Andaman And Nicobar Information In Hindi : भारत का केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप छुट्टियों में समय बिताने के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां आकर पर्यटक शांति और सुकून का अनुभव करते हैं। अंडमान निकोबार एक द्वीप समूह है जो 572 छोटे और बड़े द्वीपों से मिलकर बना है, जिसमें सिर्फ कुछ ही द्वीपों पर लोग रहते हैं। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिंद महासागर में स्थित अंडमान निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है। बता दें कि अंडमान शब्द मलय भाषा के शब्द “हांदुमान” से लिया गया है, इस भाषा में हनुमान को हांदुमान कहते हैं। जबकि निकोबार का मलय भाषा में अर्थ होता है “नग्र लोगों की जमीन”।
बहुत कम लोग जानते हैं कि अंडमान निकोबार द्वीप को “गार्डन ऑफ ईडन” भी कहा जाता है। यहां आपको जगह-जगह घने पेड़, जीव जन्तु और समुद्री जीवन की विविधता देखने का मौका मिलेगा। खासतौर पर समुद्री जीवन और वॉटर स्पोट्र्स में रूचि रखने वाले लोगों को यह द्वीप बहुत रास आता है। इस द्वीप पर 17वीं शताब्दी में मराठों ने राज किया था, फिर अंग्रेजों ने यहां अपना अधिकार जमा लिया। यहां मोती और सीशेल से बने उत्पाद पयर्टकों को आकर्षित करते हैं। बता दें कि यहां पहुंचने के लिए ट्रेन या बस नहीं बल्कि फ्लाइट या जहाज की सुविधा लेनी पड़ती है। तो चलिए आज हम आपको अपने आर्टिकल के जरिए यात्रा कराते हैं भारत के सुंदर द्वीपों में से एक “अंडमान और निकोबार द्वीप” की। हमारे इस आर्टिकल में आपको अंडमान-निकोबार की यात्रा से जुड़े हर जरूरी सवालों के जवाब आपको मिल जाएंगे।
अंडमान निकोबार द्वीप का इतिहास आज तक भी एक रहस्य बना हुआ है। कोई नहीं जानता की द्वीप में पहले निवासी कब और कैसे आए। लेकिन बताया जाता है कि 1789 में अंग्रेजों ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपनी कॉलोनी स्थापित की थी। 1796 में इस द्वीप को अंग्रेजों से छोड़ दिया। तब ब्रिटिशर्स ने 19वीं शताब्दी में फिर से अंडमान द्वीप पर नियंत्रण शुरू कर दिया। अंडमान निकोबार द्वीप समूह के इतिहास के अनुसार अंग्रेजों ने अंडमान निकोबार को एक दंड उपनिवेश के रूप में इस्तेमाल किया, जिसे “द सैल्यूलर जेल” नाम दिया गया।
इतिहास से यह पूरी तरह साबित होता है कि जिन लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई उन्हें दोषी मानकर कालापानी की उम्रकैद की सजा सुनाई गई। भारतीयों के लिए ये एक खतरनाक जेल थी, लेकिन स्वतंत्रता के बाद हालात बदले और कालापानी ने सुंदर द्वीपों के समूह का मार्ग प्रशस्त किया। 1947 में अंडमान निकोबार द्वीप समूह को भारत संघ का हिस्सा बनाया गया, जो आज भारत के सात केंद्र शासित प्रदेशों में से एक है।
अंडमान आइलैंड में राधानगर बीच सबसे रोमांटिक बीचों में से एक है। यहां अक्सर न्यूली मैरिड कपल्स हनीमून मनाने आते हैं। नेचर लवर और एडवेंचर्स के शौकीन लोग यहां प्राचीन लैंडस्केप का आनंद ले सकते हैं। इस बीच पर आपको कछुए, बड़ी मछलियां और डॉलफिन देखने को मिलेंगी।
अंडमान में हैवलॉक द्वीप स्कूबा डाइविंग के लिए सबसे मशहूर स्थल है। यहां हैवलॉक पर दो डाइविंग ऑपरेटर्स हैंबेयरफुट स्कूबा और डाइव इंडिया। जो ट्रेन्ड और आवश्यक उपकरणों के साथ वानोबब गोताखोर प्रदान करते हैं।
बाराटांग द्वीप पोर्टब्लेयर से 100 किमी की दूरी पर स्थित है। यह आईलैंड घने मैंग्रोव प्लांटेशन की प्रकृति से बनी सुरंग के बीच नाव सफारी की सुविधा देता है। मैंग्रोव क्रीक में लाइम स्टोन की गुफाएं हैं, जहां जाने के लिए आपको टॉर्च साथ ले जाना होता है।
“काला पानी” शब्द आप बचपन से सुनते आ रहे हैं। काला पानी अंडमान की वह पूर्व ब्रिटिश भयानक जेल है, जहां हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और वीर बहादुरों को सजा दी गई। यह जेल 1897 में स्थापित की गई थी।, जिसमें 694 कोठरियां हैं। जेल की दीवारों पर आज भी वीर बहादुरों के नाम लिखे हैं और यहां म्यूजियम में उन शस्त्रों को भी देखा जा सकता है, जिससे स्वतंत्रता सेनानियों पर अत्याचार किए गए थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापानियों ने सैल्यूजर जेल के कई हिस्सों को नष्ट कर दिया था, लेकिन यह जेल अभी भी हमारे पुरखों और वीरों की याद दिलाती है। यह जेल सुबह 9 से शाम 5 बजे तक पयर्टकों के देखने के लिए खुलती है। बता दें कि सोमवार को जेल बंद रहती है।
अगर आप दोस्तों के साथ अंडमान की यात्रा कर रहे हैं तो माउंट हैरियट में ट्रेकिंग बहुत पॉपुलर है। माउंट हैरियट से मधुबन के बीच आपको 16 किमी तक ट्रेक मिलेगा। यह एक शानदार मार्ग है जहां आपको विदेशी वनस्पतियों के साथ जीव देखने को मिलेंगे। माउंट हैरियट के जंगलों में आप हाथी सफारी का भी मजा ले सकते हैं।
बनाना राइड, पैरासिलिंग, जेट स्कीइंग, रोबोट पैडलिंग, स्पीड बोट की सवारी आदि वॉटर स्पोट्र्स का आप राजीव गांधी वॉटर स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में जाकर लुत्फ उठा सकते हैं। यहां हर वॉटर स्पोट्र्स एक्टिविटी की फीस 300 रूपए से शुरू होकर 5000 तक होती है।
महात्मा गांधी मैरिन नेशनल पार्क में आप स्नोर्कलिंग, ग्लास बॉटाम बोट राइड और स्कूबा डाइविंग का अच्छा अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। इस 281.5 वर्ग किमी में फैले नेशनल पार्क में 15 आइलैंड हैं।
प्रकृति से बेहद प्यार करने वाले पयर्टकों के लिए अंडमान का दिगलीपुर बहुत अच्छी जगह है। यह जगह अंडमान की सबसे ऊंची चोटी है, जहां आपको मगरमच्छ अभ्यारण और गुफाएं देखने को मिलेंगी।
चिड़िया टापू पक्षियों के लिए एक शांत जगह है। यहां आपको प्रकृति की महिमा के बीच पक्षियों के साथ कुछ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। यहां का सनसेट मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। यह जगह पोर्ट ब्लेयर से कुल 25 किमी की दूरी पर है, जहां रोड द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
रॉस आइलैंड को पूर्व का पेरिस भी कहा जाता है। बताया जाता है कि 1941 में आए भूकंप और जापानी आक्रमण के बाद रॉस द्वीप को खाली करा लिया गया था। इसके बाद रॉस आइलैंड की सुंदरता पूरी तरह से बबार्द हो गई थी। यहां पर इंग्लिश आर्किटेक्चर और मशीन गन नेस्ट के साथ आप काफी एन्जॉय कर सकते हैं।
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भारतीय प्लेट और बर्मा माइनर प्लेट के बीच टकराव के कारण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का गठन हुआ था। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह अराकान योमा रेंज (Arakan Yoma) (म्यांमार) दक्षिण का विस्तार है।
अंडमान और निकोबार में 8,249 किमी क्षेत्र में 572 द्वीप हैं। इनमें से लगभग 38 स्थायी रूप से बसे हुए हैं।
अंडमान द्वीपों का सबसे प्रसिद्ध बाजार एबरडीन बाजार है, जहां आपको स्मृति चिन्ह, सीशेल उत्पाद, मोती के आभूषण और यहां तक कि फल और सब्जियां और इस द्वीप की पेशकश की जाने वाली सभी चीजें मिलती हैं। यह अंडमान का सबसे प्रसिद्ध बाजार है।
द्वीपों पर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बंगाली है जिसके बाद हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम हैं। अंडमान द्वीप में अंडमान क्रियोल हिंदी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।
वर्ष भर अंडमान निकोबार का मौसम अच्छा रहता है और ग्रीष्मकाल में 35 डिग्री तक और सर्दियों में 15 डिग्री तक कम हो जाता है। हालांकि, मध्यम जलवायु परिस्थितियों के साथ यात्रा करने के लिए अक्टूबर से मई अधिक सुखद है।
अंडमान और निकोबार गर्मियों में (अप्रैल – जुलाई) – ग्रीष्मकालीन में तापमान 24 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। इस समय सभी वॉटर स्पोट्र्स पयर्टकों के लिए खुले रहते हैं।
अंडमान और निकोबार मानसून में (जुलाई – सितंबर) -इस समय के दौरान तापमान 22 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। लोग इन महीनों में सबसे ज्यादा अंडमान निकोबार की यात्रा करते हैं, लेकिन तब यहां वॉटर स्पोट्र्स उपलब्ध नहीं होते।
सर्दियों के मौसम में अंडमान और निकोबार (अक्टूबर – मार्च)- सर्दियों में मौसम सौम्य और सुखद रहता है। तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की यात्रा के लिए वर्ष का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मई के बीच है। यह “वार्षिक पर्यटन उत्सव” का समय भी है। मानसून के बाद स्नोर्कलर्स और तैराकों के लिए अंडमान और निकोबार जाना एकदम सही समय है। द्वीपों में ट्रॉपिकल क्लाइमेट होता है, जिसमें तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव (23-30 डिग्री सेल्सियस) और पूरे वर्ष में 80% आर्द्रता होती है। मई से लेकर मध्य सितंबर और नवंबर से मध्य दिसंबर तक साल में दो बार मानसून के दौरान मध्यम से भारी बारिश होती है। पोर्ट ब्लेयर में औसत वार्षिक वर्षा लगभग 3000 मिमी है।
मई,जून,जुलाई,अगस्त और सितंबर के महीने में द्वीपों की यात्रा करना बिल्कुल ठीक है। अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के महीने में भी भारी बारिश होती है। इसलिए अंडमान निकोबार यात्रा के लिए मई से सितंबर तक का समय अच्छा रहता है।
कई लोगों का सवाल होता है कि अंडमान निकोबार की यात्रा कैसे करें या वहां कैसे पहुंचे। तो बता दें कि अंडमान ट्रेन से नहीं जाया जा सकता। यहां कोई स्टेशन नहीं है। न ही यहां के लिए कोई बस सेवा है। अंडमान आप केवल फ्लाइट या फिर जहाज से जा सकते हैं। अंडमान आयलैंड के लिए कई फ्लाइट प्रमुख शहरों से उपलब्ध है। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बैंगलोर, कोलकाता और चेन्नई से अंडमान के लिए फ्लाइट्स मिल जाती हैं। केवल डॉमेस्टिक फ्लाइट्स ही यहां के लिए चलती हैं। हालांकि आप चाहें तो अपनी यात्रा में थोड़ा और ट्विस्ट व मजा लेने के लिए जहाज से अंडमान पहुंच सकते हैं। जहाज से जाने के लिए पहले आपको चेन्नई, कोलकाता या विजाग बंदरगाह पहुंचना होगा। इन शहरों से हर महीने दो से तीन जहाज अंडमान जाते हैं, जिनके नाम हैं चेन्नई से एमवी नानकौरी, एमवी कैंपबेल वे और एमवी स्वराजवीप, कोलकाता से एमवी निकोबार जहाज हैं।
यदि आपके पास पर्याप्त दिन हैं तो 10 दिनों के लिए अंडमान की यात्रा के लिए जा सकते हैं।
अंडमान द्वीप पर स्नोर्कलिंग, नॉर्थ बीच और एलिफेंट बीच के किनारे धूप सेंकना, स्कूबा डाइविंग, मायाबंदर में कयाकिंग, समुद्र के किनारे पर चलना, बंजर द्वीप में ज्वालामुखी का दौरा, पैरासेलिंग और जेट स्कीइंग का मजा ले सकते हैं।
अंडमान हनीमून पैकेज में कुछ डेस्टीनेशन्स होना जरूरी है। आपके अंडमान निकोबार हनीमून पैकेज में हैवलॉक द्वीप में 2 रातें, नील द्वीप में 1 रात और पोर्ट ब्लेयर में 3 रातें हों तो अंडमान हनीमून के लिए बेस्ट डेस्टीनेशन है।
अगर आप अंडमान की यात्रा पर जा रहे हैं तो औसतन 4 रातों और उससे अधिक के पैकेज के लिए आपको 9000 रूपए से 50,000 रूपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से खर्च करना पड़ सकता है।
भारतीय रुपया का उपयोग अंडमान द्वीप समूह में किया जाता है। आप हवाई अड्डे पर बैंकों या मुद्रा डीलरों से मुद्रा विनिमय कर सकते हैं। साथ ही, आप वहां के एटीएम से भारतीय रुपए निकाल सकते हैं।
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पासपोर्ट की आवश्यकता तभी होती है जब आप किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को पार करते हैं। अंडमान द्वीप समूह भारत का हिस्सा है, इस प्रकार पासपोर्ट अनिवार्य नहीं है। हालाँकि, आप चाहें तो ले जा सकते हैं। अंडमान द्वीप पर जाने वाले विदेशी यात्रियों के पास वैध वीजा होना चाहिए और उन्हें अपने प्रतिबंधित क्षेत्रों के परमिट प्राप्त करने चाहिए।
नेपाल और भूटान के नागरिकों को भारत में प्रवेश करने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होती है और इसलिए बिना वीजा के अंडमान द्वीप पर जा सकते हैं। सभी विदेशी नागरिकों को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में जाने और रहने के लिए आरएपी (Restricted Area Permit) की आवश्यकता होती है।
अंडमान और निकोबार द्वीप में शराब की अनुमति है। अंडमान और निकोबार में सरकारी स्वामित्व वाली शराब की दुकानें हैं जो शराब बेचती हैं। कुछ हिस्सों में कुछ प्रतिबंध हैं लेकिन अधिकांश द्वीपों में सरकारी लाइसेंस प्राप्त दुकानों पर शराब उपलब्ध है।
पोर्ट ब्लेयर में और उसके आसपास शाकाहारी भोजन आसानी से उपलब्ध है। यहाँ लगभग सभी रेस्तरां शाकाहारी भोजन परोसते हैं। कुछ शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां भी हैं। शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां “अन्नपूर्णा”, “बर्फीले मसालेदार” और पोर्ट ब्लेयर में “पंजाबी ढाबा” और हैवलॉक में “शकर” प्रसिद्ध हैं।
अंडमान में तीन सिम काम करती हैं। एयरटेल, बीएसएनएल, वोडाफोन। यहां एयरटेल और वोडाफोन के पास 3जी सर्विस नहीं है, जबकि Bsnl में 3जी सेवाएं हैं। इसलिए अंडमान में Bsnl की सिम अच्छा काम करती है, इसका नेटवर्क कॉलिंग भी बेहतर है।
अगर पोर्टब्लेयर की बात करें तो स्थितियां काफी बेहतर हैं। वहां वोडाफोन, एयरटेल, बीएसएनएल पूरी तरह से (केवल वॉयस कॉल के लिए) काम करेंगे। यदि आप अंडमान में 4 जी की तलाश कर रहे हैं, तो यह 3-4 साल के बाद ही संभव हो पाएगा। अब अगर आप अंडमान में पोर्टब्लेयर से बाहर की जगहों पर जाते हैं तो वॉयस कॉल के लिए भी स्थिति बहुत खराब है। Reliance Jio बहुत जल्द द्वीपों में अपना परिचालन शुरू कर रहा है, इसलिए यह द्वीपवासियों और यात्रियों दोनों के लिए वरदान होगा।
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