Tourist Place To Visit In Agartala In Hindi :अगरतला भारत के खूबसूरत राज्य त्रिपुरा की राजधानी हैं और यह अपनी गोद में कई आकर्षित और पर्यटन स्थलो को समेटे हुए हैं। अगरतला के अतीत में झांकने पर हम पाते हैं कि माणिक्य राजाओं के लिए यह स्थान अपने निवास स्थान के रूप में जाना गया था। अगरतला विविधता और समृद्ध संस्कृति के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का सही उदाहरण प्रस्तुत करता हैं। अगरतला न केवल फूलों और घाटियों से भरा हुआ स्थान हैं बल्कि लोगों की विविधता के साथ-साथ ऐतिहासिक और धार्मिक स्मारकों के लिए भी जाना जाता हैं। अगरतला त्रिपुरा राज्य का सबसे विकशित शहर है और यह महानगरों से काफी दूरी पर हैं। 800 एकड़ के क्षेत्र में फैले हुए अगरतला शहर और इसके पर्यटन स्थलों के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े।
अगरतला की एक नदी के किनारे पर बसा हुआ खूबसूरत शहर हैं जिसके नाम का अर्थ अगार के पेड़ से माना जाता हैं। ऐतिहासिक रूप से राजा रघु की कहानी में वर्णित किया गया हैं कि उन्होंने हाथी के पैर को लहिता नदी के किनारे अग्र वृक्ष से बांध दिया था। लौक कथाओं में वर्णित यहां के राजाओं में पाटनदान, चित्ररथ, द्रोपपति, धर्मपथ, लोकनाथ जीवधारन महत्वपूर्ण राजा थे। यहां के सबसे महत्वाकांक्षी राजाओं में महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर का नाम सबसे पहले लिया जाता हैं। त्रिपुरा राज्य ने कई हिन्दू राजाओं की राजधानी के रूप में कार्य किया हैं। यहां राजाओं की स्पस्ट सूची उपलब्ध नही हैं लेकिन यहां से प्राप्त हुए अभी लेखो से पता चलता हैं कि पौराणिक राजा द्रुह्य से लेकर त्रिपुरा के अंतिम राजा किरीट बिक्रम किशोर माणिक्य ने यहा शासन किया हैं।
त्रिपुरा ने मुगल शासन को भी अच्छी तरह से देखा हैं। हालाकि बाद में ब्रिटिश सत्ता का परचम लहरा गया था। महाराजा कृष्ण चंद्र माणिक्य ने सन 1849 में राजधानी को पुरानी हवेली से नई हवेली जिसे वर्तमान में अगरतला के नाम से जाना जाता हैं। ब्रिटिश काल के दौरान अगरतला पूर्ववर्ती ‘हिल तिप्पेरा’ राज्य की राजधानी के रूप में जानी जाती थी और यह सन 1874–75 के दौरान नगरपालिका बन गई। त्रिपुरा राज्य की तत्कालीन महारानी कंचनप्रवा देवी ने 15 अक्टूबर 1949 को सरकार को स्वतंत्र भारत के साथ इस प्रांत के विलय की अनुमति देदी। 1 जुलाई 1963 को त्रिपुरा एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया और 21 जनवरी सन 1972 को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल कर लिया। अगरतला को त्रिपुरा राज्य की राजधानी घोषित किया गया।
अगरतला एक खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं जहां दूर-दूर से पर्यटक घूमने आते हैं और अपनी लाइफ के कुछ खुशनुमा पल अगरतला की आकर्षित और मदमस्त कर देने वाली वादियों में बिताते हैं। तो आइये हम आपको अगरतला में घूमने वाली जगहों के बारे में बताते हैं जहां आप घूमने जा सकते है।
अगरतला में देखने लायक जगहों में शामिल उज्जयंता पैलेस वर्षों पहले एक शाही महल था। अगरतला में होने वाली हल-चल इसी महल के ईर्द-गिर्द होती थी। इस महल का निर्माण सन 1901 में किया गया था। महल में शानदार टाइलों वाले फर्श, घुमावदार लकड़ी की छत और आकर्षित दरवाजे हैं। “उज्जयंता पैलेस” नाम त्रिपुरा के एक नियमित पर्यटक रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा दिया गया था। महल में सार्वजनिक हॉल, दरबार हॉल, पुस्तकालय, सिंहासन कक्ष, चीनी कक्ष और स्वागत कक्ष आदि शामिल हैं।
उज्जयंता पैलेस पहले त्रिपुरा का एक शाही महल था जोकि अगरतला राज्य में स्थित है। यह महल सन 2011 तक त्रिपुरा राज्य की विधान सभा के रूप में भी कार्य करता था लेकिन अब यह स्थान अगरतला का एक आकर्षित पर्यटक स्थल बन गया हैं। खूबसूरत हरियाली से घिरी एक छोटी झील के किनारे पर स्थित यह 28 हेक्टेयर पार्कलैंड में फैला हुआ स्थान हैं। यहां अगरतला के दर्शनीय स्थल में कई हिन्दू मंदिर उमा-माहेश्वरी, लक्ष्मी नारायण, काली और जगन्नाथ को समर्पित मंदिर बने हुए हैं। त्रिपुरा नरेश महाराजा राधा किशोर माणिक्य ने सन 1899-1901 के वर्षो में इस महल का निर्माण करवाया था।
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अगरतला में घूमने वाली जगहों में शामिल नीरमहल या ‘द लेक पैलेस ऑफ त्रिपुरा’ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी तरह का सबसे बड़ा महल माना जाता है। यह महल हमारे देश के दो खूबसूरत जल महलों में से एक है। यह शाही महल राजा “बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर” की सोच का परिणाम हैं। यह महल राजा और उनके पूरे परिवार के लिए ग्रीष्मकालीन महल के रूप उपयोग किया जाता था। महल के आसपास के लॉन और फूलों के बिस्तर इस स्थान के आकर्षण को ओर अधिक बढ़ा देते है। महल में कुछ वाटरस्पोर्ट भी देखने को मिल जाती हैं, नीरमहल जल उत्सव, नौका दौड़ आदि।
अगरतला में घूमने वाली की जगहें में शामिल सिपाहीजला वन्यजीव अभयारण्य यहां की एक खूबसूरत वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हैं। खासतौर पर वन्यजीवों, पक्षियों और प्राइमेट्स के लिए यह निवास स्थान के रूप में जाना जाता हैं। इस स्थान पर वन्यजीव अभयारण्य के अलावा एक शैक्षणिक और अनुसंधान केंद्र भी स्थित है। इस वन्यजीव अभयारण्य के भीतर कई झीलें मौजूद हैं जिनमे नौका बिहार की सुविधा उपलब्ध है। सिपाहीजला वन्यजीव अभयारण्य में कई आवासीय पक्षियों, प्रवासी पक्षियों, नौका विहार सुविधाओं, ऑर्किड गार्डन, वन्य जीवन, चिड़ियाघर, हाथी आनन्द-सवारी, वनस्पति उद्यान, रबर और कॉफी बागानों की 150 से अधिक प्रजातियां वर्ष भर पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
अगरतला के दर्शनीय स्थलो में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का अपना एक अलग ही स्थान हैं। यह मंदिर त्रिपुरा राज्य के अगरतला से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर उदयपुर में स्थित हैं। उदयपुर में स्थित यह मंदिर यहां का सबसे पुराना मंदिर हैं जोकि 500 साल पहले बनाया गया था। त्रिपुर सुंदरी मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है और इस पावन स्थान पर सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। पर्यटक साल भर इस स्थान पर मंदिर के ईस्ट देव के दर्शन करने के लिए आते हैं और दर्शन का लाभ उठाते हैं। प्राचीन कथाओं के अनुसार यह भी कहा जाता हैं कि वैकुंठ धाम के स्वामी भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती को 51 भागो काट दिया था और जिस स्थान पर उनके अंग का टुकड़ा गिरा हैं उसे शक्ति पीठ के नाम से जाना गया। यह मंदिर का एक कछुए के आकर का है और यह कुरमा पीठ के नाम से जाना जाता हैं।
अगरतला में घूमने वाली जगहों में शामिल यहां का गंडचेर्रा वन्यजीव अभयारण्य पर्यटकों को अपनी ओर बहुत अधिक आकर्षित करता हैं। अगरतला के इस करामाती अभयारण्य में पाए जाने वाले कई प्रकार के वनस्पतियों और विभिन्न जातियों के जीव-जंतुओं के लिए निवास स्थान हैं। जंगली घोड़े, जलीय जीव, बाघ, बाइसन और साथ ही साथ प्रवासी पक्षियां जैसे स्तनधारी यहां देखने को मिल जाते हैं।
अगरतला का दर्शनीय स्थल जगन्नाथ मंदिर यहा का एक प्रसिद्ध धार्मिक मंदिर हैं। इस मंदिर का निर्माण 19 वीं शताब्दी में माणिक्य राजवंश के महाराजा द्वारा निर्मित किया गया था जोकि उज्जयंत पैलेस के मैदान में स्थित है और हिंदू धर्म से सम्बंधित देवता जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित है।
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अगरतला में देखने लायक स्थान चिट्टागोंग हिल्स एक अद्भुत स्थान हैं जो पर्यटकों के मन को लुभाती हैं। इस आकर्षित पहाड़ी में घाटियों के साथ-साथ छोटे पहाड़ और एक छोटी घाटी है इसके अलावा 7 नदियों का आकर्षित दृश देखने लायक होता हैं।
अगरतला में देखने की जगह राइमा घाटी एक खूबसूरत दृश्य प्रस्तुत करती हैं। इस हरी-भरी घाटी को त्रिपुरा के आदिवासियों की मां के रूप में भी जाना जाता है। घाटी में बगीचे और वृक्षारोपण पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
अगरतला में घूमने वाली जगहें में कुंजबन पैलेस अपनी एक खास पहचान रखता हैं। सन 1917 में राजा बीरेंद्र किशोर माणिक्य द्वारा इस पैलेस का निर्माण करबाया गया था। कुंजाबन पैलेस त्रिपुरा के राज्यपाल का आधिकारिक निवास स्थान है। कुंजबन पैलेस में बनी हुई जटिल नक्काशी, शानदार संरचनाएं और इसके अलावा शानदार बगीचे इसे समग्र रूप से इसे एक अद्भुत स्मारक बनाते हैं।
अगरतला के दर्शनीय स्थलो में शामिल बुद्ध मंदिर एक प्राचीन मंदिर हैं। पुरातात्विक साक्ष्यों के अनुसार बौद्धों ने इस क्षेत्र में प्राचीन काल से निवास किया है। कई बौद्ध शासकों ने राज्य पर शासन भी किया हैं और राज्य की संस्कृति पर एक अटूट प्रभाव भी छोड़ा हैं।
अगरतला में घूमने वाली जगहों में यहां की जम्पुई हिल पर्यटकों के लिए एक अच्छा स्थान माना जाता है। इस पहाड़ी को वसंत की शाश्वत पहाड़ियों के रूप में भी जाना जाता हैं। पूरे साल पर्यटकों का आना-जाना यहां लगा रहता हैं। जम्पुई हिल हरी-भरी पहाड़ियों, ऑर्किड, ढलानों पर चाय और नारंगी के बागानों के साथ नीचे घाटियों को देखने के लिए एक अच्छा स्थान हैं।
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अगरतला का कल्चर भी भारत के अन्य राज्यों की तरह ही मिश्रित हैं। त्रिपुरी को टिपरा या टिपराह जनजाति और बंगाली को अगरतला का मूल निवासी माना जाता है। अगरतला शहर में कोकबोरोक के साथ-साथ बंगाली भाषा भी बोली जाती हैं।
यहां की निवासी महिलाए अपने ऊपरी आधे हिस्से पर चमकीले रंग के रिसा और रिकुटु से बनी सूती कपड़े पहने हुए दिखाई देती हैं और निचले आधे हिस्से के लिए विशिष्ट पैटर्न वाली रिग्नाई पहनती हैं। पुरुष शरीर के ऊपरी हिस्से के लिए लंच के लिए रिकुतु और कम्क्लेवी बोरोक पहने हुए रहते हैं। 250 वर्षों से भी अधिक समय से त्रिपुरा की आधिकारिक भाषा बंगाली रही हैं। आदिवासियों द्वारा बोली जाने वाली भाषा देबबर्मा जन-जाति की सह-बोली और सह-आधिकारिक राज्य भाषा कोकबोरोक बोली जाती हैं। अगरतला में हिंदू धर्म से सम्बंधित सभी धर्मो को माना जाता हैं।
अगरतला में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में दुर्गा पूजा, खाची पूजा, अशोक स्वामी, नारंगी, पर्यटन महोत्सव और बुड्ढा मेला शामिल हैं। अगस्त के महीने में हर साल यहां नौका दौड़ का आयोजन किया जाता हैं। त्रिपुरी जनजातियों में गरिया, बिज़ू, है हक और चेरौ जैसे नृत्य अत्यधिक फेमस हैं। सुमुई, सरिंदा और डंडू शहर के कुछ पारंपरिक संगीत वाद्ययंतत्र हैं।
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अगरतला की प्रसिद्ध भोजन सामग्री में विभिन्न कॉन्टिनेंटल व्यंजन, शाकाहारी और मांसाहारी आदि शामिल हैं। इसके अलावा अगरतला के लोकल फूड में आपको बरमा जो मूल रूप से “पुती” मछली के रूप में सुखाया जाता है, चावल (‘माई), यहां के पारंपरिक व्यंजनों को “मुई बोरोक” के नाम से जाना जाता है, चुआक चावल की बीयर, बाजरा चावल से एक स्थानीय पेय पदार्थ को तैयार किया जाता हैं, मुय आवंड्रू, कटहल, पपीता, मोसडेंग वर्मा एक माउथवाटर त्रिपुरी चटनी है और पोर्क यहां के प्रमुख फूड हैं। बरम एक सूखी और किण्वित मछली है। समुद्री भोजन में कछुए, केकडे, झींगे आदि भी आपको आसानी से मिल जायेंगे। अपोंग, बंगाली मिठाई, चावल और बाजरा पेय पदार्थ भी प्रसिद्ध हैं।
यदि आप अगरतला का ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो हम आपको बता दे कि अगरतला जाने के लिए अक्टूबर से मार्च तक महिना सबसे उपयुक्त माना जाता हैं। क्योंकि इस दौरान जलवायु पर्यटक के लिए बिलकुल अनुकूल रहती हैं। जबकि मार्च के बाद तापमान बढ़ने लगता हैं और जून के बाद अगरतला में मानसून सक्रीय होने लगता हैं जिससे बारिश के मौसम में परेशानी का सामना करना पढ़ सकता हैं।
अगरतला और इसके प्रमुख पर्यटक स्थल घूमने के बाद यदि आप यहां रुकना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें कि यहां लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक के होटल आपको मिल जायेंगे। तो आप अपनी सुविधानुसार होटल ले सकते हैं। हम आपको कुछ होटल के नाम बताने जा रहे हैं जिससे आपको आसानी होगी।
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यदि आप त्रिपुरा राज्य की राजधानी अगरतला पर्यटन स्थल घूमने जा रहे हैं, तो हम आपको बता दें की अगरतला जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
अगरतला हवाई अड्डा भारत के उत्तर-पूर्व का बहुत व्यस्त हवाई अड्डा हैं और यह भारत के अन्य शहरों से अगरतला से बहुत अच्छी तरह से जोड़ता हैं। अगरतला से जुड़ने वाले अन्य हवाई अड्डों कोलकाता, दिल्ली, सिल्चर, ऐज़वाल, इम्फाल, चेन्नई, अहमदाबाद, गुवाहाटी, बैंगलोर और मुंबई आदि हैं।
अगरतला शहर पूर्व-उत्तर में रेल्वे लाइन से जुड़ने वाला दूसरा राजधानी शहर हैं। यदि आपने अगरतला जाने के लिए रेल मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि आप आसानी से अगरतला पर्यटन स्थल पहुंच जाएंगे। स्टेशन से आप यहां के स्थानीय साधनों की मदद ले सकते हैं।
यदि आपने अगरतला जाने के लिए बस का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि अगरतला त्रिपुरा और भारत के अन्य शहरो से सडक मार्ग के जरिए बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। अगरतला राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के द्वारा असम से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण शहर जैसे सिलचर, गुवाहाटी, शिलांग, धर्मनगर और आइज़ोल से जुड़ा हुआ हैं। तो आप सडक मार्ग के जरिए भी बहुत आसानी से अगरतला पहुंच जायेंगे।
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इस आर्टिकल में आपने अगरतला के प्रमुख पर्यटक स्थल और घूमने वाली जगहों को जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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