दौरान आप बाजार में कई सुंदर कलाकृतियां, प्राचीन उत्पाद, सुंदर कढ़ाई वाले शॉल, परिधान, टोडा आभूषण (Toda Jewellery) और हस्तशिल्प वस्तुओं को खरीद सकते हैं। कुन्नूर अपनी सुगंधित चाय की कई किस्मों के लिए भी जाना जाता है जिसे आप खरीद सकते हैं। इसके अलवा यहां से आप शहद और कई तरह से फलों को भी ले सकते हैं। यहां की स्वादिष्ट होममेड चॉकलेट और ताजा बेक्ड केक का स्वाद आपको बेहद पसंद आयेगा। इन सभी चीज़ों के अलावा आप यहां कई हस्तनिर्मित प्राचीन, औषधि और चादरें खरीद सकते हैं।
कुन्नूर को पीच, शहतूत और पैशन फ्रूट जैसे असामान्य जैम के लिए जाना जाता है। कुन्नूर की यात्रा के दौरान आप कई तरह के ताजा फलों का स्वाद ले सकते हैं और अपने घर भी ले जा सकते हैं। कुन्नूर का सबसे लोकप्रिय स्थानीय व्यंजन राजमा और अवारे बीन्स है इसका स्वाद आपको अवश्य लेना चाहिए। सबसे अच्छी बात है कि यह आपको कई स्थानीय भोजनालयों में आसानी से मिल जायेगा। इसके अलावा आप यहां पर उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय दोनों व्यंजन प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर स्थित हैदराबादी बिरयानी हाउस में आप कम कीमतों में स्वादिष्ट भोजन प्राप्त कर सकते हैं।
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भारत में दूसरे सबसे बड़े हिल स्टेशन के रूप में प्रसिद्ध कुन्नूर एक पर्यटन स्थल का स्वर्ग है जहां की यात्रा पर्यटक साल में कभी भी कर सकते हैं। हालांकि, इस हिल स्टेशन को एक्सप्लोर करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च (सर्दियों का मौसम) के बीच होता है, जब जलवायु हल्की ठंड और सुखद रहती है। सर्दियों के मौसम में यहां का तापमान लगभग 8 ° C तक गिर जाता है।
अगर आप कुन्नूर की प्राकृतिक सुंदरता का असली मजा लेना चाहते हैं तो आपको सर्दियों के मौसम में कुन्नूर की यात्रा करने के लिए जाना चाहिए कुन्नूर की यात्रा के लिए मानसून भी एक उत्कृष्ट समय माना जाता है जो कि जुलाई और सितंबर के बीच होता है। इस क्षेत्र में भारी वर्षा नहीं होती है, लेकिन अगर आप मानसून प्रेमी नहीं है तो थोड़ी बारिश भी आपकी यात्रा में बाधा उत्पन्न कर सकती है। यहां पर ग्रीष्मकाल मार्च और जून के बीच होता है और इस दौरान यहां का मौसम देश की अन्य जगहों के मुकाबले कम गर्म होता है।
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कुन्नूर कोच्चि, कोयम्बटूर और बैंगलोर के करीब स्थित है जहां पर आप परिवहन के किसी भी माध्यम सड़क, ट्रेन या हवाई जहाज द्वारा आसनी से पहुंच सकते हैं। यहां का निकटतम हवाई अड्डा कोयम्बटूर है जो सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है और यह सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
अगर आप हवाई जहाज से कुन्नूर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि इस शहर में अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है। कुन्नूर के लिए कोयम्बटूर हवाई अड्डा निकटतम घरेलू हवाई अड्डा है जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा बैंगलोर निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है और सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है। कोयम्बटूर से कुन्नूर पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग द्वारा या फिर टॉय ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं।
यहां के निकटतम हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशन से कुन्नूर की यात्रा के लिए सड़क परिवहन सबसे सुविधाजनक और सस्ता तरीका है। कुन्नूर एक पहाड़ी इलाका है इसलिए यहां पर ट्रेन की सुविधा उतनी अच्छी नहीं है।
अत्यधिक ऊंचाई और दुर्गम इलाके में स्थित होने की वजह से कुन्नूर में अपना कोई कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। यहां के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन मेट्टुपालयम है जो 45 किलोमीटर दूर है। कोयम्बटूर जंक्शन भारत के प्रमुख शहरों से ट्रेन द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और 75 किलोमीटर दूर है। कोयम्बटूर जंक्शन आप कुन्नूर के लिए टैक्सी या कैब ले सकते हैं।
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