Ana Sagar Lake In Hindi : आनासागर झील अजमेर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो भारी संख्या में देश भर के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। आपको बता दें कि राजस्थान के अजमेर में स्थित यह झील हर साल गर्मियों के मौसम में सुख जाती है। सूर्यास्त के समय यह झील बहुत आकर्षक दिखाई देती है। अगर आप इस झील को देखने जाना चाहते हैं तो शाम के समय जाएं क्योंकि इस दौरान यह कई अदभुद दृश्य प्रस्तुत करती है। आना सागर झील राजस्थान की सबसे लोकप्रिय झीलों में से एक है और इसका नाम भारत की सबसे बड़ी झीलों की सूची में भी शामिल है। बता दें कि इस झील का निर्माण आणाजी चौहान के निर्देशन में हुआ था जो राजा पृथ्वी राज चौहान के दादा थे। इस आकर्षक झील का नाम स्वयं राजा आणाजी चौहान के नाम पर रखा गया है।
इस झील ही स्थापना 12 वीं शताब्दी के दौरान लोगों के बीच बेहतर जीवन शैली को बढ़ावा देने के साधन के रूप में लूणी नदी के पार एक बांध बनने के बाद किया गया था। आना झील दौलत बाग गार्डन से घिरी हुई है जो दिखने में एक बहुत ही शानदार बगीचा है और हरे-भरे वातावरण से भरा हुआ है। अगर आप अजमेर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो आपको इस झील को देखने के लिए जरुर जाना चाहिए, क्योंकि इसके बिना आपकी अजमेर की यात्रा एकदम अधूरी है।
अजमेर राजस्थान के सबसे मनोरम स्थानों में से एक है जिसकी वजह से यहां भारी संख्या में पर्यटक यात्रा करते हैं। यह झील 11 वीं शताब्दी से शहर का एक प्रमुख आकर्षण रही है। बता दें कि इस आकर्षक झील की स्थापना अणाजी चौहान द्वारा 1135 और 1150 ईस्वी के बीच की गई थी। इस झील का निर्माण यहां के लोगों के बेहतर जीवन के लिए किया गया था। इस झील का निर्माण तब शुरू हुआ जब लूणी नदी के पार एक बांध बनाया गया था। झील के पास कई मंडप बने हुए हैं जिन्हें बारादरी’ के रूप में जाना जाता है। यहां स्थित ज्यादातर मंडप का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा वर्ष 1637 में किया गया था। यहां स्थित एक दौलत बाग गार्डन का निर्माण मुगल शासक जहाँगीर द्वारा किया गया था। बता दें कि यह गार्डन अपनी हरियाली और प्राकृतिक परिवेश के लिए प्रसिद्ध है। बता दें कि इस झील की शोभा और सुंदरता को बनाये रखने के लिए उच्च न्यायालय ने इसके जलग्रहण क्षेत्र में किसी भी अन्य निर्माण पर रोक लगा दी है।
आना सागर झील अजमेर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर आप बैठने, शांतिपूर्ण समय बिताने और घूमने के अलावा कुछ नहीं है। यहां पर आप अपने परिवार के लोगों के साथ यात्रा कर सकते हैं और यहां आकर शांतिपूर्ण तरीके से बात कर सकते हैं। यहां आप नाव से झील के बीच स्थित द्वीप पर पहुँच सकते हैं और यहां कुछ समय बिता सकते हैं। यहां पर नाव आप दौलत बाग के पूर्वी हिस्से से किराए पर ले सकते हैं। यहां पर्यटक झील के किनारे टहलते हुए स्ट्रीट फूड जैसे पॉपकॉर्न और गोल-गप्पे का मजा ले सकते हैं। यहां पास में एक दरगाह स्थित है जहां आप घूमने के लिए जा सकते हैं।
यहा दरगाह के पास स्थित बाजार में आप स्थानीय भोजन का मजा भी ले सकते हैं। आना सागर झील के पास इसके दक्षिणी भाग पर दौलत बाग गार्डन और खोबरा बेहारून मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल है जहां की यात्रा करने के लिए आप जा सकते हैं। हालांकि इन पर्यटक स्थलों की यात्रा में बहुत ज्यादा समय नहीं लगता इसलिए आप यहां स्थित तारागढ़ किला, पृथ्वीराज स्मारक, नासिक और अढ़ाई दिन का झोंपड़ा की सैर करने के लिए जा सकते हैं।
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यहां आना सागर झील के पास कई ऐसे प्रयास किये गए हैं जिससे की यहां आने वाले पर्यटकों की यात्रा आरामदायक हो। यहां पर्यटकों के लिए लॉकर सुविधाएं उपलब्ध हैं। पर्यटक यहां भोजन आसानी से खरीद सकते हैं और यहां बाथरूम बनी हुई है, जिससे कि पर्यटकों को किसी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता।
आना सागर सागर झील की सैर के लिए पर्यटक दिन में सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 बजे तक जा सकते हैं। पर्यटक 2-3 घंटों में इस झील की सैर आराम से कर सकते हैं।
आना सागर झील जाने, देखने और घूमने के लिए कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं है लेकिन यहां अगर कोई पर्यटक बोटिंग करते हैं तो इसके लिए उन्हें 160 रूपये प्रति व्यक्ति शुल्क देना होगा।
अगर आप आना सागर झील घूमने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि यहां की यात्रा करने के सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च के बीच है। इस दौरान यहां का मौसम काफी सुखद होता है और झील में पानी भरा हुआ होता है। गर्मियों के मौसम में यहां की यात्रा करने सही नहीं है क्योंकि इस दौरान चिलचिलाती गर्मी आपको परेशान कर सकती है। गर्मियों में झील की यात्रा करना बिलकुल भी सही नहीं है क्योंकि गर्मियों झील पूरी तरह से सुख जाती है। इसलिए हम आपको सलाह देना चाहते हैं कि सर्दियों के मौसम में ही यहां की यात्रा करें।
राजस्थान का खूबसूरत शहर अजमेर विभिन्न पर्यटक और दर्शनीय स्थलों से भरा पड़ा हुआ हैं, यदि आप अजमेर की आनासागर झील घूमने जाएं तो अजमेर के इन प्रमुख पर्यटन स्थलों पर घूमने जरूर जाएं जिनकी जानकारी हम आपको नीचे देने जा रहा हैं।
अजमेर में बनी मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार भारत में न केवल मुसलमानों के लिए बल्कि हर धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता हैं। मोईन-उद-दीन चिश्ती के अंतिम विश्राम स्थल के रूप में यह मकबरा इस्लाम के नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यो को जनता के बीच फैलाने में अहम योगदान दे चुका हैं। यहा आने वाले तीर्थ यात्रियों में एक अजीब तरह की आकर्षित सुगंध की लहर पूरे समय तक दौड़ती रहती हैं। जो पर्यटकों को आध्यात्मिकता के प्रति एक सहज और अपरिवर्तनीय आग्रह के साथ प्रेरित करती है।
दरगाह शरीफ निस्संदेह राजस्थान का सबसे लौकप्रिय तीर्थस्थल है। यह एक महान सूफी संत ख्वाजा मोइन-उद-दीन चिश्ती का विश्राम स्थल है, जोकि एक महान सूफी संत थे, उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था। क्योंकि यह स्थान सभी धर्मों के लोगों द्वारा बहुत पवित्र स्थान के रूप में जाना जाता हैं।
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अजमेर का अढ़ाई दिन का झोपड़ा एक मस्जिद है, जोकि कुतुब-उद-दीन-ऐबक द्वारा निर्मित करबायी गयी थी, जोकि दिल्ली के पहले सुल्तान थे। इस झोपड़े के बारे में एक अफवाह यह है भी हैं कि इस इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्चर साइट का निर्माण ढाई दिनों में किया गया था और यहीं इसका नाम पड़ा। हालाकि आज भी यहां के अधिकांश प्राचीन मंदिर खंडहरों में हैं। धनुषाकार स्क्रीन, बर्बाद मीनारों और अलग-अलग सुंदर स्तंभों के साथ यह यात्रा करने के लिए एक अद्भुत जगह है।
अजमेर में घूमने लायक जगह अकबर का महल और संग्रहालय हैं। अकबर का यह महल 1500 ए. डी. में उस जगह पर निर्मित करबाया गया था जहां सम्राट अकबर के सैनिक अजमेर में रुके थे और यह अजमेर शहर के केंद्र में स्थित है। इस संग्रहालय में पुराने सैन्य हथियारों और उत्कृष्ट मूर्तियों को चित्रित किया गया हैं। अजमेर में बने इस संग्रहालय में राजपूत और मुगल शैली के जीवन और लड़ाई के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया गया हैं। महल मे काली जी की मूर्ती स्थापित हैं जोकि संगमरमर की बनी हुई हैं।
अजमेर से लगभग 7 किलोमीटर बाहर स्थित नारेली जैन मंदिर भारत के प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थलों में से एक है। जोकि कोणीय और हड़ताली आकर्षक डिजाइन के साथ एक सुंदर संगमरमर का मंदिर है। अजमेर का यह खूबसूरत मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने कामयाब रहा हैं, दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों की भीड़ इस मंदिर में लगी रहती हैं। जो लोग शांत वातावरण में एकान्त में समय बिताना चाहते हैं उनके लिए यह पसंदीदा स्थान हैं।
अजमेर में अलवर के चर्च रोड पर स्थित क्लॉक टॉवर प्राचीन राजपूत शासन काल का एक शाही मोहरा माना जाता है, जोकि अजमेर के निकट के इलाके का दृश्य प्रस्तुत करता है। यदि आप अजमेर जाएं तो क्लॉक टावर का नजारा भी जरूर देखे।
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दुर्गाबाघ गार्डन अजमेर में दौलत बाग राजसी अना सागर झील के तट पर स्थित एक आकर्षक उद्यान है। इस गार्डन में शिमला की एक रमणीय पृष्ठभूमि (पिछला भाग) है जिसे महाराजा मंगल सिंह द्वारा तैयार करवाया गया था। दौलत बाग के परिसर में बने गार्डन में संगमरमर का मंडप बगीचे का प्रमुख आकर्षण हैं। इसके अलावा गार्डन के सुंदर खिले हुए फूल, ऊंचे पेड़ हैं और शांत हवा मन को मोहित कर देती हैं।
किशनगढ़ शहर को भारत के संगमरमर शहर के रूप में जाना जाता हैं। किशनगढ़ शहर न केवल एक पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता हैं बल्कि यह शहर कला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। किशनगढ़ शहर यह नौ ग्रहों के मंदिर के साथ दुनिया में एकमात्र स्थान है। किशनगढ़ किला, खोदा गणेश जी मंदिर, फूल महल पैलेस और गोंडुलव झील शहर के कुछ प्रमुख आकर्षित स्थलों में से हैं।
सोनी जी की नसियां अजमेर के दर्शनीय स्थल में से एक है जिसे से लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं। यहाँ प्रसिद्ध मंदिर जैन धर्म के पहले तीर्थकर को समर्पित हैं। सोनी जी की नसियां मंदिर का मुख्य आकर्षण मुख्य कक्ष है जिसे “स्वर्ण नगरी” या “सोने के शहर” के नाम से भी जाना जाता हैं। इस मंदिर में सोने की लकड़ी की कई आकृतियां बनी हुई है जोकि जैन धर्म की कई आकृतियों को दर्शाती हैं। मंदिर में आने वाले पर्यटकों की लम्बी कतार लगी रहती हैं।
अजमेर में घूमने लायक जगहों में से एक तारागढ़ फोर्ट बूंदी का निर्माण वर्ष 1354 में किया गया था। तारागढ़ किला भारत के पर्यटक राज्य राजस्थान के अजमेर शहर में एक प्रभावशाली संरचनाओं में से एक है। बूंदी राज्य की स्थापना राव देव द्वारा की गई थी। बूंदी शहर अरावली पर्वतमाला के नाग पहाड़ी में स्थित एक आकर्षित शहर हैं और अपने मनोरम दृश्य के लिए दुनिया भर में जाना जाता हैं।
अजमेर का दर्शनीय स्थल अब्दुल्ला खान के मकबरे का निर्माण अब्दुल्ला खान के दो बेटों द्वारा किया गया था। यह एतिहासिक मकबरा अजमेर की भव्यता और अखंडता को ओर अधिक बढाता हैं। इस मकबरे के विपरीत ही अब्दुल खान की पत्नी की कब्र बनी हुई हैं।
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अजमेर में देखने लायक स्मारकों में पृथ्वीराज चौहान स्मारक बहुत लौकप्रिय हैं। अजमेर में तारागढ़ रोड पर स्थित पृथ्वीराज चौहान स्मारक एक निर्भय और वीर राजपूत राजा को समर्पित हैं। स्मारक के रूप में पृथ्वीराज चौहान की विशाल मूर्ती स्थापित हैं जिसमे वीर राजपूत राजा को काले घोड़े पर बैठे हुए दर्शाया गया हैं। इसके अलावा यह स्मारक एक पहाड़ी के ऊपर हैं, जहां से नीचे देखने पर घाटी का एक मनोरम दृश्य दिखाई देता हैं।
अकबरी मस्जिद शाहजहानी गेट और बुलंद दरवाजा के बीच में एंडर कोटे रोड पर स्थित है। लाल सैंडस्टोन में निर्मित अकबरी मस्जिद को सफेद और हरे रंग के पत्थर से सजाया गया है। चार लम्बे लम्बे मीनारों ने प्रवेश द्वार को फ्लैंक किया और मस्जिद की सुंदरता को ओर अधिक बढ़ा दिया हैं।
मेयो कॉलेज संग्रहालय अजमेर के झलवर हाउस में स्थित है और मेयो कॉलेज संग्रहालय को श्री टी एन व्यास ने बनाया था।
अजमेर का दर्शनीय स्थल साईं बाबा मंदिर पर्यटकों और भक्तो को बड़ी संख्या में आकर्षित करता हैं। 5 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ साईं बाबा मंदिर श्री सुरेश के लाल द्वारा निर्मित किया गया था। अजमेर के अजय नगर में स्थित मंदिर का उद्घाटन वर्ष 1999 में किया गया था।
अजमेर का आकर्षक स्थल अकबरी किला और संग्रहालय अजमेर के नए बाजार में संग्रहालय रोड पर स्थित है। किले और संग्रहालय में हड़ताली वास्तुकला का घमंड – मुगल और राजपुताना शैलियों का मिश्रण देखने को मिलता है। इस किला का निर्माण मुगल शासक सम्राट अशोक के द्वारा करबाया गया था। यह किला एक बार राजकुमार सलीम का निवास स्थान भी रह चुका हैं।
फोर्ट मसूदा अजमेर से 54 किलोमीटर की दूरी पर मसूदा में स्थित है। इस किले का निर्माण मूल रूप से 1595 ईस्वी के आसपास किया गया था लेकिन इस किले की हालत तेजी ख़राब हुई और यह जल्द ही एक खंडर के रूप में तब्दील हो गया। लेकिन बाद में इसे नर सिंहजी मर्तिया द्वारा बहाल और पुनर्निर्मित करने का काम किया किया गया। वर्तमान में किला शानदार अंदाज में खड़ा हुआ हैं और इसमें कई महल हैं। जैसे कांच-महल, बड़ा-महल, चंद्र-महल आदि।
अजमेर की घूमने लायक जगहों में से सांभर झील अजमेर से लगभग 64 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक खूबसूरत झील हैं। जोकि राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर स्थित है और भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी झील हैं। हालाकि इसे गुलाबी राजहंस और जलपक्षी पक्षियों की उपस्थिति के कारण रामसर साइट के रूप में भी नामित किया जा चुका हैं।
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अजमेर आने वाले पर्यटक यदि यहां होटल की तलाश में हैं, तो हम आपको बता दें कि अजमेर में लो-बजट से लेकर हाई बजट तक होटल उपलब्ध हैं, जिन्हें आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार चुन सकते हैं। तो आइयें हम आपको अजमेर की कुछ होटलो के नाम बताते हैं।
अजमेर आने वाला प्रत्येक टूरिस्ट यहां की प्रसिद्ध भोजन सामग्री का लुत्फ उठाना चाहेगा तो आइये हम आपको अजमेर के कुछ प्रसिद्ध फूड की जानकारी देते हैं। अजमेर में पसंद की जाने वाली प्रसिद्ध भोजन सामग्री में दाल बाटी चूरमा, घेवर, बाजरे की खिचड़ी, राजस्थानी पुलाव और गट्टे की सब्जी अधिक प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा प्रसिद्ध नॉन वेज आइटम जिन्हें लाल मास, चिकन / मटन करी, चिकन / मटन बिरयानी और सुला कबाब भी यहां मिल जाता हैं। शाम के समय के दौरान स्थानीय लोगों के लिए सबसे आम स्नैक कचौड़ी कढ़ी और सोहन हलवा अजमेर में प्रसिद्ध हैं। कबाब और तंदूरी नॉन वेज जैसे आइटम्स के लिए लोग दरगाह बाजार भी जाना पसंद करते हैं। इसके अलावा भी आपको अजमेर में विभिन्न प्रकार की भोजन सामग्री मिल जाएगी।
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आना सागर झील अजमेर में स्थित प्रसिद्ध अजमेर शरीफ दरगाह से सिर्फ 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर दरगाह के पास हैं तो आप उत्तर में जाकर झील तक पहुँच सकते हैं। झील यह झील अजमेर रेलवे स्टेशन से भी लगभग 2 किलोमीटर दूर है, जहाँ से आप पैदल यात्रा करके भी पहुंच सकते हैं या रिक्शा भी ले सकते हैं। अगर आप यहां पास के किसी शहर से झील की यात्रा कर रहें हैं तो आप कैब बुक करके झील तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
अजमेर शहर से लगभग 135 किलोमीटर दूरी जयपुर का सांगानेर हवाई अड्डा अजमेर का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहर दिल्ली और मुंबई जैसे शहरो से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। जब आप हवाई अड्डे पर पहुंच जाते हैं तो यहां से आप अजमेर पहुंचने के लिए एक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
यदि आपने अजमेर जाने के लिए रेल मार्ग का चुनाव किया हैं, तो हम आपको बता दें कि अजमेर शहर का रेल्वे स्टेशन “अजमेर जंक्शन रेलवे स्टेशन” हैं। जोकि मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर और दिल्ली लाइन पर स्थित है। यह स्टेशन दिल्ली, मुंबई, जयपुर, इलाहाबाद, लखनऊ और कोलकाता जैसे भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ हैं।
यदि आपने अजमेर जाने के लिए बस का चुनाव किया है तो हम आपको बता दें कि राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम के द्वारा दिल्ली, जयपुर, उदयपुर, जोधपुर और जैसलमेर जैसे आस-पास के शहरों से अजमेर को जोड़ने के लिए डीलक्स और सेमी-डीलक्स बसें नियमित रूप से चलाता है। तो आप बहुत ही आसानी से बस के द्वारा अजमेर पहुंच जायेंगे।
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इस आर्टिकल में आपने अजमेर की प्रसिद्ध आनासागर झील की यात्रा से जुड़ी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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